अंबापेठ उपाश्रय में परम पूज्य सोम्याजी महासती समेत सात महासतियों का मंगल आगमन
सैकडों जैन बंधुओं ने लिया प्रवचन का लाभ
अमरावती/दि.29– स्थानीय अंबापेठ स्थित श्रीवर्धमान स्थानकवासी जैन संघ उपाश्रय में सोमवार को राष्ट्रसंत परम गुरुदेव श्री नम्र मुनिजी महाराज के आज्ञनुवर्ती उग्र तपस्वी परमपूज्य सौम्याजी महासतीजी, पूज्यश्री परम महासतीजी, पूज्यश्री परम समयक्ताजी महासतीजी, पूज्यश्री परम प्रभुताजी महासतीजी, पूज्यश्री परमविभुतीजी महासतीजी, पूज्यश्री परम सहजताजी महासतीजी आदि ठाणा सात का कोलकता के चार्तुमास दौरान उग्र विहार यात्रा दौरान अमरावती में मंगलमय आगम हुआ.
अंबानगरी में उग्र तपस्वी पूज्यश्री परम सौम्याजी महासतीजी, पूज्यश्री परम समाधीजी महासतीजी आदि सात साधवी वृंद का आगमन होने पर उनके दर्शन व स्वागत के लिए जयस्तंभ चौक पर जैन समाज बंधुओं की बडी संख्या में भीड उमड पडी थी. सात सतीवृंदो की स्वागत यात्रा में शामिल होकर भाविकों ने उपकारी गुरु भगवंतों की जय जयकार, राष्ट्रसंत परमगुरुदेव नम्रमुनी म.सा. की, महासतीजी पधारे हैं. ज्ञान की गंगा लाए हैं का जयघोष किया. रायली प्लॉट से होते हुए जयसुखभाई भायाणी परिवार, गिरीशभाई पारेख परिवार के कार्यालय, प्रतिष्ठान में चरणस्पर्श व मंगलपाठ का श्रवण कराते हुए स्वागत यात्रा के साथ पूज्य महासतीजी के अंबापेठ उपाश्रय के मुख्य प्रवेशद्बार पर पहुंचे ही श्री सुशील महिला मंडल, श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन युवक मंडल, अरहम युवा सेवा ग्रुप, लुक एण्ड लर्न जैन ज्ञानधाम श्रीसंघ के सदस्यों व्दारा गर्मजोशी के साथ स्वागत किया गया.
पूज्यश्री सौम्याजी महासतीजी ने नमस्कार महामंत्र एवं अरहम के मंगलध्वनी नाद से ध्यान कराकर संपूर्ण वातावरण में पावनता पसारकर अपने बोधवचनों में कहा कि, देवानुप्रियो परमगुरुदेव की असीम कृपा और आप सबके पुण्योदय से आज फिर हमारा अमरावती की पावन भूमि पर आगमन हुआ हैं. परम महासतीजी का स्वागत व तप अनुमोदना निकीता दीदी धुवाविया के सुमधुर कंठ से मधुर गीत की पैरोडी व्दारा की गई. पूज्यश्री परम सौम्याजी महासतीजी की अखंड 494वीं आयंबिल तप की अनुमोदना भाविकों व्दारा जीवदया के छोटे-छोटे अनुदान से तथा श्रीसंघ के अनेक भाविकाेंं व्दारा एक-एक आयंबिल करने के शुभ संकल्प के साथ की गई. कार्यक्रम का संचालन निलेशभाई देसाई व्दारा किया गया.
* पूज्य महासतीजी का प्रवचन हुआ
आज सुबह 9 से 10 बजे तक आयोजित पूज्य महासतीजी की कल्याणकारी जिनवाणी का श्रवण करने सकल जैन संघ के श्रीवर्धमान वासी जैन संघ अंबापेठ में सैकडों जैन बंधु उपस्थित हुए. सभी ने मंत्रमुग्ध होकर इस प्रवचन का लाभ लिया.