अमरावती

दीपावली के फराल पर भी महंगाई का साया

चकली व लड्डू बनाना हुआ महंगा

* दाल व शक्कर सहित किराणा साहित्य के दाम बढे
अमरावती /दि.6– दीपावली को आनंद व उत्सव का पर्व माना जाता है और इस पर्व पर प्रत्येक घरों में कई तरह के व्यंजन बनाए जाते है. परंतु दीपावली के आनंद को द्विगुनित करने हेतु घर-घर में तैयार किया जाने वाला फराल इस बार महंगा सौदा साबित होता दिखाई दे रहा है. क्योंकि क्योंकि फराल बनाने हेतु लगने वाली सभी वस्तुओं के दरों में काफी बडे पैमाने पर वृद्धि हुई है. यद्यपि इस समय खाद्य तेलों के दाम कुछ हद तक कम हुए है. लेकिन अन्य पदार्थों के बढते दामों की वजह से सर्वसामान्यों के लिए फराल बनाना कुछ हद तक महंगा ही रहेगा. साथ ही अनुमान जताया जा रहा है कि, गत वर्ष की तुलना में इस बार दीपावली पर बनने वाली फराल की लागत 50 रुपए प्रति किलो की दर से अधिक रहेगी.

उल्लेखनीय है कि, अब दीपावली का पर्व शुरु होने में महज तीन दिनों का समय बचा हुआ है और आगामी रविवार 12 नवंबर को धूम धडाके के साथ दीपावली मनाई जाएगी. इसके चलते बाजार में जाडे पोहे, पतले पोहे, मका पोहे, मुरमुरे, भडंग, खाद्य तेल, गुड, शक्कर, पीसी शक्कर, घी, विविध तरह के मसाले, रवा, मैदा, आटा आदि वस्तुओं की मांग बढने लगी है. चावल के दामों में तेजी रहने के चलते पोहे के दामों में 5 रुपए प्रति किलो का इजाफा हुआ है. इसी तरह कई किराणा सामानों के दरों में तेजी है. जिसके चलते इस बार आम लोगों के लिए दीपावली पर फराल बनाना कुछ हद तक महंगा सौदा साबित होने वाला है.

* रेडिमेड फराल भी हुआ महंगा
विगत 1 वर्ष के दौरान फराल के पदार्थ बनाने हेतु लगने वाली दाल व अन्य पदार्थों की किमतों में वृद्धि होने के चलते इन दिनों अधिकांश रेडिमेड फराल विक्रेताओं ने सेव-चिवडा तथा चकली एवं बेसन-लड्डू जैसे व्यंजनों के दाम बढा दिये है.

* बचत गुटों के पास बढी मांग
अमरावती जिले में 186 महिला बचत गुटों द्वारा प्रतिवर्ष दीपावली पर फराल पदार्थ बनाया जाता है. जिनके द्वारा उपलब्ध कराए जाने वाले व्यंजन घरेलू रहने के साथ ही अपेक्षाकृत सस्ते भी रहते है. जिसकी वजह से बचत गुटों के पास दीपावली पर्व के समय फराल की अच्छी खासी मांग रहती है. इस वर्ष तो शहरी क्षेत्र के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्र में भी बचत गुटों के पास फराल साहित्य की अच्छी खासी मांग है. जिसके चलते बचत गुटों के पास इस समय अच्छा खासा काम है.

* दाल के दाम बढने से सर्वसामान्य प्रभावित
नई दाल की उपज हाथ में आने हेतु अभी 2 से 3 माह का समय शेष है. ऐसे मेें ऐन दीपावली के समय दालों के दाम बढे हुए है और दालों के थोक व चिल्लर दामों में तेजी देखी जा रही है. थोक बाजार में तुअर दाल के दाम 120 से 140 रुपए प्रति किलो के आसपास चल रहे है.

* इन वस्तुओं के भी बढे दाम
– पोहे
फराल तैयार करने में पोहे का काफी महत्व होता है. इस समय पोहे 50 रुपए प्रति किलो की दर पर बिक रहे है. वहीं अच्छी गुणवत्ता वाले पोहे के दाम 55 रुपए प्रति किलो के आसपास है.
– शक्कर व गुड
इस समय शक्कर शहरी क्षेत्र में 40 से 42 रुपए प्रति किलो तथा ग्रामीण क्षेत्र में से 45 रुपए प्रति किलो की दर पर बिक रहे है. साथ ही गुड के दाम 60 रुपए प्रति किलो के आसपास है.
– बेसन
जिले में विगत कुछ माह से दालों के दामों में तेजी रहने के चलते बेसन के दामों में भी तेजी है. बेसन शहरी क्षेत्र में 80 से 90 रुपए प्रतिकिलो व ग्रामीण क्षेत्र मेें 100 रुपए प्रति किलो की दर पर बेचा जा रहा है.

* फराल के दाम (प्रति किलो)
फराल        वर्ष 2022   वर्ष 2023
चकली           250          275
लड्डू           225           250
बालुशाही      200           250
सेव              200           300
चिवडा         270            300
शंकरपाले     250           300

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