अमरावतीमुख्य समाचार

नुपुर शर्मा के पक्ष में पोस्ट की वजह से हुई थी हत्या

उमेश कोल्हे हत्याकांड में सनसनीखेज रहस्योद्घाटन

* केंद्रीय गृहमंत्री ने आज एनआईए को सौंपी मामले की जांच
* मंडल में खबर छपने के चलते दस दिन बाद हत्या की सही वजह सामने आयी
* देश की मीडिया में अब उदयपुर के साथ-साथ अमरावती का नाम भी चर्चा में
अमरावती/दि.2– गत मंगलवार 21 जून को स्थानीय अमरावती तहसील कार्यालय के पास मेडिकल स्टोर्स चलानेवाले उमेश कोल्हे की घंटाघर गली के पास हुई हत्या के मामले में आज सनसनीखेज खुलासा हुआ है. नैशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) की टीम इस हत्याकांड की जांच के लिए अमरावती पहुंचने की एक खबर दैनिक अमरावती मंडल में सबसे पहले कल शाम ही प्रकाशित कर दी गई थी. इस खबर के प्रकाशित होते ही मीडिया जगत में खलबली मच गई और राष्ट्रीय मीडिया इस मामले की ओर आकर्षित हुआ. ऐसा होते ही आज पूरे देश में तेजी से उमेश कोल्हे हत्याकांड की खबरें चलने लगी. यह खबरें चलते ही अब तक इस सारे मामले से राजनीतिक पार्टियोें, मीडिया और आम लोगों को दूर रहने की धमकी और हिदायत देनेवाली अमरावती पुलिस सकपका गई तथा अमरावती की पुलिस आयुक्त डॉ. आरती सिंह ने स्वयं मीडिया को बताया कि, उमेश कोल्हे की हत्या उनके (उमेश कोल्हे) द्वारा सोशल मीडिया पर नुपुर शर्मा के पक्ष में पोस्ट डाले जाने के कारण हुई है. पुलिस के अनुसार उमेश कोल्हे की पहले कुछ दिनों तक रेकी की गई. पश्चात एक एनजीओ चलानेवाले व्यक्ति, जो इस मामले का मास्टर माइंड है, द्वारा रचे गये षडयंत्र के तहत यह हत्या हुई. आज राष्ट्रीय मीडिया में खबर चलते ही देश के गृहमंत्री अमित शाह ने अधिकारिक तौर पर इस पूरे मामले की जांच एनआईए को सौंप दी है. बता दें कि, यह जांच सौंपे जाने के पूर्व ही एनआईए की टीम परसों ही अमरावती पहुंच चुकी थी. एनआईए के अलावा महाराष्ट्र एटीएस पुलिस तथा अन्य संबंधित जांच एजेंसियां भी मामले की छानबीन में जुट गये है. इस बीच इस हत्याकांड में अब तक 6 लोग गिरफ्तार किये जा चुके है, वहीं कुल 9 लोग इसमें शामिल बताये गये, जिनमें एक मास्टरमाइंड भी है. जिसकी सरगर्मी से तलाश जारी है. पुलिस ने इस सारे मामले की साजीश में राष्ट्रीय स्तर पर तार जुडे होने की बात से भी इन्कार नहीं किया है.
इस बीच 21 जून को हत्या के बाद से ही मामले के मुख्य कारणों पर पर्दा डाल रही अमरावती पुलिस राजनीतिक पार्टियों के निशाने पर दिखाई दे रही है. सांसद नवनीत राणा ने आरोप लगाया है कि, जानबूझकर मामले को छिपाया गया. यह भी संगीन आरोप है कि, यदि अमरावती पुलिस हत्या का कारण तुरंत उजागर कर देती, तो शायद उदयपुर की घटना नहीं होती, क्योेंकि अमरावती की घटना के बाद उदयपुर कांड हुआ है.                                                                                                            * 4 सदस्यीय एनआईए टीम का होटल में मुक्काम!
सूत्रों से प्राप्त जानकारी अनुसार उमेश कोल्हे हत्याकांड की जांच करने शहर में पहुंचे एनआईए की टीम ने 4 सदस्यों का समावेश है. यह टीम गुरुवार की शाम को ही अमरावती में दाखिल हो गई थी. नागपुर रोड पर स्थित एक होटल में यह जांच टीम ठहरी थी. लेकिन आज शनिवार की सुबह 8.30 बजे एनआईए टीम के सदस्यों ने चेकआउट कर लिया. जांच टीम ने यहां से अपना मुक्काम अब बदल लिया है. लेकिन उसकी किसी भी तरह की जानकारी स्थानीय पुलिस को नहीं है.

