* हर ओर सुनाई दे रहा ‘जय माता दी’ का उद्घोष
अमरावती/दि.26- आज से अमरावती शहर सहित जिले में बडी धूमधाम के साथ नौ दिवसीय शारदीय नवरात्रौत्सव की शुरूआत हुई. जिसके तहत सार्वजनिक मंडलोें सहित माता रानी के प्रति भक्ति व आस्था रखनेवाले भाविक श्रध्दालुओें के निवास पर बडी श्रध्दा व आस्था के साथ विधि-विधानपुर्वक घट स्थापना की गई. जिसके चलते आज सुबह से ही चहुंओर जय माता दी का उद्घोष सुनाई देता रहा.
बता दें कि, पिछले दो वर्षों के दौरान कोविड संक्रमण के खतरे की वजह से अन्य सभी पर्व एवं त्यौहारों की तरह नवरात्रौत्सव पर भी विभिन्न तरह के प्रतिबंध लागू रहने के चलते सन्नाटे का साया पसरा रहा. लेकिन अब कोविड की बीमारी के संक्रमण की रफ्तार और खतरा घट गया है. जिसके चलते सभी तरह के प्रतिबंधों को हटा दिया गया है. ऐसे में अभी हाल-फिलहाल ही दहीहांडी और गणेशोत्सव जैसे त्यौहार बडी धूमधाम से मनाये गये. वही अब माता रानी की उपासना व भक्ति का पर्व रहनेवाले नवरात्रौत्सव की भी बडी शानदार शुरूआत हुई है. जिसके तहत आज सुबह अमरावती सहित विदर्भ क्षेत्र की कुलस्वामिनी कही जाती अंबादेवी व एकवीरादेवी के मंदिर में मंगलकलश स्थापित करते हुए घट स्थापना की गई. साथ ही भाविक श्रध्दालुओं ने अपने-अपने घरों और सार्वजनिक पंडालों में भी घट स्थापित करते हुए अखंड ज्योत प्रज्वलित की. वहीं कई भाविक श्रध्दालुओें के घरों और सार्वजनिक पंडालों में शक्ति स्वरूपा मां दुर्गा एवं विद्या दायिनी मां शारदा की प्रतिमाएं भी अलग-अलग रूपों में स्थापित की गई.
बता दें कि, अमरावती शहर पुलिस आयुक्तालय क्षेत्र अंतर्गत 490 सार्वजनिक मंडलों में मां दुर्गा व 84 मंडलों में मां शारदा की प्रतिमा स्थापित की गई है. वही जिला ग्रामीण पुलिस अधिक्षक कार्यालय अंतर्गत जिले के तहसील एवं ग्रामीण क्षेत्रों में 1,506 मंडलों द्वारा मां दुर्गा तथा 200 मंडलों द्वारा मां शारदा की प्रतिमा स्थापित की गई है. जहां पर आज पूरा दिन धार्मिक अनुष्ठानों का दौर चलता रहा और गाजे-बाजे के साथ लायी गई माता रानी की प्रतिमाओं को विधि-विधान पूर्वक स्थापित करते हुए माता रानी के सभी रूपों का आवाहन किया गया.
* शहर सहित जिले में चहुुंओर कडा बंदोबस्त
नवरात्रौत्सव के दौरान शहर सहित जिले में कानून व व्यवस्था के साथ ही शांतिपूर्ण स्थिति बनाने रखने हेतु पुलिस महकमे द्वारा बंदोबस्त के बेहद व्यापक व चाक-चौबंद इंतजाम किये गये है. जिसके तहत अमरावती शहर पुलिस आयुक्तालय क्षेत्र में सीपी डॉ. आरती सिंह के आदेश से शहर में 2 पुलिस उपायुक्त, 5 सहायक पुलिस आयुक्त, 33 पुलिस निरीक्षक, 83 पुलिस उपनिरीक्षक, 1,688 पुलिस कर्मचारी, 1 एसआरपीएफ कंपनी, 2 आरसीपी प्लाटून, 1 क्यूआरटी प्लाटून तथा 500 होमगार्ड को बंदोबस्त में तैनात किया गया है. साथ ही शहर के महत्वपूर्ण चौक-चौराहों एवं भीडभाडवाले स्थानों पर फिक्स पॉइंट ड्यूटी लगायी गई है. इसके अलावा नागरिकों, विशेषकर महिलाओं की सुरक्षा के लिए 12 सीआर मोबाईल, 7 दामिनी पथक, बीट मार्शल और 112 क्रमांक के वाहनोें को लगातार पेट्रोलिंग पर रखा जा रहा है.
वही जिला ग्रामीण पुलिस अधीक्षक कार्यालय द्वारा जिले के विभिन्न पुलिस थाना क्षेत्रों में बंदोबस्त हेतु 6 पुलिस उपाधीक्षक, 20 पुलिस निरीक्षक, 120 एपीआई व पीएसआई व 1800 पुलिस कर्मचारियों सहित एसआरपीएफ की दो कंपनियों व 800 होमगार्ड को तैनात किया गया है. इसके अलावा जिले के संवेदनशील व अतिसंवेदनशील क्षेत्रों पर नजर रखने हेतु विशेष इंतजाम किये गये है. साथ ही शहर सहित जिले में पेशेवर अपराधियोें की धरपकड का अभियान भी युध्दस्तर पर चल रहा है.
