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संतप्त नागरिकों ने किया नांदगांव पेठ का टोल बंद

ग्रामवासी धमके आयआरबी के टोल नाका पर

* जोरदार नारेबाजी, पुलिस ने निपटाया तनाव
अमरावती/दि.27- सुविधा न देते हुए मनमानी करने वाले आयआरबी प्रशासन के विरोध में संतप्त हुए नांदगांव पेठ के नागरिकों ने टोल नाके पर मोर्चा निकालकर गुरुवार को टोल नाका आधे घंटे के लिए बंद कर दिया था. इस अवसर पर नागरिकों ने टोल नाका प्रशासन के विरोध में जोरदार नारेबाजी की. कुछ समय के लिए वहां तनाव निर्माण हो गया था, लेकिन पुलिस ने मध्यस्थी कर मामला शांत किया. आयआरबी अधिकारियों ने आंदोलनकर्ताओं के सामने आने का साहस नहीं किया. सोमवार को इस बाबत आयआरबी और ग्राम पंचायत के बीच चर्चा कर हल निकालने का आश्वासन पुलिस की तरफ से दिया गया है.
नांदगांव पेठ नाका से 20 किमी दूरी तक रहने वाले नागरिकों के वाहनों पर भी टोल लगाया जाता है. महामार्ग से सटकर निर्माण करना हो तो 75 मीटर दूरी रख निर्माण कार्य करने के नियमों की अनदेखी करते हुए महामार्ग प्राधिकरण ने मनमानी करते हुए महामार्ग से सटकर मिनी रेस्टारेंट का निर्माण किया. गांव में आने वाले अंडरपास मार्ग पर बिजली की व्यवस्था न रहने से विद्यार्थियों को जान जोखिम में डालकर चलना पडता है. सडक, नाली की दयनीय अवस्था है. यात्रियों का शेड भी जर्जर है. ऐसी विविध समस्या नागरिकों व्दारा ग्रामसभा में उजागर करने के बाद ग्रामविकास अधिकारी और सरपंच को नागरिकों की तरफ से जवाब मांगा गया तब आयआरबी अधिकारी ग्राम पंचायत के पत्र नहीं स्वीकारते है और जवाब भी नहीं देते है, ऐसी जानकारी ग्रामविकास अधिकारी हर्षदा बोंडे व्दारा दिए जाने के बाद पूर्व जिप सदस्य नितिन हटवार ने ग्राम पंचायत अधिकारी व पदाधिकारियों को टोल नाके पर चलने का अनुरोध किया. इस अनुरोध के बाद अधिकारी, पदाधिकारी सहित करीबन 200 नागरिकों का मोर्चा टोल नाका पर पहुंचा. वहां अधिकारी उपस्थित न रहने से संतप्त नागरिकों ने टोल कर्मियों को वहां से हटाकर टोल का कामकाज बंद करवा दिया. आधे घंटे तक वाहन नि:शुल्क छोडे गए. टोल प्रशासन के विरोध में जोरदार नारेबाजी की गई. ग्रामवासियों के रोष को देखते हुए आयआरबी अधिकारी टोल नाके पर आने से भयभीत हो गए. आखिरकार इस प्रकरण की जानकारी नांदगांव पेठ पुलिस को दी गई. थानेदार प्रवीण काले और दत्ता देसाई के नेतृत्व वाला दल तत्काल घटनास्थल आ पहुंचा और कर्मचारियों को कामकाज सुचारु करने कहा. आंदोनकर्ताओं से चर्चा कर मामला निपटाया गया. लेकिन आयआरबी अधिकारी जब तक नहीं आते तब तक वहां से नहीं हटने की चेतावनी आंदोलनकर्ताओं व्दारा दी गई. तब पुलिस ने संबंधित अधिकारियों से मोबाइल से संपर्क कर चर्चा होने के बाद सोमवार को ग्राम पंचायत और आयआरबी अधिकारियों के बीच बैठक लेकर हल निकालने का आश्वासन दिया तब आंदोलन समाप्त हुआ. इस आंदोलन में पूर्व जिप सदस्य नितिन हटवार, शशि बैस, मोरेश्वर इंगले, सत्यजीत राठोड, मंगेश गाडगे, राजेंद्र तुले, मनीष दुधे, स्वप्नील देशमुख, सरपंच कविता डांगे, विनोद डांगे, जगदीश इंगोले, वृषाली इंगले, आशा चंदेल, पंकज शेंडे, अमित यादव, अमोल व्यवहारे सहित सैंकडो ग्रामवासी इस आंदोलन में शामिल हुए थे.

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