स्कूलों को अर्पित की जाती है ‘शारदा मूर्ति’
ज्ञानज्योति महिला मंडल का सराहनीय कार्य
* उच्च शिक्षित बहुएं संभाल रहीं विरासत
* कोजागिरी तक पूजा-अर्चना
अमरावती/दि.9-शहर के ज्ञानज्योती महिला मंडल, भाउ कॉलोनी राधा नगर पंचवटी द्वारा प्रतिवर्ष नवरात्रि में स्थापित होनेवाली ज्ञान की देवी शारदामाता की मूर्ति का विसर्जन नहीं किया जाता. बल्कि प्रतिवर्ष वह मूर्ति स्कूलों को भेट स्वरुप दान दी जाती हैं. मंडल कार्यकारिणी की उच्चशिक्षित बहुएं उन्हें उनकी सास द्वारा हस्तांतरित हुई उत्सव की इस विरासत बखूबी संभाल रही हैं.
मंडल ने विगत वर्ष की शारदामूर्ति बोराला के चंद्रपुरी महाराज आश्रमशाला को दान दी हैं. अब तक शिवाजी महाराज मराठी शाला पंचवटी और जिला परिषद की प्राथमिक मराठी शालाओं को शारदा देवी की मूर्ति का दान किया गया हैं. इस वर्ष बुधवार 9 अक्टूबर को शारदा देवी मूर्ति की स्थापना की गई. जिसके बाद भव्य सामूहिक दशहरा महोत्सव, भुलाबाई का त्यौहार, कोजागिरी पूर्णिमा उत्सव भी सामूहिक रूप से मनाया जाएगा. जिससे शारदा स्थापना से लेकर कोजागिरी तक पूरी कॉलोनी एकजुट दिखेंगी.
वर्ष 1985 में स्थापित इस मंडल का यह 40 वां वर्ष हैं. 40 दशक पहले कॉलनी की 50 महिलाओं ने भाऊ कॉलनी शारदोत्सव मंडल के नाम से शारदा मंडल की स्थापना की थी, अब यह मंडल ज्ञानज्योती महिला मंडल के नाम से रजिस्टर्ड हैं. आज भी मंडल की कार्यकारिणी में 50 से अधिक डॉक्टर्स, पीएचडी होल्डर्स, सीए, प्राध्यापक, अधिकारी, शिक्षिका, उद्योजिका, समाजसेवी, राजनितिक क्षेत्र में कार्यरत महिलाएं तथा गृहिणियां सक्रिय कार्यरत हैं.
* मंडल की स्थापना के 25 वे वर्ष में
सभी फाउंडर महिला सदस्यों ने अपने-अपने अधिकार अपनी-अपनी बहुओं को भव्य वान वितरण कार्यक्रम का आयोजन कर हस्तांतरित किये हैं. मंडल में 8 दिन की उत्सव आयोजन श्रृंखला में प्रतिवर्षानुसार एक से 80 वर्ष आयु गुट के सभी के लिए वाद-विवाद, पाककला, गायन, बच्चों की विविध मैदानी स्पर्धा, वक्तृत्व स्पर्धा, फॅन्सी ड्रेस स्पर्धा, स्वास्थ्य जांच शिविर, रक्तदान शिविर, वृद्धाश्रम में भेट-वस्तु वितरण, सभी आयु गुट के प्रविण्याप्राप्तों का सत्कार कार्यक्रमों का आयोजन किया गया हैं. मंडल की अध्यक्ष पुष्पा साखरे सहित आशा टवाणी, भारती वानखड़े, दीपाली इंगले के मार्गदर्शन में उत्सव कारकारिणी अध्यक्ष अपर्णा बेलसरे, सुचिता लाढ़गे, वैशाली इंगोले, शुभांगी सॉल्व, मुक्ता साखरे, मोनिका बेलसरे और अन्य महिलाओं ने इस वर्ष के आयोजन-नियोजन की जिम्मेदारी संभाली हैं.
* अभूतपूर्व सामूहिक दशहरा मिलन
ज्ञानज्योती महिला मंडल द्वारा हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी सामूहिक दशहरा मिलन कार्यक्रम का आयोजन किया गया हैं. इसमें कॉलोनी से सभी जेष्ठ महिला-पुरुष तथा उनके पारिवारिक सदस्य शामिल होकर एक-दूसरे को सोना अर्पण करेंगे. इसी तरह भुला बाई का त्यौहार और सामूहिक कोजागिरी पूर्णिमा उत्सव का आयोजन होंगा. इस दौरान इस वर्ष की उत्सव मूर्ति किस शाला को भेंट देनी हैं, इसपर भी निर्णय लिया जाएंगा. ऐसा मंडल की अध्यक्ष पुष्पा साखरे ने बताया.
* नाट्य लेखन-प्रस्तुतिकरण हेतु प्रसिद्ध मंडल
मंडल की संस्थापक अध्यक्ष पुष्पा साखरे को नाट्य लेखन में महारथ हासिल हैं. मंडल द्वारा प्रतिवर्ष नए नाट्य का लेखन कर उसकी प्रस्तुति की जाती हैं. इनमे से ही दो मराठी नाटक कटपीस सासू और भाविक निघाले कुंभमेळ्याला ने राज्यभर में धूम मचाई हैं. 50 से अधिक प्रयोग इन दोनों नाटकों के हुए हैं. सांस्कृतिक क्षेत्र में भी मंडल का बड़ा योगदान हैं.