* अनुयायी व मित्र परिवार व्दारा की जा रही सराहना
अमरावती/दि.7– संतोष शर्मा का मानना है कि, एक लडकी का पिता अपनी बेटी को अच्छी शिक्षा व संस्कार देने कडी मेहनत करता है. तिनका-तिनका जमा कर उसे पढाता है. ऐसी स्थिति में पिता अपनी बेटी की पढाई के तुरंत बाद धूमधाम से शादी करने में अमसर्थ रहता है. अपार धन खर्च नहीं कर पाता. संतोष शर्मा ने किसी भी पिता व्दारा शादी करने से होने वाली असुविधा का ख्याल रखते हुए उन्होंने अपने परिवार में बेटे की शादी आदर्श विवाह के स्वरुप मे करने की ठानी और अपने बेटे का विवाह समाज के लिए एक आदर्श विवाह साबित हो, इस शैली में उसे पूर्ण किया.
इस विवाह में लडकी वालों की तरफ से केवल 11 लोग सहभागी हुए थे. छोटे से परिवार ने वर-वधू को आशीर्वाद दिये. इस प्रकार उन्होंने समाज को एक संदेश देने का प्रयास किया कि, शादी इस प्रकार भी की जा सकती है. सभी लोगों को इसी प्रकार से शादी करनी चाहिए. जिससे कोई भी परिवार आर्थिक परिस्थिति वश अपनी बेटी की शादी करने से वंचित न रहे. संतोष शर्मा पूर्व से ही सामाजिक कार्य में अग्रसर है. वे हमेशा ही दान को अधिक महत्व देते हैं. उनका मानना है कि समाज मजबूत बने और समाज में आत्म-बलिदान का संदेश जाये. हम देहदान का संकल्प लेते हैं. वह केवल इसलिए ताकि मेडिकल की पढाई कर रहे बच्चों को इसका उपयोग मिल सके. उन्हें अच्छे से पढाई पूर्ण करने का अवसर मिल सके. यही सोच रखते हुए संतोष शर्मा ने देहदान करने का निर्णय लिया है. उनके मृत्यु पश्चात वे पार्थिव को डॉ. पंजाबराव देशमुख मेेडिकल कॉलेज का सौंपेंगे.
इस संबंध में उन्होंने आवश्यक दस्तावेज की प्रक्रिया पूर्ण की है. एड. राजेंद्र अग्रवाल व मित्र परिवार ने बताया कि, संतोष शर्मा ने कई मिशन पूर्ण किये हैं. भ्रष्टाचार के आरोपो में लिप्त बडे अधिकारियों को गिरफ्तार किया है. 90 के दशक को भ्रष्टाचार का सुनहरा पल माना जाता था. उस समय उन्होंने कार्य किया. अब एक आदर्श विवाह व्यवस्था को समाज में आगे बढाने की पहल उनके परिवार व्दारा की जा रही है. संतोष शर्मा परिवार की इस पहल का सर्वत्र अभिनंदन किया जा रहा है.