* हत्याकांड की वजहों को लेकर दस दिन से बना हुआ था संभ्रम
बता दें कि, बीते मंगलवार 21 जून को तहसील कार्यालय के पास अमित मेडिकल नामक व्यवसायिक प्रतिष्ठान चलानेवाले उमेश कोल्हे को उस वक्त मौत के घाट उतार दिया गया था, जब वे अपना मेडिकल स्टोर्स बंद करने के बाद अपने घर की ओर वापिस लौट रहे थे. न्यू हाईस्कूल मेन के बगल में स्थित घंटाघरवाली गली में घटित इस हत्याकांड के चलते शहर में अच्छी-खासी सनसनी व्याप्त हो गई थी. साथ ही पुलिस ने तुरंत हरकत में आते हुए अगले दो दिन के भीतर दो आरोपियों को गिरफ्तार किया. जिसके बाद एक-एक कर कुल 6 आरोपी अब तक पकडे जा चुके है, लेकिन उमेश कोल्हे की इन आरोपियों के साथ क्या अदावत थी और किन वजहों के चलते उमेश कोल्हे की हत्या की गई, इसकी वजहों को लेकर अधिकारिक रूप से कुछ भी सामने नहीं आया था. ऐसे में इस मामले को लेकर ‘जितने मुंह, उतनी बातें’ वाली स्थिति बनी हुई थी और दबी जुबान में यह चर्चा चल रही थी कि, चूंकि उमेश कोल्हे ने एक टीवी डिबेट के दौरान विवादास्पद बयान देनेवाली भाजपा की तत्कालीन प्रवक्ता नुपुर शर्मा द्वारा कही गई बात का सोशल मीडिया पर समर्थन किया था और इससे संबंधित पोस्ट सोशल मीडिया पर शेयर की थी. जिसके बाद उन्हें इसे लेकर धमकियां दी गई थी और उन पर अपनी पोस्ट को डिलीट करने के लिए दबाव भी डाला गया. संभवत: इसी वजह के चलते कुछ लोगों ने उमेश कोल्हे को मौत के घाट उतार दिया, लेकिन पुलिस अब तक इस बारे में अधिकारिक रूप से कोई भी बयान देने से बचती रही. परंतू अब खुद शहर पुलिस आयुक्त डॉ. आरती सिंह ने इस मामले को लेकर अधिकारिक तौर पर जानकारी देते हुए कहा है कि, उमेश कोल्हे द्वारा भाजपा प्रवक्ता नुपुर शर्मा के बयान का समर्थन करने की वजह से धार्मिक तौर पर आहत होकर आरोपियों ने उन पर जानलेवा हमला किया. जिसमें उमेश कोल्हे की मौत हो गई. सीपी डॉ. आरती सिंह द्वारा दी गई जानकारी के साथ ही उमेश कोल्हे हत्याकांड की वजह को लेकर जारी चर्चाओं और कयासों का दौर खत्म हो गया है, क्योंकि अब इस हत्याकांड की वजह स्पष्ट रूप से सामने आ गई है. जिसके मुताबिक उमेश कोल्हे को सोशल मीडिया पर नुपुर शर्मा के बयान का समर्थन करना भारी पड गया और इसी वजह से उनकी जान गई.

