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कुर्‍हा के तत्कालीन निरीक्षक शंकर शिंपीकर निर्दोष बरी

अमरावती/दि.17- शिकायतकर्ता द्वारा किए गए आरोप के मामले में जिला व सत्र न्यायाधीश की अदालत ने कुर्‍हा के तत्कालीन निरीक्षक शंकर शिंपीकर को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया.
जानकारी के मुताबिक शिकायतकर्ता विनोद देवीदास कांबले ने नामदेव ठाकरे और पांच अन्य लोगों के खिलाफ कुर्‍हा पुलिस स्टेशन में धारा 294, 506, 504, 447, 448, 457 व अन्य धाराओं के तहत शिकायत दर्ज की थी. उस समय शंकर शिंपीकर कुर्‍हा के थानेदार थे. शिकायतकर्ता का आरोप था कि थानेदार शिंपीकर ने आरोपियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई नहीं की और उन्हें बचाने के लिए शिकायतकर्ता को धमकी देकर शांत बैठने कहा था. इस कारण शिकायतकर्ता ने उस समय जिला पुलिस अधीक्षक को भी शिकायत की थी. लेकिन इस शिकायत पर कोई कानूनी कार्रवाई न होने से शिकायतकर्ता ने प्रथम श्रेणी न्याय दंडाधिकारी के पास आरोपियों के खिलाफ व कुर्‍हा के थानेदार शिंपीकर के खिलाफ कानूनी कार्रवाई होने बाबत अर्जी की थी. इसके मुताबिक न्यायालय के जरिए सभी आरोपी व शंकर शिंपीकर को शिकायत प्राप्त होने के बाद कानूनी कार्रवाई न करते हुए शिकायतकर्ता को धमकी देने के कारण पर से सभी को आरोपी बनाकर न्यायालय में पेश रहने बाबत आदेश पारित किए थे. तत्कालीन निरीक्षक शिंपीकर ने खुद को प्रकरण से दोष मुक्त करने चांदूर रेल्वे प्रथम श्रेणी अदालत में अर्जी की थी. लेकिन अदालत ने उसे खारिज कर दिया था. इस आदेश के खिलाफ जिला व सत्र न्यायालय ने एड. अनिल विश्वकर्मा के जरिए रिविजन अर्जी दायर की थी. इस अर्जी की सुनवाई के दौरान जिला व सत्र न्यायाधीश के ध्यान में आया कि शंकर शिंपीकर यह शासकीय कर्मचारी रहने से उनके खिलाफ खटला चलाने के लिए धारा 197 फौजदारी प्रक्रिया संहिता के तहत शासन की अनुमति लेना आवश्यक है. साथ ही चांदूर रेल्वे न्यायालय ने आदेश पारित करते समय पुलिस की तरफ से जांच न करते हुए आदेश पारित किया है. ऐसे सभी मुद्दों को देखकर जिला व सत्र न्यायाधीश ताम्हानेकर ने प्रथम श्रेणी वर्ग न्यायाधीश चांदूर रेल्वे का आदेश रद्द कर शंकर शिंपीकर को दोषमुक्त कर दिया. शिंपीकर की तरफ से एड.अनिल विश्वकर्मा ने काम संभाला. उन्हें एड. अनिरुद्ध लड्ढा, एड. नम्रता साहू ने सहयोग किया.

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