घटक समाज में बेटी व्यवहार को सर्वत्र स्वीकार्यता
राजस्थानी युवक-युवती परिचय सम्मेलन का शानदार शुभारंभ
* हितकारक मंडल अध्यक्ष अनिल अग्रवाल का प्रतिपादन
* महेश भवन में दो दिवसीय आयोजन हेतु देशभर से पधारे समाज ंबंधु-भगिनी
अमरावती/दि.24- शादी ब्याह बड़ा नाजुक विषय है. दौर ऐसा है कि बड़ा सोच विचार कर अपने पुत्र-पुत्री के विवाह संबंध जोड़ने पड़ रहे हैं. इसलिए अमरावती में हितकारक मंडल के इस आयोजन में पधारे अभिभावकों तथा प्रत्याशियों से विनम्र अनुरोध है कि संपूर्ण परिचय कर लें. उपरांत विवाह संबंधी निर्णय करें. एक वृहद सोच के आधार पर यह आयोजन किया गया है. जिसे राजस्थानी समाज के सभी घटकों के 90 प्रतिशत लोगों ने आपस में बेटी व्यवहार के हमारे विचार को सहमति दी है. यह प्रतिपादन राजस्थानी हितकारक मंडल के अध्यक्ष अनिल जु. अग्रवाल ने आज यहां किया. वे बडनेरा रोड स्थित महेश भवन में स्व. चिरोंजीलाल माधोलाल अग्रवाल स्मृति में राजस्थानी युवक-युवती वैवाहिक परिचय सम्मेलन में अध्यक्षीय उद्बोधन कर रहे थे. मंच पर प्रमुख अतिथि परतवाड़ा के डॉ. संजय अनिल अग्रवाल, संयोजक प्रा. जगदीश कलंत्री, सचिव रामेश्वर गग्गड़, महिला मंडल अध्यक्षा उर्मिला कलंत्री, युवक मंडल अध्यक्ष अमित मंत्री, हितकारक मंडल के कोषाध्यक्ष किशोर गोयनका, संरक्षक देवदत्त जोशी, जगदीशबाबू अग्रवाल, जुगलकिशोर गट्टानी, पुुरुषोत्तम मुंधडा, पं. वसंत दवे, पंडित देवदत्त शर्मा, अचलपुर के पूर्व नगराध्यक्ष हरिशंकर अग्रवाल, विशाल राठी, उमेश चांडक, संजय राठी, धामणगांव तहसील अध्यक्ष अशोक मुंधडा, अचलपुर तहसील अध्यक्ष मनोहर अग्रवाल आदि विराजमान थे.
अग्रवाल ने कहा कि राजस्थानी समाज के बेटे-बेटी के अन्य समाज में विवाह या तो मजबूरी से हो रहे अथवा प्रेम विवाह हो रहे. प्रेम विवाह के विषय में कुछ नहीं कह सकते. किन्तु विवश होकर दूसरे समाज में विवाह करने की नौबत आने पर विचारपूर्वक राजस्थानी घटक समाज में ही बेटी व्यवहार का विचार सामने आया था. बड़ी प्रसन्नता की बात है कि आज भारतभर से लगभग 6 प्रदेशों से 210 प्रविष्ठियां यहां पधारी हैं. साफ है कि हितकारक मंडल की सोच देशभर में पहुंची है और लोग इस बात से सहमत नजर आ रहे हैं. अग्रवाल ने आयोजन के लिए हितकारक मंडल के 20 वर्ष से लेकर 84 वर्ष के पदाधिकारी व कार्यकर्ता के योगदान को भी गौरवपूर्ण अंदाज में व्यक्त किया. पूरे सभागार से आयोजनकर्ताओं के पक्ष में तालियां बजवा दी. उन्होंने आयोजन समिति की पग-पग पर बढ़ाई करने की अपील भी आए मेहमानों से सटिक अंदाज में की.
* परिवार को किया उपकृत
ुप्रमुख अतिथि और जिनकी स्मृति में यह आयोजन हो रहा है, ऐसे चिरोंजीलाल अग्रवाल के पौत्र डॉ. संजय अग्रवाल ने आयोजक हितकारक मंडल द्वारा पूरे परिवार को उपकृत करने का भाव व्यक्त किया. पेशे से सिद्दहस्त चिकित्सक डॉ. अग्रवाल ने नपातुला किन्तु सटिक संबोधन करते हुए कहा कि जो भी व्यक्ति समाज को साथ लेकर जीये, वहीं असली जीवन जीना है. उन्होंने कहा कि उनके दादाजी भी इसी विचार को लेकर जीवनभर चले. डॉ. अग्रवाल ने कहा कि राजस्थानी अर्थात् मारवाड़ी के किसी काम को कोई बाधा नहीं रोक सकती. जहां न पहुंचे बैलगाड़ी, वहां पहुंचे हैं मारवाड़ी.