* अब मामले की पूरी जांच का जिम्मा एनआईए के पास
– पकडे गये 6 आरोपियों के साथ ही कई लोगों से की गई है पूछताछ
गत रोज दैनिक अमरावती मंडल ने ही सबसे पहले यह खबर प्रकाशित की थी कि, विगत 21 जून को घटित उमेश कोल्हे हत्याकांडवाले मामले की जांच करने के लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी यानी एनआईए की टीम अमरावती पहुंची है. जिसकी गत रोज अमरावती शहर पुलिस ने अधिकारिक तौर पर पुष्टि नहीं की थी. लेकिन अब यह स्पष्ट हो गया है कि, चार से पांच अधिकारियों का यह दल वाकई एनआईए से ही वास्ता रखता है, और यह दल खुद को प्राप्त शिकायतों के आधार पर अमरावती पहुंचा है. चूंकि इस दल ने अपनी आमद को लेकर शहर पुलिस आयुक्तालय को कोई अधिकारिक सूचना नहीं दी थी, जिसके चलते शहर पुलिस के आला अधिकारी एनआईए की आमद से पूरी तरह अनभिज्ञ रहे और एनआईए के अधिकारियों द्वारा इस मामले में अपने स्तर पर स्वतंत्र जांच शुरू की गई. वहीं आज शहर पुलिस आयुक्त आरती सिंह द्वारा इस हत्याकांड की वजह को लेकर मीडिया के सामने अधिकारिक जानकारी उजागर किये जाते ही यह मामला राष्ट्रीय मीडिया की सूर्खियों में छा गया. जिसके बाद केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने उमेश कोल्हे हत्याकांडवाले मामले की जांच अधिकारिक रूप से राष्ट्रीय जांच एजेंसी को सौंप दी है.
 
* पहले शहर पुलिस ने जताई थी अपनी अनभिज्ञता
बता दें कि, गत रोज ही नागपुर से एनआईए की चार से पांच सदस्यों का समावेश रहनेवाली टीम अमरावती पहुंची और इस टीम ने कोतवाली पुलिस थाने पहुंचकर अपना परिचय देते हुए उमेश कोल्हे हत्याकांड से संबंधित पूरी जानकारी हासिल की. यह खबर पुलिस सूत्रों के जरिये ही सामने आयी थी. हालांकि देर शाम तक शहर पुलिस के आला अधिकारियों ने इस खबर की अधिकारिक तौर पर कोई पुष्टि नहीं की. वहीं आज शहर पुलिस उपायुक्त विक्रम साली से इस संदर्भ में जानकारी हेतु संपर्क किये जाने पर उन्होंने बताया कि, उन्हें मिली जानकारी के मुताबिक एनआईए की टीम गत रोज अमरावती पहुंची है. लेकिन इस टीम ने शहर पुलिस को अपनी आमद के संदर्भ में अधिकारिक रूप से सूचित नहीं किया, ऐसे में वे इस बारे में निश्चित एवं पुख्ता तौर पर कुछ नहीं कह सकते. डीसीपी विक्रम साली के मुताबिक फिलहाल इस मामले की पूरी जांच सिटी कोतवाली पुलिस थाने द्वारा ही की जा रही है और जांच बेहद संतोषजनक ढंग से आगे बढ रही है. वहीं शहर में मौजूद रहनेवाली किसी बाहरी एजेंसी द्वारा की जा रही जांच का कोतवाली पुलिस की जांच के साथ कोई सीधा संबंध नहीं है और वह उस एजेंसी का अपना स्वतंत्र विषय है. लेकिन आज दोपहर बाद पूरे मामले में बडा उलटफेर हो गया, जब नैशनल मीडिया की सूर्खियों में अमरावती का नाम आते ही शहर पुलिस ने उमेश कोल्हे हत्याकांड की असली वजह को सबके सामने उजागर कर दिया. वहीं अब इस मामले की जांच अधिकृत तौर पर एनआईए के हवाले हो गई है.

