अमरावती

लोक अदालत में 7,257 मामलों का निपटारा

16.12 करोड़ आपसी समझौता; कुछ दूर हुए परिवार भी जोड़े गए

अमरावती/दि.23– लोक अदालत का एक ही नारा- दोनों जीते ना कोई हारा, इस वाक्य को वास्तव में उतारते हुए हाल ही में अमरावती जिले में लोक अदालत हुई. तहसील स्तर की 12 एवं उपजिला एवं जिला मुख्यालय के 31 ऐसे कुल 44 न्याय प्रविष्ट इस अदालत का कामकाज चला. जिसके द्वारा एक ही दिन में 7 हजार 257 मामलों का निपटारा होने के साथ ही 16 करोड़ 12 लाख 55 हजार 43 रुपए का आपसी समझौता हुआ. बावजूद इसके कुछ प्रकरणों में दूर हुए परिवार भी एकत्रित लाये गए.
जिलेभर के 44 न्यायालयों में इस अदालत के माध्यम से दाखल पूर्व 5 हजार 114 और प्रलंबित मामलों में से 2 हजार 143 ऐसे कुल 7 हजार 257 प्रकरणों का निपटारा किया गया. जिसके चलते कुल 16 करोड़ 12 लाख 55 हजार 43 रुपए का लेन-देन संभव हुआ. इस लेन-देन में कुछ लोगों को बैंक के कर्ज से मुक्त होने का आनंद मिला तो कुछ कामगारों को वर्षों से अटके ग्रेच्युइटी की रकम प्राप्त हुई. आस्थापनाओं के खिलाफ मजदूरी का दावा दाखल करने वालों को भी आपसी समझौते से उनकी बकाया रकम मिली. बावजूद इसके अनेक वर्षों से बकाया कर्ज वसुल होने के कारण बैंकों को भी इस राष्ट्रीय लोक अदालत का काफी लाभ हुआ.
लोक अदालत में पारिवारिक हिंसाचार, जमीन का लेवान-देवान, धनादेश का अनादर, वाहन दुर्घटना में नुकसान भरपाई, बैंक के कर्ज वसुली में विलंब, कानून के खिलाफ जाकर काम से कम करने, कामगारों की ग्रेच्युइटी व अन्य देय रकम रोक कर रखने, पति-पत्नी अलग रहने आदि मामले समाविष्ट किए गए थे.
न्यायाधीश, वकील एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं के समक्ष दोनों ओर से संवाद साधकर ऐसे सभी प्रकरणों का निपटारा किया गया. अमरावती यह जिला मुख्यालय होने के कारण यहां के जिला व सत्र न्यायालय में तो अचलपुर के उपजिला न्यायालय सहित शेष सभी तहसील स्तर के दिवानी व फौजदारी न्यायालय में लोक अदालत ली गई थी. प्रमुख जिला व सत्र न्यायाधीश तथा जिला विधि सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष रविन्द्र जोशी, सचिव जी. आर. पाटील, अन्य न्यायाधीश, वकील संघ एवं सरकारी वकील संघ के सदस्यों के मार्गदर्शन में लोकअदालत का कामकाज पूर्ण हुआ.

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