* आज से शुरू होगी गरबे की धूम
– शहर में 52 स्थानोें पर सजेगा गरबा
उल्लेखनीय है कि, नवरात्रौत्सव शुरू होने के साथ ही दांडिया व गरबा उत्सव भी शुरू हो जाता है. जिसके लिए शहर में कई स्थानों पर रासगरबा का आयोजन किया जाता है. जिसमें भाविक श्रध्दालु पारंपारिक गीतों पर गरबा नृत्य प्रस्तुत करते हुए माता रानी की आराधना करते है. इस वर्ष अमरावती शहर में कुल 52 स्थानोें पर गरबा उत्सव आयोजीत करने की अनुमति मांगी गई है. इसमें भी सबसे बडा गरबा कैम्प परिसर स्थित गर्ल्स हाईस्कुल के मैदान तथा होटल महफिल इन के बंधन लॉन में आयोजीत होने जा रहा है. जहां पर आज शाम से ही गरबा उत्सव की धूम शुरू हो जायेगी.
एकवीरा मंदिर में आज से ही करंबेलकर के कीर्तन
श्री एकवीरा देवी संस्थान द्बारा शारदीय नवरात्रि महोत्सव 2022 अंतर्गत अनेकानेक आयोजन किये गये है. जिसका प्रारंभ सोमवार को हो गया. रोजाना अनेक महिला भजन मंडल माता रानी के चरणों में भजनरुपी सेवा अर्पित करेंगे. इसी कडी में कीर्तन सेवा के लिए हभप मकरंद करंबेलकर के सुश्राव्य कीर्तन रोज रात 8 से 10 बजे दौरान एकवीरा देवी मंंदिर परिसर में होंगे. सोमवार 3 अक्तूबर तक रहने वाले कीर्तनों का लाभ लेने का आग्रह संस्थान ने किया है. साथ ही यह भी बताया कि, मंगलवार 4 अक्तूबर को रात 8 बजे से वारकरी कीर्तन आयोजित है. हभप ज्ञानेश्वर महाराज वाघ वारकरी कीर्तनों की प्रस्तुती देंगे. संस्थान के अनुसार उत्सव में दैनिक अन्नदान यजमान मात्र 25 हजार रुपए में बना जा सकता है. अन्न क्षेत्र मेें उत्सव दौरान 5 से 6 हजार भाविक प्रसाद पाते हैं.
श्री अंबामाता की ये हैं विशेषताएं
* शारदीय नवरात्रि 2022 विशेष
श्री अंबा माँ का मंदिर हजारों भक्तों का श्रद्धा स्थान है. यह भारतवर्ष के शक्तिपीठ में से एक है. यह श्री भगवान श्रीकृष्णजी का ससुराल और रुक्मिणी देवी का लक्ष्मी रुप है. दु:खी लोगों को सुख देने वाला निराश्रीतों के आंसू पोंछकर उन्हेें आश्रय देने वाला जागृत स्थान है. श्री अंबामाता की मूर्ति स्वयंभू और पुरातन है इतना ही संदर्भ इतिहास में मिलता है. माँ की स्थापना के बारे में कभी कोई भी जानकारी प्राप्त नहीं होती. श्री अंबा माँ की मूर्ति काले रंग की होकर आसनस्थ है. दोनों हाथ गोद में रखे हुए है आँखों अर्धोन्मिलित होकर शांत गंभीर ध्यानस्त ऐसी मुद्रा धारण की है. श्री अंबामाता की मूर्ति का सालंकृत दर्शन करते समय सुवर्ण का मुलामा किंतु जो चांदीसे बना हुवा है वह इ.स. 1905 में तैयार किया गया है. उसके उपर 10 तोले सुवर्ण का मुलामा चढाया गया है. त्यौहार के दिन, मंगलवार के दिन तथा पुर्णिमा अमावस्या को माँ की पूजा समाप्त होने पर संपूर्ण सुवर्णालंकार पहनाये जाते है. माँ का मुख सोने का है और माँ के मांग पर बिंदी, कान मेें कुंडल बाली, नाक में नथनी, गले में सोने के विविध प्रकार के हार इस प्रकार से गले से लेकर कमर तक सारे अलंकार तथा कमर में कमरपट्टा इस प्रकार असंख्य गहने पहनाये जाते हैं. श्री अंबा माँ की श्रृंगार पहनाने की पद्धती विशेषतापूर्ण है. इस कारण से मूर्ति पूर्णाकृति है ये ध्यान मेें नहीं आता है. माँ को 9 गज की साडी ही पहनाई जाती है. प्रति दिन 9 से 10 तक 9 गज साडियाँ पहनाई जाती है. मंगलवार तथा त्यौहार के दिन माँ को महावस्त्र पहनाया जाता हैं.