* गग्गड़ का स्वयंस्फूर्त संबोधन
मंडल के सचिव रामेश्वर गग्गड़ ने लीक के हटकर बड़ा ही सुंदर और समर्पक संबोधन कर सभागार को सुखद धक्का दिया. उन्होंने चार-चार काव्य पंक्तियों के साथ अपनी ‘मन की बात’ सबके सामने रखी. आयोजन की कल्पना कैसे सूझी, से लेकर पहले 2019 के आयोजन को भी याद किया. गग्गड़ ने कहा कि उनके और अध्यक्ष अनिल अग्रवाल के बीच पहले जहां राजस्थानी घटक समाज की सहमति को लेकर आशंका थी, वह पहले आयोजन में ही मिले जबर्दस्त प्रतिसाद से दूर हो गई. उसी समय से दूसरे सम्मेलन का सोच विचार आरंभ हो गया था. कोरोना के कारण एक वर्ष टालना पड़ा. इस बार फिर बहुत सुंदर,सकारात्मक प्रतिसाद मिला है.
* जय राजस्थान बोलिये
धामणगांव से पधारे अशोक मुंधडा ने समय की मांग पर राजस्थानी सम्मेलन के आयोजन की बहुत प्रशंसा की. उन्होेंने कहा कि ऐसा नहीं हुआ होता तो भविष्य खतरे में पड़ जाता. हमारी अगली पीढ़ी हमें कोसती. उन्होंने समाज को ताकतवान बनाने की आवश्यकता के साथ जय राजस्थान का नारा बुलंद किया. उन्होंने कहा कि घटक समाज के सभी सदस्यों को आपस में मिलने पर राम-राम के साथ पहले जय राजस्थान का घोष करना चाहिए.
* बेटियों हेतु स्वयंवर
मंडल के संरक्षक पं. देवदत्त शर्मा ने पाणिग्रहण के समय बोले जाते मंत्र का उदाहरण देकर कहा कि बेटियां यहां अपना सौभाग्य चुनने आयी हैं. उन्हें राजघराने की तरह स्वयंवर का अवसर यह आयोजन प्रदान करता है. पं. शर्मा ने कहा कि ऐसे सरसमावेशक आयोजन के लिए बड़ा दिल होना चाहिए. अनिल अग्रवाल और हितकारक मंडल के सभी पदाधिकारियों में यह बड़प्पन है. अमरावती में यह आयोजन इस बात का प्रतीक है कि हितकारक मंडल के पदाधिकारी मन, वाणी और कर्म से बड़े हैं, स्वयं उदाहरण पेश करने से पीछे नहीं हटते.
* 100 दिनों की मेहनत सफल, सार्थक
आयोजन के संयोजक तथा माहेश्वरी पंचायत के सरपंच प्रा. जगदीश कलंत्री ने वैवाहिक परिचय सम्मेलन में पधारे अभिभावकों और समाज बंधुओं का स्नेहिल स्वागत करते हुए कहा कि गत 100 दिनों से हितकारक मंडल के सभी पदाधिकारी, महिला मंडल, युवा मंडल जो परिश्रम कर रहे हैं, आज के आयोजन में पधारे लोगों की संख्या, उत्सुकता और उत्साह को देखकर लगता है कि वह मेहनत सफल हो गई. उन्होंने भी हितकारक मंडल के अध्यक्षों के उल्लेखनीय कार्यकाल का जिक्र कर फिलहाल अनिल अग्रवाल जैसे कुशल व्यक्तित्व के कारण मंडल की प्रगति को अधोरेखित किया. संचालन सुनील अग्रवाल,सरिता गोयनका, प्रवीण नावंदर ने किया. पूजा जोशी ने हितकारक मंडल की स्थापना का इतिहास और उद्देश्य विषद किये. अतिथियों का स्वागत सर्वश्री कमलकिशोर मालाणी, अनिल अग्रवाल, रामेश्वर गग्गड़, रामप्रकाश गिल्डा, प्रा. मुकेश लोहिया, रेणु खंडेलवाल, श्याम शर्मा, मोहित सारडा, डॉ. नंदकिशोर भुतड़ा, वीरेन्द्र शर्मा, सतीश राजपुरिया, सुरेश रतावा, संजय मुणोत, साहित खंडेलवाल, बंकटलाल राठी, राजेश मित्तल, सरिता राठी ने किया.
