अमरावती

सात वर्षीय अलीयान ने सिर्फ डेढ़ वर्ष की समयावधि में मुकम्मल की कुरान शरीफ

जमजम हॉल में दावते हदिया कार्यक्रम, अनेकों ने दी बधाई

अमरावती /दि. ६- सात वर्षीय नन्हें अलीयान ने सिर्फ डेढ़ वर्ष की समयावधि में कुरान शरीफ मुकम्मल कर ली है. जिसके उपलक्ष्य में वालिद निसार अहमद खान व परिवार द्वारा वलगांव रोड स्थित जमजम हॉल में दावते हदिया कार्यक्रम रविवार को आयोजित किया गया. इस कार्यक्रम में तुलसी सेतिया, पूर्व महापौर विलास इंगोले, कांग्रेस शहर अध्यक्ष बबलू शेखावत, रफ्फू पत्रकार, एड.शोएब खान, सुरेश रतावा, आसिफ हुसैन, आसिफ तवक्कल और शेख हमीद शद्दा आदि ने उपस्थित रहकर अलीयान को बधाई दी. कार्यक्रम की शुरूआत रात ८ बजे हुई. सबसे पहले हाफिज जावेद ईशाती ने अपने बयान में कुरान ए शरीफ को पढ़ने का महत्व समझाया. उसे मुकम्मल करने की महत्ता और कुरान ए शरीफ में अल्लाह ताला द्वारा कही गई बातों को बताया. उसके बाद नन्हें अलीयान ने सूरत ए आदिया, सूरत ए कारिया, दिगर सुरे और दुआ पढ़कर कुरान शरीफ को मखरत अदाएगी के साथ पढ़ा. अलीयान रोजाना नियमित रुप से ५ समय की नमाज अदा करता है. मदरसे के शिक्षक हाजी राजिक के मार्गदर्शन में वह दिन में कम से कम आधा घंटा कुरान शरीफ पढ़ता है. अलीयान यूनिक स्कूल का तीसरी कक्षा का छात्र है. अलीयान ने बताया कि, उसके क्लास में या दोस्तों में वह अकेला है. जिसने कुरान शरीफ मुकम्मल की है. कुरान शरीफ का अध्ययन करके उसे सुकून मिलता है. ऐसा लगता है कि, वह अल्लाह ताला के करीब मौजूद है. उसे पढ़ने-लिखने के अलावा क्रिकेट खेलना पसंह है. भविष्य में डॉक्टर बनने की मंशा अलीयान ने व्यक्त की. कार्यक्रम में मुजफ्फर मामू, नासिर हुसैन, मतीन तमन्ना, हाजी इस्माइल खान, महमूद खान, हाजी जलील खान, हाजी हमीद खान, गुलाम अहमद खान व परिवार, अरसीन खान, जावेद इशाती, सादिक खान, बबलू भाई, आतिफ खान, मिर्जा जहांगीर, मोहम्मद अजहर, फहीम भाई रेलवे, डॉ. इकरामुद्दीन, फारूख भाई, हाजी सलीम, मोहसीन खान, शानू अली, परवेज खान, डॉ.फिरोज खान, युसूफ खान, महबूब खान, हाजी साजिद, फहीम खान, जिया साहब इंजीनियर, रफीक भाई, हमीद खान, गुलाम अहमद खान, नईम भाई, जावेद इकबाल, मोहम्मद फारूख, मुश्ताक भाई, आरिफ भाई, इस्लमोद्दिन, तारीक भाई, महमूद खान समेत कई लोगों ने नन्हे अलीयान को बधाई दी.
हमारे लिए गर्व की बात
अलीयान के पिता अहमद खान ने बताया कि, उसे अकेला रहना पसंद है. स्कूल, टयूशन के अलावा वह स्केटिंग क्लासेस भी जाता है. उन्होंने कहा कि, लोग जीवन भर में भी कुरान शरीफ मुकम्मील नहीं कर पातें. अलीयान ने इतनी छोटी उम्र में यह कर दिखाया है, जो हमारे लिए बहुत गर्व की बात है. अब वह उन ४० प्रतिशत लोगों के तबके में आ गया है, जो अब तक कुरान शरीफ को मुकम्मल कर रहे है.

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