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अनाथो के नाथ शंकरबाबा पापलकर को किया गया पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित

इस भाऊक पल का वझ्झर आश्रम में मूकबधिरो ने भी लिया आनंद

* पद्मश्री मिलते ही मूकबधिरो की आंखे भर आई
अमरावती /दि.11– अनाथो के नाथ शंकरबाबा पापलकर को गुरुवार 8 मई को नई दिल्ली में राष्ट्रपति के हाथों पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया. इस भाऊक पल को वझ्झर आश्रम के मूकबधिरो ने भी टीवी पर देखा. शंकरबाबा को राष्ट्रपति के हाथों पद्मश्री मिलने पर इस समारोह का सीधा प्रसारण देख रहे मूकबधिरों की आंखे भर आई.

जिले के अचलपुर तहसील में आनेवाले वझ्झर स्थित अंबादासपंत वैद्य आश्रमशाला के सर्वेसर्वा शंकरबाबा पापलकर ने अनाथ और दिव्यांग बच्चो के पुनर्वास के लिए अपना जीवन समर्पित किया है. वर्तमान में वे 132 अनाथ बच्चों का पालनपोषण कर रहे है. वर्षो से उनके जारी इस कार्य को देखते हुए उन्हें केंद्र सरकार ने पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया. गुरुवार 8 मई को नई दिल्ली में आयोजित समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के हाथों उन्हें पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया. अमरावती जिले के सभी नागरिको ने इस पल का टीवी जारी सीधा प्रसारण पर आनंद लिया. साथ ही उन्हें पद्मश्री मिलते ही वझ्झर स्थित आश्रम के सभी दिव्यांग व मूकबधिर बच्चो ने जोरदार तालियां बजाई और अपनी खुशी का इजहार किया. वझ्झर आश्रम में शाम 6 बजे से टीवी शुरु कर रखा गया था. मूकबधिर बच्चे अपने बाबा को पुरस्कार मिलने का पल देखने के लिए उत्साहित थे. सभी के चेहरो पर खुशी दिखाई दे रही थी. सभी लोग टीवी की तरफ देख रहे थे. शाम 6 बजे राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शंकरबाबा पापलकर को पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया. इस पल को देख वझ्झर आश्रम में उपस्थित सभी लोगों की आंखे भर आई. पुरस्कार मिलते ही वहां के लोगों ने तालियों की गडगडाहट की. वझ्झर आश्रम के कर्मचारियों ने अपने जीवन का यह अविस्मरणीय पल बताया. अचलपुर तहसील सहित अमरावती जिले के सभी नागरिको ने इस समारोह को देखा. दिव्यांग व अनाथो के पुनर्वास के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित करनेवाले वरिष्ठ समाजसेवी शंकरबाबा पापलकर की सेवा से सभी लोग परिचित है. पद्मश्री मिलने पर जिले के नागरिको ने शंकरबाबा का अभिनंदन किया है.

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