* कोल्हे हत्याकांड में छठवां आरोपी धरा गया
– डॉ. युसुफ खान की हुई गिरफ्तारी
– पेशे से पशु चिकित्सक है डॉ. युसुफ खान
– बहुत जल्द मामले में आ सकता है नया मोड
वहीं विगत सप्ताह मंगलवार 21 जून को घटित उमेश कोल्हे हत्याकांड में पुलिस के हाथ एक और सफलता लगी है. जब इस हत्या में लिप्त रहने के संदेह को लेकर कोतवाली पुलिस ने डी. एड. कॉलेज परिसर में रहनेवाले डॉ. युसुफ खान नामक व्यक्ति को अपनी हिरासत में लिया. पेशे से पशु चिकित्सक रहनेवाले डॉ. युसुफ खान की गिरफ्तारी के साथ ही इस मामले में अब तक पकडे गये आरोपियों की संख्या 6 हो गई है. वहीं इस मामले में पुलिस को अब भी दो लोगों की तलाश है. जिन्हें एक-दो दिन में पकड लिया जायेगा. ऐसा विश्वास पुलिस द्वारा जताया गया है.

* इससे पहले पांच आरोपियों की हो चुकी है गिरफ्तारी
बता दें कि, उमेश कोल्हे हत्याकांडवाले मामले की जांच करते हुए पुलिस ने 23 जून की शाम लालखडी परिसर निवासी मुदस्सीर अहमद व सुफियान नगर निवासी शाहरूख पठान को गिरफ्तार किया था. वहीं इस मामले में 24 जून को बिस्मिल्ला नगर निवासी अब्दूल तौफिक उफ नानू तथा यास्मीन नगर निवासी शोएब खान उर्फ भुर्‍या को गिरफ्तार करने के साथ ही कोतवाली पुलिस ने पांचवे आरोपी के तौर पर मौलाना आजाद कालोनी निवासी आतीफ रशीद को अपनी हिरासत में लिया था. इन सभी आरोपियों को पुलिस ने अदालत में पेश करने के साथ ही उनकी पुलिस कस्टडी रिमांड हासिल की और उनसे की गई पूछताछ के बाद डी. एड. कॉलेज परिसर में रहनेवाले डॉ. युसुफ खान को आज गिरफ्तार किया गया. जिसे आज दोपहर बाद स्थानीय अदालत में पेश करते हुए कोतवाली पुलिस ने उसके लिए पुलिस कस्टडी रिमांड की मांग की है.

अब भी करीब दो आरोपियों की होनी है गिरफ्तारी
वहीं इस मामले में अब भी और दो की गिरफ्तारी होना बाकी है. जिनमें से एक को इस हत्याकांड का मुख्य सूत्रधार यानी मास्टरमाइंड माना जा रहा है. जिसके नाम का अब तक कोतवाली पुलिस द्वारा खुलासा नहीं किया गया है. हालांकि यह दावा जरूर किया जा रहा है कि, अगले एक-दो दिन में फिलहाल पुलिस की पकड से बाहर रहनेवाले दोनों आरोपियों को भी पकड लिया जायेगा.

* ‘एनआईए’ के साथ ही ‘एटीएस’ का दल भी शहर में!
– अन्य कुछ जांच एजेंसियां भी जुटी हैं पडताल में
सुत्रों के मुताबिक जहां एक ओर उमेश कोल्हे हत्याकांडवाले मामले की जांच करने हेतु एनआईए के चार से पांच वरिष्ठ अधिकारियों का एक दल गत रोज ही अमरावती पहुंचा. वहीं आज यह जानकारी भी सामने आयी है कि, उमेश कोल्हे हत्याकांड की जांच करने हेतु आतंकवाद विरोधी दल यानी एटीएस का एक पथक भी इस समय अमरावती में है और अपने स्तर पर इस मामले की बडे गोपनीय तरीके से जांच-पडताल कर रहा है. हालांकि फिलहाल तक यह किसी को भी पता नहीं है कि, यह दल अमरावती में कहां पर रूका हुआ है और इसकी अमरावती आमद कब हुई थी. इसके अलावा महाराष्ट्र एटीएस एवं राज्य गुप्त वार्ता विभाग के दल भी अपने-अपने स्तर पर इस हत्याकांड की जांच में जुटे हुए है. ऐसा भी पता चला है.
 
