अमरावतीमहाराष्ट्र

गौसेवा करें, विपत्ति नहीं आएगी

गौवत्स राधाकृष्ण जी महाराज का आवाहन

* गौरक्षण में फल-सब्जियों का अनूठाप छप्पनभोग
* राजस्थानी महिला मंडल की सराहना
अमरावती/दि.25– राष्ट्रीय कीर्ति के भागवताचार्य प.पू. राधाकृष्ण जी महाराज ने गौसेवा के महत्व को विषद करते हुए कहा कि गौसेवा करनेवालों पर आपदा नहीं आती. पूरा क्षेत्र पवित्र हो जाता है. उन्होंने लोगों से श्राद्धपक्ष के पखवाडे नहीं तो संपूर्ण वर्ष गौसेवा करने का आहवान किया और कहा कि गाय खोजने की नौबत नहीं आएगी. वे गत शाम अंबानगरी पधारे. पुलगांव में भागवत कथा की प्रस्तुति पश्चात लौटती यात्रा में महाराज जी ने अमरावती के गौरक्षण संस्था को स्नेहमयी भेंट दी. उनके आगमन उपलक्ष्य गौरक्षण संस्था और राजस्थानी हितकारक महिला मंडल व्दारा गौवंश को फल और सब्जियों का अद्भुत छप्पनभोग प्रस्तुत किया गया. जिसकी प्रत्येक ने प्रशंसा, सराहना की.

* रामजी ने चराई गाय
स्वयं को गौवत्स कहलाना पसंद करते राधाकृष्ण जी ने कहा कि रामायण के अनेक संस्करणों में उल्लेख है कि रामजी ने भी गौसेवा की थी. गाय चराई थी. होता यह था कि वे राजा थे. गाय चराने वनों में जाते. कोई न कोई आ जाता. महाराज आप रहने दीजिए यह कार्य हम कर लेंगे. इस प्रकार राजा राम की गौसेवा में बाधक बन जाते.

* अयोध्या की गली-गली से परिचित
राजा दशरथ ने लडकपन में राम जी को अयोध्या की गली-गली और प्रत्येक मोहल्ले से परिचय कराने के उद्देश्य से उन्हें खेलने जाने दिया. इससे उनके न केवल बडे मित्र बने, बल्कि माताएं अपने बच्चों को नहीं भेजती. उनका उद्देश्य यही था कि इसी बहाने राम जी उनके घर पर आए. यह बात कहते हुए महाराज जी ने अधोरेखित किया कि अपने क्षेत्र से राजा का संपूर्ण परिचय होना चाहिए. प्रजा की प्रत्येक समस्या और चाह का पता रहना चाहिए.

* सरकार दें अनुदान
राजस्थान के पथमेडा में स्वयं 50 हजार से अधिक गायों के गौरक्षण संस्था का वर्षो से परिचालन कर रहे राधाकृष्ण जी ने कहा कि गायों में पितरों का, देवी-देवताओं का वास देखने की हमारी परंपरा है. सरकार को चाहिए कि वह गायों के भरणपोषण के लिए गौशालाओं को अनुदान दें. हाल के संस्था के उदाहरण भी आपने कहे. जिसके अनुसार 15 लाख रुपए देकर 96 गाय खरीदी गई.

* अंबा देवी के दर्शन
अपने निर्धारित समय से पहले ही राधाकृष्ण जी महाराज गौरक्षण पहुंचे. उन्होंने अंबामाता और एकवीरा देवी का दर्शन लाभ लिया. उपरांत हाथों से छप्पनभोग में रखे गए सेव, केले, अंजीर, स्ट्रॉबरी, अमरुद और सब्जियां तथा गुड, ढेप गौवंश को खिलाए. इस समय गौरक्षण संस्था के अध्यक्ष एड. आर. बी. अटल, सचिव दीपक मंत्री, गोपाल बियाणी, मनोहर मालपाणी, किशोर लाहोटी, सत्यनारायण रतावा, कमल सोनी, समस्त राजस्थानी हितकारक महिला मंडल उपस्थित था.

* हेडाजी की सेवा सराहनीय
महाराज जी ने व्यासपीठ से अंबानगरी के अतुलनीय गौसेवक रामस्वरुप जी हेडा की सेवा का उल्लेख किया. इसे श्लाघनीय और अनुकरणीय बतलाया. हेडा जी प्रतिवर्ष लाखों रुपए जमा कर गौसेवा के लिए देते हैं. स्वयं भी गौसेवा में सदैव अग्रणी और तत्पर रहने का राधाकृष्ण जी के मुख से उल्लेख हुआ. सभी ने करतल ध्वनी से इसका स्वागत किया. महाराज जी के आगमन पर कृष्ण कन्हैया और जय श्रीराम के जयघोष हुए.

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