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निर्माण कार्य विभाग की मुख्य अभियंता को दिया बेशरम का पौधा

राज्यपाल के दौरे के लिए रात में एक छोर के रास्ते का हुआ काम

* दूसरे छोर के रास्ते पर गड्ढे ही गड्ढे

अमरावती/ दि.30 – बडनेरा-नांदगांव-यवतमाल मार्ग पूरी तरह से गड्ढों में समा गया है. जब राज्यपाल का दौरा था तब एक ही रात में एक छोर के रास्ते को पूरी तरह से चकाचक कर दिया, लेकिन दूसरे छोर का मार्ग वैसे ही गड्ढों से पटा हुआ छोड दिया. निर्माण कार्य विभाग की इस दोगली नीति के खिलाफ युवा सेना पूर्व जिला प्रमुख प्रकाश मारोटकर व कार्यकर्ताओं ने आवाज उठाते हुए निर्माण कार्य विभाग के मुख्य अभियंता को बेशरम का पोैधा भेंट दिया. वहीं रास्ते के दूसरे छोर को भी तत्काल दुरुस्त करने की मांग की अन्यथा आंदोलन करने की चेतावनी दी.
यहां बता दें कि, अमरावती-यवतमाल महामार्ग सालभर से खराब अवस्था में है. पूरा मार्ग छोटे बडे गड्ढों में समा गया है. महामार्ग की दुरुस्ती को लेकर अनेक शिकायतें, निवेदन और आंदोलन भी किये गए, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ है. इस महामार्ग पर अनेकों हादसे हुए है. सैकडों वाहनों का यहां से आनाजाना लगा रहता है. जिससे वाहन धारकों को कमदर्द की बीमारियों ने जकड लिया है, लेकिन महामार्ग की लीपापोती करने का काम भी निर्माण कार्य विभाग की ओर से नहीं किया गया. महामार्ग की दुरुस्ती के लिए निधि नहीं मिलने की जानकारी सामने आ रही है. इसके चलते महामार्ग की हालत बद से बदतर होती जा रही है. लेकिन निर्माण कार्य विभाग को महामार्ग की बदतर सडक के चलते वाहन धारकों को हो रही परेशानियों से कोई भी लगाव नहीं दिख रहा है. इस बात का ताजा उदाहरण यह है कि हाल ही में राज्यपाल का दौरा अमरावती से पापलगांव में होने वाला था. ऐसे में निर्माण कार्य विभाग ने बडनेरा से धानोरा गुरव तक 20 किमी मार्ग का एक छोर का रास्ता दुरुस्त कर दिया, लेकिन राज्यपाल वापस इस मार्ग से नहीं जाने से रास्ते के दूसरे छोर को वैसे ही गड्ढों से पडा ही रखा. इसलिए हालिया दौर में दुरुस्त किये गए एक ही छोर से वाहन आनाजाना कर रहे है. जिससे रोजाना हादसे हो रहे है. हाल ही में दो दिन पहले एक युवक को अपनी जान गवानी पडी. ऐसे में सवाल उठ रहे है कि निर्माण कार्य विभाग और कितने लोगों की जाल लेने की प्रतीक्षा कर रहा है. युवा सेना के प्रकाश मारोटकर ने मुख्य अभियंता को बेशरम का पौधा देकर संपूर्ण महामार्ग की दुरुस्ती करने की मांग की. अन्यथा आंदोलन करने की चेतावनी दी. इस समय शुभम रावेकर, सुनील तायडे, विक्की बावीसथडे, रोशन भातकुलकर सहित अनेक युवा सेना कार्यकर्ता मौजूद थे.

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