घायल पडी युवती के लिए शबाना बनी देवदूत
बडनेरा मार्ग पर टाटा पेट्रोल पंप के सामने की दुर्घटना
अमरावती/ दि. 7- बडनेरा मार्ग पर टाटा पेट्रोल पंप के सामने हुए सडक हादसे में दो युवतियां गंभीर रुप से घायल हो गई थी. वे रास्ते पर पडी छटपटा रही थी. उनकी सहायता के लिए कोई आगे नहीं आया. वहां उपस्थित लोग केवल फोटो और वीडियो निकालने में व्यस्त थे. उनकी तकलीफ कोई नहीं समझ पा रहा था. ऐसे वक्त में शबाना परवीन नामक एक महिला व उसकी बेटी को यह दर्दभरा दृश्य दिखाई दिया. तब उन्होंने मानवता दिखाते हुए दोनों लडकियों को ऑटो चालक की सहायता से अस्पताल पहुंचाकर जीवनदान दिया. उन दोनों लडकियों के लिए शबाना देवदूत साबित हुई.
पल्लवी अग्रवाल व अमृता तिरथकर (दोनों वाशिम) यह गंभीर रुप से घायल हुई लडकियों के नाम है. अमरावती से बडनेरा मार्ग पर स्थित टाटा पेट्रोल पंप के सामने दोनों युवतियों को किसी वाहन ने जोरदार टक्कर मारी. जिसके चलते वे दोनों गंभीर रुप से घायल होकर सडक किनारे पडी थी. उन्हें देखने के लिए लोगों की जमकर भीड लग गई थी. परंतु उस भीड में से कोई भी व्यक्ति उन घायल युवतियों को अस्पताल ले जाने की जरुरत नहीं समझ रहा था. बल्कि अपने मोबाइल में फोटो व वीडियों निकालने में व्यस्त दिखाई दे रहे थे. इस समय बडनेरा के पुरानी बस्ती निवासी शबाना परवीन व उनकी बेटी मुमताज परवीन मोपेड व्दारा अमरावती से बडनेरा की ओर जा रही थी. ऐसे में लोगों की भीड देखकर वे दोनों रुकी. दोनों लडकियां घायल दिखाई दी. उन्हें सहायता की जरुरत है, मगर कोई आगे नहीं आ रहा, यह देखकर शबाना परवीन ने तत्काल रास्ते के एक ऑटो चालक को रोका और उसकी सहायता से दोनों लडकियों को घायल अवस्था में ऑटों में डालकर जिला अस्पताल पहुंचाई. डॉक्टर ने दोनों लडकियों का इलाज शुरु किया. घायल लडकियों से पूछताछ में पता चला कि वे सिपना महाविद्यालय में पढती है.
दोपहर के समय वे दोनों जा रही थी, उस समय किसी अज्ञात वाहन ने उन्हें जोरदार टक्कर मार दी, ऐसा उन्होंने बताया. तब शबाना ना राजापेठ व बडनेरा पुलिस को सूचना दी. इसी तरह दोनों लडकियों के रिश्तेदारों को भी जानकारी दी. खबर मिलते ही दोनों लडकियों के रिश्तेदार अस्पताल पहुंचे. इस समय शबाना परवीन व उसकी बेटी मुमताज परवीन और ऑटो चालक जावेद खान याकुब खान से मिलकर रिश्तेदारों ने कहा कि, तुम लोग देवदूत बनकर जान बचाने के लिए दौडे, उसपर उन्होंने आभार माना.
मानवता ही सर्वश्रेष्ठ धर्म
घायल अवस्था में पडी लडकियों को देखकर कोई सहायता के लिए आगे नहीं आया. यह देखकर मैं और मेरी बेटी दोनों ने घायल लडकियों को मोटरसाइकिल पर अस्पताल ले जाने का निर्णय लिया, परंतु एक लडकी का पैर पूरी तरह से टूट चुका था, जिसके कारण यह संभव नहीं था, इस वजह से ऑटो चालक की सहायता से अस्पताल ले जाया गया. मानवता ही सर्वश्रेष्ठ धर्म है, ऐसा इस समय शबाना परवीन ने कहा.