* डॉ. पठान को इससे पहले बयान लेकर छोडा गया था
सिटी कोतवाली पुलिस द्वारा उमेश कोल्हे हत्याकांड मामले में आज गिरफ्तार किये गये पशु चिकित्सक डॉ. फिरोज पठान को लेकर पुलिस सुत्रों के जरिये यह जानकारी भी सामने आयी है कि, कोतवाली पुलिस द्वारा जब इस मामले में पहले दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था, तो उनके जरिये मिली जानकारी के आधार पर कोतवाली पुलिस ने डॉ. फिरोज पठान को भी पूछताछ के लिए बुलाया था और बयान दर्ज करने के बाद छोड दिया था. लेकिन अब एक-एक कर पांच आरोपियों की गिरफ्तारी होने और उनसे इस मामले को लेकर विस्तृत जानकारी मिलने के बाद कोतवाली पुलिस ने डॉ. फिरोज पठान को आरोपी के तौर पर नामजद करते हुए उसे गिरफ्तार किया है.

* वारदात से एक सप्ताह पहले ही बन गया था प्लान
– लगातार की जा रही थी उमेश कोल्हे की रेकी
इस संदर्भ में पुलिस महकमे से जुडे सुत्रों के मुताबिक 21 जून से करीब एक सप्ताह पहले ही उमेश कोल्हे की हत्या करने का प्लान तैयार हो चुका था. जिसके बाद उमेश कोल्हे पर लगातार नजर रखते हुए उनकी रेकी की जा रही थी और रेकी के दौरान पता चला कि, उमेश कोल्हे रोजाना रात में अपना तहसील कार्यालय के पास स्थित अमित मेडिकल स्टोर्स बंद करने के बाद घंटाघरवाली गली से होते हुए शाम चौक की ओर जानेवाले रास्ते पर निकलते है. ऐसे मेें उमेश कोल्हे को घंटाघरवाली गली में ही घेरकर मौत के घाट उतारने की योजना बनाई गई. जिसे मंगलवार 21 जून की रात अंजाम दिया गया.

* एनजीओ चलानेवाले मास्टरमाइंड को कर लिया गया है चिन्हीत
– लोकेशन का भी पता चला, आज-कल में पकडा जायेगा
पुलिस सुत्रों के मुताबिक उमेश कोल्हे हत्याकांड की योजना बनानेवाले मुख्य मास्टरमाइंड के नाम व पते के बारे में पूरी जानकारी हासिल कर ली गई है तथा उसे आईडेंटिफाय करने के साथ-साथ उसके लोकेशन का भी पता लगा लिया गया है और यह मुख्य मास्टरमाइंड अब पुलिस की पकड से महज दो-चार कदमों की दूरी पर है. जिसे ज्यादा से ज्यादा आज या कल में पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया जायेगा. पता चला है कि, इस हत्या का मास्टरमाइंड रहनेवाला व्यक्ति शहर में एक स्वयंसेवी संगठन यानी एनजीओ चलाता है. जिसके द्वारा उमेश कोल्हे हत्याकांड की पूरी साजीश रची गई थी.

* हत्यारों में से एक आरोपी था उमेश कोल्हे का परिचित ग्राहक
पुलिस सुत्रों के जरिये मिली जानकारी के मुताबिक उमेश कोल्हे को 21 जून की रात मौकाएं वारदात पर खडे रहकर मौत के घाट उतारनेवाले आरोपियों में से एक आरोपी उनका परिचित था, जो उनके अमित मेडिकल स्टोर्स से अक्सर ही जानवरों की दवाईयां तथा पशु खाद्य की खरीददारी किया करता था. हालांकि पुलिस ने उमेश कोल्हे के परिचय में रहनेवाले आरोपी की पहचान उजागर नहीं की है.

* चार आरोपियों का पीसीआर 4 जुलाई तक बढा
– पांचवे व छठवें आरोपी की आज अदालत में पेशी
इस मामले में सबसे पहले गिरफ्तार किये गये चार आरोपियों को पहले 28 व 29 जून तथा फिर 1 जुलाई तक पुलिस कस्टडी रिमांड में रखने के आदेश अदालत ने दिये थे. जिनकी पीसीआर की अवधि को अदालत ने 4 जुलाई तक बढा दिया है. वहीं पांचवे आरोपी सहित आज छठवेें आरोपी के तौर पर पकडे गये डॉ. युसुफ पठान को आज दोपहर बाद स्थानीय अदालत में पेश किया जायेगा. जहां पर पांचवे आरोपी की पीसीआर अवधि को बढाकर देने की मांग करने के साथ-साथ छठवें आरोपी डॉ. युसुफ पठान के लिए पीसीआर की मांग की जायेगी.

