महिलाओं के अधिकारों की सुरक्षा हेतु लैंगिक समानता आवश्यक
वरिष्ठ प्रशिक्षक दर्शना पवार का प्रतिपादन
अमरावती/ दि. 23- लैंगिक समानता पुरूष विरोधी नहीं है. मनुष्य के रूप में महिलाओं के प्राकृतिक अधिकारो को सुरक्षा करने और असमानता को खत्म करने के लिए लैंगिक समानता आवश्यक है. ऐसा प्रतिपादन सम्यक संस्था की वरिष्ठ प्रशिक्षक दर्शना पवार ने किया. महिला आर्थिक विकास निगम (माविम) द्बारा नव तेजस्विनी पहल के तहत पुरूष प्रशिक्षको के लिए लैंगिक समानता जागरूकता विकास कार्यशाला बुधवार को डॉ. पंजाबरव देशमुख प्रशिक्षण प्रबोधिनी में आयोजित की गई. इसमें मार्गदर्शन करते हुए पवार ने लैंगिक समानता के विषय पर जोर देते हुए उपरोक्त बात कही.
प्रबोधिनी कार्यक्रम में वरिष्ठ प्रशिक्षक दीपक अभ्यंकर, संत गाडगेबाबा अमरावती विश्वविद्यालय महिला अध्ययन केंद्र के सहायक प्राध्यापक प्रा. भगवान फालके, समाजसेवी सूचिता बर्वे, जिला सूचना अधिकारी हर्षवर्धन पवार, माविम के जिला समन्वय अधिकारी सुनील सोसे आदि प्रमुख रूप से मौजूद रहे. भगवान फालके ने कहा कि व्यक्ति के सोचने का तरीका और दृष्टि उसके व्यवहार को प्रभावित करती है. इस दौरान सभी गणमान्यों ने भाषण दिए. अर्चना खांडेकर, प्रीति भैसे, शिल्पा मारोटकर, मोना दुबे, शाादा सातंगे, स्वाति चव्हाण आदि आयोजन की सफलता के लिए कडी मेहनत कर रहे है. इस कार्यशाला में 24 फरवरी तक सम्यक संस्था के प्रशिक्षक दर्शना पवार और दीपक अभ्यंकर मार्गदर्शन करेंगे.