अमरावती

दूसरे वर्ष भी होली-रंगोत्सव पर कोरोना का साया

शक्कर की गाठियां, आकर्षक पिचकारियां व विविध रंगों से सजे बाजार

अमरावती/दि.28 – कोरोना संसर्ग को एक वर्ष पूर्ण हुआ है. लगातार दूसरे वर्ष में भी होली के साथ ही रंगोत्सव पर भी कोरोना का असर कायम है. इस कारण गाठियां, पिचकारियां व विविध रंगों से सजे बाजारों में ग्राहकों की भीड़ कम होने का चित्र दिखाई दे रहा है.
प्रति वर्ष होली का त्यौहार बड़े उत्साहपूर्वक मनाने के लिये सर्वत्र नागरिक सज्ज रहते हैं. शाम के समय लकड़ी, कचरा, छेना, गोबर की चाकोली की होली जलाकर पूजा की जाती है. वहीं दूसरे दिन रंगोत्सव मनाया जाता है. पांच दिनों तक चलने वाले इस त्यौहार का सर्वत्र एक ही जल्लोष व आनंद दिखाई देता है. कोरोना संसर्ग के कारण गत वर्ष से त्यौहार, उत्सव मनाने पर रोक लगाई गई है. इस कारण होली का त्यौहार बेरंग होते दिखाई दे रहा है.
ऐन होली त्यौहार के समय गत वर्ष से कोरोना की छाया निर्माण हुई है. एक ओर नागरिकों को होली, रंगोत्सव मनाने की इच्छा रहते हुए भी कोरोना महामारी के कारण व उसके संसर्ग के भय से आगे बढ़ाये गये कदम अपने आप पीछे आते हैं. इस कारण इस वर्ष भी रंगोत्सव कोरोना के साये में ही मनाया जायेगा क्या, यह प्रश्न सर्वसामान्यों मेंं निर्माण हुआ है.
कोरोना संकट के कारण शासन व्दारा खबरदारी बरतने अनेक निर्बंध लाये है, फिर भी होली के त्यौहार पर शहर के बाजार गाठियां, पिचकारियां, विविध रंगों से सजे हैं. मात्र ग्राहकों की भीड़ दिखाई नहीं देने से बाजार में उत्साह दिखाई नहीं दे रहा है. होली के लिये बाजार सज्ज हुए है. ग्रामीण भाग में खरीदी के लिये जो उत्साह कोरोना से पूर्व दिखाई देता था, वह अब दिखाई नहीं देने से विक्रेताओं व्दारा चिंता व्यक्त की जा रही है. इसका फटका सीधे गाठी व्यवसायियों से लेकर दूकानदार को बैठा है. इस पर बढ़ती महंगाई के कारण गाठी की कीमत में बढ़ोत्तरी होते दिखाई दे रही है. कुल मिलाकर कोरोना संसर्ग के चलते इस बार भी होली, रंगोत्सव मनाने के साथ ही नागरिकों से खबरदारी लेने का आवाहन प्रशासन व्दारा किया जा रहा है. होली व रंगोत्सव के लिये एक साथ भीड़ न करने का आवाहन किया गया है.

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