* अब एनआईए खंगालेगी नैशनल व इंटरनैशनल कनेक्शन
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह द्वारा इस मामले की जांच अधिकारिक रूप से नैशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी को सौंप दी गई है. इसके साथ ही अब एनआईए ने मामले से जुडे सभी सुरागों को अपने कब्जे में लेते हुए इस घटना के तार और कहां-कहां तक जुडे हो सकते है, इसे लेकर अपनी जांच करनी शुरू कर दी है. जिसके तहत मामले में लिप्त रहनेवाले सभी आरोपियों के लोकेशन खंगालने के साथ-साथ उनके मोबाईल फोन का कॉल डेटा रिकॉर्ड भी जांचा जायेगा, ताकि यह पता लगाया जा सके कि, इस दौरान ये सभी लोग किन-किन लोगों के संपर्क में थे.

* शहर पुलिस आयुक्तालय से जारी हुआ बिना हस्ताक्षर व मुहरवाला पत्र
यहां यह विशेष उल्लेखनीय है कि, विगत दस दिनों के दौरान इस हत्याकांड की वजहों को लेकर जबर्दस्त चुप्पी व गोपनियता साधे रखनेवाली अमरावती शहर पुलिस ने आज अचानक ही इस मामले की वजह को लेकर बडा सनसनीखेज रहस्योद्घाटन कर दिया. जिसे लेकर खुद शहर पुलिस आयुक्त डॉ. आरती सिंह ने मीडिया के सामने अधिकारिक रूप से जानकारी दी. साथ ही साथ शहर पुलिस आयुक्तालय ने अपने लेटरपैड की बजाय एक सादे कागज पर बिना हस्ताक्षर और बिना मुहरवाला एक पत्र भी मीडिया के लिए जारी किया. जिसमें उमेश कोल्हे हत्याकांडवाली घटना में अब तक पकडे गये आरोपियों के नाम व पते बताये गये है.

* इन 6 आरोपियों की हुई है गिरफ्तारी
शहर पुलिस आयुक्तालय की ओर से जारी किये गये पत्र के मुताबिक उमेश कोल्हे हत्याकांड में अब तक सिटी कोतवाली पुलिस द्वारा मुदस्सीर अहमद उर्फ सोनू रजा वल्द शेख इब्राहीम (22, बिस्मिल्लानगर, लालखडी), शाहरूख पठान उर्फ बादशाहा वल्द हिदायत खान (25, सुफियान नगर), अब्दुल तौफीक उर्फ नानू वल्द शेख तसलीम (24, बिस्मिल्ला नगर, लालखडी), शोएब खान उर्फ भुर्‍या वल्द साबिर खान (22, यास्मीन नगर), अतिब रशिद वल्द आदिल रशीद (22, मौलाना आजाद नगर) तथा युसुफ खान वल्द बहादूर खान (44, बिलाल कालोनी) इन छह आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. जिनके खिलाफ भादंवि की धारा 302, 34, 120 (ब) तथा 109 के तहत अपराध दर्ज किया गया है.

* बेटे-बहू की आंखों के सामने हुआ था उमेश कोल्हे पर कातिलाना हमला
– दोनों ने अपनी आंखों के सामने देखा था मौत का नजारा
यहां यह विशेष उल्लेखनीय है कि, 21 जून की रात उमेश कोल्हे जब रात 10 बजे के आसपास अपनी दुकान बंद करके घर जाने हेतु निकले, उस वक्त उनके बेटा-बहू भी दुकान पर उनके साथ ही मौजूद थे और तीनों लोग दो दुपहिया वाहनों पर सवार होकर निकले थे. इस समय उमेश कोल्हे आगे-आगे अपनी दुपहिया लेकर चल रहे थे, वहीं उनका बेटा संकेत अपनी पत्नी के साथ पीछे दूसरी दुपहिया पर सवार होकर आ रहा था. जिनकी आंखों के सामने हमलावरों ने उमेश कोल्हे को घेरा और उनकी गर्दन पर धारदार चाकू से सपासप वार करने के बाद फरार हो गये. पीछे से आ रहे संकेत कोल्हे और उनकी पत्नी कुछ समझ पाते, इससे पहले ही तीनों हमलावर अपना काम खत्म करते हुए मौके से भाग निकले थे. इस समय बुरी तरह लहुलुहान उमेश कोल्हेे के बेटा-बहू ने चीख-पुकार मचाने के साथ ही खून से लथपथ उमेश कोल्हेे को तुरंत ही पास ही स्थित एक्झॉन अस्पताल में भरती कराया, लेकिन तब तक उमेश कोल्हेे की मौत हो चुकी थी.

