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सातवें वेतन आयोग का प्रस्ताव लटका

17 लाख कर्मचारियों का भविष्य अधर में

अमरावती/दि.18- राज्य के 17 लाख कर्मचारियों के वेतन का भविष्य तय करने वाले सातवे वेतन आयोग की त्रुटी निवारण समिती का कार्यकाल रिपोर्ट आने से पहले ही खत्म हो गया. वहीं इस समय लोकसभा चुनाव की आचार संहिता भी चल रही है. जिसके चलते राज्य के लाखों कर्मचारियों के आर्थिक भविष्य को लेकर खतरा पैदा होता दिखाई दे रहा है.
बता दें कि, सरकारी सेवा में कार्यरत कर्मचारियों के वेतन की संरचना करने के लिए प्रत्येक 10 वर्ष में वेतन आयोग की स्थापना कर कर्मचारियों के वेतन का अगले 10 वर्षों के लिए नियोजन किया जाता है. इसी के तहत 5 वर्ष पूर्व राज्य में सातवें वेतन आयोग की सिफारिश के अनुसार 17 लाख कर्मचारियों हेतु वेतन पदनिहाय संरचना की गई थी. इसके अनुसार कर्मचारियों को स्तर पध्दती से वेतन देने का काम वित्त विभाग कर रहा है.
वहीं दूसरी ओर सातवें वेतन आयोग व्दारा सरकार के कुछ विभाग के समकक्ष पद में भेदभाव करने की शिकायत राज्य के कई कर्मचारी संगठनों द्वारा की गई थी. इसके उपरान्त त्रृटी निवारण समिती की ओर से 16 मई 2024 तक सरकार को रिपोर्ट प्राप्त होना अपेक्षित था. मगर 6 महिने की समयावधी खत्म होने पर भी वेतन त्रुटी निवारण समिती ने रिपोर्ट प्रस्तुत न करने के कारण राज्य के कर्मचारियों में असंतोष फैला हुआ है.

* प्रस्ताव अपूर्ण, आचार संहिता की बाधा
राज्य में 17 लाख कर्मचारियों को सातवें वेतन आयोग मिलने के बाद शासन के 49 विभाग में समकक्ष पद को आयोग ने समान न्याय न देने का कारण अनेक विभाग के कर्मचारियों ने शासन के पास मनोदशा रखी थी. समकक्ष रहने से अनेक पदों पर ग्रेड पे लेवल में अंतर रहने के कारण सातवां वेतन आयोग के वेतन सिफारिश पर प्रश्न चिन्ह निर्माण होने के कारण शीत अधिवेशन में राज्य सरकार व्दारा वेतन त्रुटी समिती का गठन किया गया. मगर इस समिती ने धीमी गति से कामकाज करने का आरोप लगाया गया. जिसके बाद भी अभी तक वेतन त्रुुटी समिती व्दारा अंतिम रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं किया गया. मगर आचार संहिता शुरू रहते समय ही समिती का कार्यकाल खत्म हो गया यह भी विशेष है.

दो हफ्तों का समय
हाल में लोकसभा चुनाव में मंत्रालयीन अधिकारी व कर्मचारी अपनी ड्युटी निभा रहे है. जिसके कारण वेत त्रुटी समिती को 31 मई 24 तक दो हफ्तों का समय बढा कर दिया गया है. जब तक राज्य के अनेक सरकारी विभाग को उस विभाग के कर्मचारियों का वेतन त्रुटी का सुधारित प्रस्ताव वित्त विभाग को प्रस्तुत करने के बारे में अवगत किया गया है. 31 मई के बाद अभिप्राय सहित प्रस्ताव प्रस्तुत करने के बारे में उस पर विचार नहीं होने का भी स्पष्ट किया गया है. जिसके कारण अनेक विभाग वेतन त्रुटी इसके अनुसार प्रस्ताव तैयार करने में मग्न दिखाई दे रहे है.

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