कार्यक्रम में सर्वश्री रमेश मुरके, गोपाल राठी, एड. आर. डी. चांडक, आर.आर. खंडेलवाल, धनराज खंडेलवाल, डॉ. चंदू सोजतिया, डॉ. आनंद मालपाणी, संजय खंडेलवाल, भरत चिरानिया, प्रा. सीताराम राठी, कमल सोनी, शरद कासट, सुनील केडिया, संजय नांगलिया, बालकिसन पांडेय, प्रकाश काकाणी, श्याम शर्मा, अमित शर्मा, नरेश तिवारी, प्रा. गिरीश डागा, शांतिलाल कलंत्री, अनिल नरेडी, डॉ. रवि खेतान, मुकेश छांगाणी, खुशाल जोशी, एड. सत्यनारायण छांगानी, राजेन्द्र मोहता, डॉ. राजेन्द्र कलंत्री, उमेश चांडक, महेश चांडक, सतीश करेसिया आदि सहित बड़ी संख्या में राजस्थानी समाज बंधु-भगिनी की उत्साहपूर्ण उपस्थिति रही.
विशेष पुस्तिका का विमोचन
परिचय सम्मेलन उपलक्ष्य विशेष पुस्तिका का विमोचन आदरणीय व्यासपीठ द्वारा किया गया. इस पुस्तक में 370 युवक-युवती का परिचय दिया गया है. उल्लेखनीय है कि अधिकांश समय पर उपस्थित भी हुए हैं. केवल दो दिन पहले प्राप्त प्रविष्ठि को भी स्थान दिया गया है. इसके लिए पुस्तक प्रकाशन समिति के सदस्यों की सभी ने मुक्तकंठ से प्रशंसा की.
सभी 24 उप समितियों का दो दिवसीय परिचय सम्मेलन हेतु अपार योगदान मिला है. जिनमें सर्वश्री डॉ. राजेन्द्र कलंत्री, उमेश चांडक, महेन्द्र चांडक, महेन्द्र भुतड़ा, मनोहर भुतड़ा, मनोज साबू, वल्लभदास राठी, धनराज खंडेलवाल, किशोर गोयनका, शरद कासट, बंकटलाल राठी, हुकमीचंद खंडेलवाल, विजय अग्रवाल (मामा), श्याम शर्मा, संजय मुणोत, रामप्रकाश गिल्डा, संजय राठी, राजेश मित्तल, डॉ. रवि खेतान, मनिष खंडेलवाल, मुकेश लोहिया, सुरेश साबू, घनश्याम नावंदर, नितीन सारडा, सुनील न. अग्रवाल, सतीश राजपुरीया, आशा गग्गड़, किरण मुंदडा, संगीता खंडेलवाल, रुपा भंसाली, आनंद मालपाणी, संजय खंडेलवाल, बालकिसन पांडे, उर्मिला कलंत्री, रेशु खंडेलवाल, प्रा. मुकेश लोहिया, सुरेश जैन, बंकटलाल राठी, राधेश्याम चांडक, कमल किशोर मालाणी, भरत चिरानिया, विजय अग्रवाल, शरद कासट, रामप्रसाद गिल्डा, अमित मंत्री, साहिल खंडेलवाल सुनील केडिया, घनश्याम नावंदर, बिहारीलाल बुब, विजय चांडक, सीताराम राठी, कमल सोनी, एड. नंदकिशोर कलंत्री, मनीष कटारिया, आकाश गग्गड, अनिल मुणोत, किशोर मोहता, सुनील अग्रवाल, राजेश मित्तल, संजय आंचलिया, संजय मुणोत, सरिता गोयनका, पूजा जोशी, प्रवीण नावंदर, मनीषा अग्रवाल, राजश्री अग्रवाल, संजय अग्रवाल, प्रकाश काकाणी, राजेश चांडक, प्रमोद राठी, संजय भुतडा, नंदकिशोर भुतडा, सतीश राजपुरिया, अनिल अग्रवाल, श्याम शर्मा, वनिता डागा, ललिता रतावा, रचना सुदा, हंसा मुंदडा, सोनल राठी, रामप्रकाश गिल्डा,एड गोपाल बजाज, शरद कासट, ओमप्रकाश राठी, समता केडिया, किर्ती खंडेलवाल, वैशाली जाजू, सारिका पसारी, मनीष खंडेलवाल, जीतू शर्मा, विश्वजीत लढ्ढा, आकाश गग्गड, सुरेश रतावा, मोहित सारडा, भरत चिरानिया, अनिल मित्तल, नरेश तिवारी, गिरीश डागा, नीता काबरा, किरण साबू, रोशन सादाणी, वसंतकुमार दवे, विनोद राठी, प्रतिक राठी, आनंद मालपाणी, शांतिलाल कलंत्री आदि अनेक का सक्रिय योगदान तथा गरिमामय उपस्थिति दो दिवसीय आयोजन में दिखाई दे रही है.