* डॉ. श्रीगोपाल राठी सहित अन्य तीन-चार से एनआईए ने की पूछताछ
पता चला है कि, कोल्हे हत्याकांड की जांच कर रही एनआईए की टीम ने शहर के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. श्रीगोपाल राठी तथा दो मोबाईल शॉप संचालकों सहित अन्य तीन-चार लोगों से भी पूछताछ की है. बता दें कि, डॉ. श्रीगोपाल राठी ने भी नुपुर शर्मा का समर्थन करते हुए सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेअर की थी. जिसके बाद उन्हें अचानक ही अलग-अलग फोन नंबरों से धमकीभरे कॉल आने शुरू हो गये थे. साथ ही शहर के कई लोगों ने भी डॉ. राठी की पोस्ट को लेकर अपनी आपत्ति दर्ज कराई थी. जिसके बाद डॉ. श्रीगोपाल राठी ने सोशल मीडिया से अपनी उस पोस्ट को हटाने के साथ-साथ एक वीडियो जारी करते हुए सभी से माफी मांगी थी. इसके अलावा शहर में मोेबाईल शॉप चलानेवाले दो लोगों सहित अन्य कुछ लोगों को भी नुपुर शर्मा के पक्ष में पोस्ट शेअर करने के बाद धमकीभरे कॉल आने की बात सामने आयी. इन सभी लोगों को आज एनआईए ने पूछताछ हेतु बुलाते हुए पूरे मामले की जानकारी ली. साथ ही उनके बयान भी दर्ज किये.

* ना कोई धमकी, ना कोई चेतावनी, सीधे हत्या की गई
* सोशल मीडिया पर कोई खास एक्टिव नहीं थे उमेश कोल्हे
आज इस संदर्भ में जब उमेश कोल्हे के परिजनों से संपर्क किया गया, तो उन्होंने बताया कि, उमेश कोल्हे काफी हसमुख व मिलनसार स्वभाव के साथ ही सहृदय व सेवाभावी व्यक्ति थे और वे सोशल मीडिया पर भी कोई खास एक्टिव नहीं थे. वे फेसबुक या इंस्टाग्राम जैसी सोशल मीडिया साईटस पर बिल्कुल भी सक्रिय नहीं रहते थे. अलबत्ता वॉटसऍप पर उनका ब्लैक फ्रीडम नामक एक ग्रुप था. जिसके वे खुद एडमिन थे. पीएम नरेंद्र मोदी के कट्टर समर्थक और हिंदुत्ववादी विचाराधारा के प्रति समर्पित उमेश कोल्हे ने अपने वॉटसएप ग्रुप पर भाजपा नेत्री नुपुर शर्मा के पक्ष में कोई दो या तीन पोस्ट शेयर की थी. जिसके लिए उन्हें कभी कोई धमकी या चेतावनी भी नहीं मिली थी, लेकिन अब पता चल रहा है कि, उन्हीं दो-तीन पोस्ट की वजह से उमेश कोल्हे की निर्दयतापूर्वक एवं सुनियोजीत तरीके से हत्या की गई. साथ ही हत्या के लिए बडा सोच-विचार करते हुए ऐसा स्थान चुना गया. जहां पर लाईट और सीसीटीवी कैमरे की व्यवस्था न हो. वहीं कोल्हे परिवार ने यह भी बताया कि, अब तक उनसे एनआईए द्वारा कोई संपर्क नहीं किया गया.

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