परतवाडा/दि.27– वरिष्ठ समाजसेवी शंकरबाबा पापलकर की दिव्यांग मानस कन्या रुपा को इलाज हेतु नागपुर के शासकीय मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जहां पर उसके पैर की शल्यक्रिया की गई और अब जल्द ही रुपा तंदुरुस्त होकर वापिस आएगी. ऐसा विश्वास मेडिकल कॉलेज के अधिष्ठाता ने शंकरबाबा पापलकर को दिया है. जिसके चलते वझ्झर स्थित स्व. अंबादासपंत वैद्य दिव्यांग व अनाथ बालगृह में रहने वाले अन्य बच्चों को खुशी की लहर देखी जा रही है.
बता दें कि, रुपा नामक यह बच्ची कई वर्ष पहले नदी किनारे अनाथ पायी गई थी. उस वक्त उसकी आयु 1 वर्ष थी. जिसे अदालत के आदेश पर वझ्झर स्थित आश्रम में दाखिल कराया गया था. जहां पर शंकरबाबा पापलकर ने उसे मां-बाप का प्यार देने के साथ ही उसका पालन-पोषण करते हुए उसे पढा-लिखाकर बढा किया और अपनी पढाई पूरी करने के बाद रुपा इस समय अचलपुर नगर परिषद में नौकरी कर रही है. कमर से नीचे लाचार रहने वाली रुपा को विगत कुछ दिनों से पैरों की तकलीफ हो रही है. जिसके चलते उसे विगत 14 अगस्त को अमरावती के जिला सामान्य अस्पताल से नागपुर के सरकारी मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया. जहां पर 16 अगस्त को उसके पैर पर बडी शल्यक्रिया करने के बाद 24 अगस्त को प्लास्टिक सर्जरी की गई. वहीं अब 70 दिनों के इलाज पश्चात उसकी प्रकृति में सुधार दिखाई दे रहा है. जिसे देखते हुए मेडिकल कॉलेज के अधिष्ठाता डॉ. गजभिये ने शंकरबाबा को आश्वस्त दिया है कि, रुपा जल्द ही पूरी तरह से स्वस्थ होकर बालगृह में वापिस आएंगी.
* नागपुरवासी ने रुपा को दशहरे की शुभकामनाएं
विशेष उल्लेखनीय है कि, दशहरे के पर्व पर पूर्व मंत्री अनिल देशमुख, आदिवासी आयुक्त रविंद्र ठाकरे, सूचना विभाग के अधिकारी अनिल गडेकर, म्हाडा के अध्यक्ष चंद्रकांत मंत्री सहित नागपुर के कई पत्रकारों, महिला मंडलों ने रुपा से मुलाकात करते हुए उसे सोना देकर आशीर्वाद प्रदान किया. साथ ही क्रिश्चियन धर्मगुरु ने रुपा के स्वास्थ्य को लेकर विशेष प्रार्थना करते हुए उसे आशीर्वाद दिया.