शर्मा सदन की जर्जर इमारत को गिराने का रास्ता खुला
इमारत मालिक की याचिका हाईकोर्ट में खारिज
* हाईकोर्ट ने इमारत गिराने मनपा को दिखाई हरी झंडी
अमरावती/दि.22 – स्थानीय चित्रा चौक से कॉटन मार्केट की ओर जाने वाले रास्तें पर स्थित शर्मा सदन नामक पुरानी व खस्ताहाल इमारत को गिराने से की कार्रवाई मनपा द्बारा न की जाए, इस आशय का निवेदन करने वाली याचिका को आज मुंबई हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ द्बारा खारिज कर दिया गया. जिसके चलते मनपा के लिए अब शर्मा सदन की इमारत को गिराने का रास्ता साफ हो गया.
बता दें कि, विगत 30 अक्तूबर को प्रभात चौक पर घटित राजेंद्र लॉज वाले हादसे के बाद शहर में स्थित 70 वर्ष से अधिक पुरानी और जीर्णशीर्ण व जर्जर स्थिति में पहुंच चुकी करीब 32 इमारतों की सूची मनपा प्रशासन द्बारा तैयार की गई. जिसमें से कुछ इमारतों को अति खतरनाक यानि सी-1 श्रेणी रखते हुए इन इमारतों के मालिकों व इन इमारतों में रहने वाले किराएदारों को इमारत तत्काल खाली कर देने और आसपास के लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इमारत को गिराए जाने के संदर्भ में नोटीस जारी की गई थी. जिसमें कॉटन मार्केट से चित्रा चौक बीच स्थित शर्मा सदन नामक इमारत का भी समावेश था. जिसके मालिक व कब्जाधारकों को इमारत खाली करने के संदर्भ में नोटीस जारी की गई थी.
किंतु इस इमारत में मेसर्स रमेशचंद एण्ड ब्रदर्स नामक व्यवसायिक फर्म चलाने वाले रमेश धनजीभाई सोमय्या (72) व अन्य ने मनपा द्बारा जारी की गई नोटीस को मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ में चुनौती दी थी और कोर्ट से मनपा द्बारा की जाने वाली कार्रवाई पर स्थगनादेश देने का निवेदन किया था. इस याचिका में रमेश सोमय्या की ओर से दलिल दी गई थी कि, उनका प्रतिष्ठान निचली मंजिल पर स्थित है और इमारत की निचली मंजिल वाला हिस्सा पूरी तरह से मजबूत व सुरक्षित स्थिति में है. अत: इमारत की उपरी मंजिल का जो हिस्सा जर्जर हुआ है, केवल उतने हिस्से को ही तोडा जाए और पूरी इमारत को ना गिराया जाए. इस समय सोमय्या की ओर से अदालत को सरकारी अभियांत्रिकी महाविद्यालय द्बारा तैयार की गई स्ट्रक्चरल ऑडिट की रिपोर्ट भी दी गई.
इस याचिका को लेकर नागपुर हाईकोर्ट के न्या. चांदूरकर व न्या. पानसरे की द्बिसदस्यीय पीठ ने आज सुबह पहली प्राथमिकता के साथ सुनवाई की और इस सुनवाई में याचिकाकर्ताओं की तमाम दलिलों को खारिज करते हुए इस याचिका को निरस्त कर दिया. अपने फैसले में हाईकोर्ट ने मनपा द्बारा जारी की गई नोटीस तथा पुरानी व जर्जर इमारतों के संदर्भ में की जा रही कार्रवाई को पूरी तरह से सही बताया. साथ ही कहा कि, लगभग ऐसी ही दलिले राजेंद्र लॉज वाली इमारत के मामले में भी दी गई होगी. जहां पर निचली मंजिल वाले हिस्से को मजबूत व सुरक्षित बताते हुए यथावत रखा गया था और उपरी मंजिल को तोडने की कार्रवाई रुकी पडी थी. ऐसी ही स्थिति दुबारा पैदा ना हो और फिर कभी राजेंद्र लॉज वाली इमारत जैसा हादसा घटित न हो. इस बात के मद्देनजर सी-1 श्रेणी में शामिल जर्जर व खस्ताहाल इमारतों को पूरी तरह से जमींदोज करना ही जरुरी है.
नागपुर हाईकोर्ट द्बारा यह फैसला सुनाए जाते ही अब अमरावती मनपा के लिए शर्मा सदन की पुरानी व खस्ताहाल इमारत को पूरी तरह से तोडकर गिरा देने का रास्ता खुल गया है और हाईकोर्ट ने अपने फैसले के जरिए एक तरह से अमरावती मनपा को यह कार्रवाई करने के लिए हरी झंडी दिखा दी है. इस सुनवाई के दौरान रमेश सोमय्या की ओर से एड. डागा तथा मनपा प्रशासन की ओर से एड. जेमिनी कासट ने अदालत में युक्तिवाद किया और एड. जेमिनी कासट के सफल युक्तिवाद के चलते मनपा का पलडा भारी था.