अमरावती

सात बंगला के नागरिकों ने मनपा में ‘कीचड फेंको’ आंदोलन की दी चेतावनी

सांसद और विधायक को बताया नाकाम

* पत्र-परिषद में लगाया आरोप
अमरावती/दि.10- रहाटगांव सात बंगला परिसर में करीब 8 हजार लोग निवास करते है. विगत कई वर्षों से यहां के नागरिकों को उबड खाबड रास्ते का आवागमन करना पड रहा है. यहां के विविध इलाकों के अंतर्गत सडकों की दुर्दशा हुई है. इस संदर्भ में विधायक, सांसद को कई बार अवगत कराने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई. जनप्रतिनिधि पूरी तरह नाकाम दिखाई देते है, यह आरोप रविवार को ली पत्र-परिषद में लगाया. तथा यदि जल्द ही समस्या का समाधान नहीं हुआ तो मनपा में ‘कीचड फेंको’ आंदोलन करने की चेतावनी डॉ.रूपेश खडसे ने पत्र-परिषद के माध्यम से दी है.
सात बंगला परिसर के नागरिक पिछले 15 वर्षों से खस्ताहाल मार्ग से आवागमन कर रहे है. सडक पर गड्ढे या गड्ढे में सडक ऐसी हालत यहां के सडकों की हुई है. आए दिन हादसे होने से मार्ग की मरम्मत करना बेहद जरूरी है. इस संदर्भ में सांसद नवनीत राणा, विधायक सुलभा खोडके सहित प्रशासन से कई बार शिकायत करने पर भी कोई कदम नहीं उठाए गए. इसलिए इसके खिलाफ अब मनपा में कीचड फेंको आंदोलन करने की तैयारी सात बंगला परिसर समिति, लहुजी शक्ति सोना के विदर्भ अध्यक्ष डॉ.रूपेश खडसे ने दी है. शहर की विविध रिहायशी बस्तियों में डामरीकरण, सीमेंट कांक्रीट के रोड है. पेयजल की व्यवस्था है. लेकिन मनपा क्षेत्र में सात बंगला परिसर का समावेश रहने पर भी यहां के नागरिक सुविधाओं से वंचित है, यह आरोप खडसे ने लगाया. नागरिकों द्वारा मनपा के टैक्स का नियमित भुगतान किया जाता है. बावजूद इसके विगत 15 वर्षों से रहाटगांव से न्यू आईटीआई कॉलेज मार्ग बदहाल है. कई छात्र हादसे में चोटिल हुए है. हादसों को रोकने के लिए इस मार्ग पर मुरुम डाला जाए, सडक का डामरीकरण, अथवा कांक्रीटीकरण करें,इन मांगों को लेकर जनप्रतिनिधियों समेत प्रशासन को कई बार ज्ञापन दे चुके है. यदि जल्द ही काम की शुरुआत नहीं हुई तो आंदोलन करने की चेतावनी समिति की उपाध्यक्ष अर्चना गिरी ने दी. पत्र परिषद में अनिल सोनटक्के, गौरव गवली, समिति के अध्यक्ष अशोक पडोले, वैशाली लाइबर, राजेश यमगवली, कल्पना जोंधले, रजनी गुल्हाने, जमुना येवणे, शालिनी दंदे, शुभांगी जोगी, शोभा राउत, कल्पना चौकट, सविता पडोले, पांडुरंग गुल्हाने, शालिग्राम राउत, सोमेश्वर चौकट, प्रमोद देशमुख, सचिन टिंगणे, विकास घाटे, सतीश राउत, यशोदा तायडे, चंद्रशेखर तातकिडे, रवींद्र भालेराव, संजय कदम, प्रतिमा लांडगे, भरत दिगडे, रमेश गिरी, प्रमाण मकेश्वर, दिनेश गडपाल, सचिन वानखडे, सुरेश कराले मौजूद थे.

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