‘वह’ निराधारों के लिए साबित हो रही जीवन ‘ज्योति’
345 निराधारों को मिलाया उनके परिवारों से, 62 लावारिसों का कराया अंतिम संस्कार
अमरावती/दि.4– सडक किनारे खुले आसमान के नीचे रहने वाले और बेहद दुखदायी स्थिति में जीवन व्यतित करने वाले लोगों की खोज करते हुए उन्हें आसरा देने के साथ ही उनके जीवन में खुशियों के पल जोडने वाली बडनेरा स्थित रात्रि निवारा केंद्र की संचालिका ज्योति राठोड एक तरह से ऐसे निराधार व बेसहारा लोगों के लिए सबसे बडा आधार व सहारा बनी हुई है. जिन्होंने अब तक अपने केंद्र में निराधार व बेसहारा के तौर पर पहुंचे 345 लोगों को उनके परिवारों से मिलवाया. साथ ही 62 लावारिसों की मौत हो जाने के बाद उनके पार्थिवों का पूरे सम्मान के साथ अंतिम संस्कार भी करवाया.
उल्लेखनीय है कि, खुले आसमान के नीचे सडक पर बेसहारा जीवन जीने वाले लोगों की ओर कोई भी सहायता का हाथ नहीं बढाता, लेकिन ऐसे निराधारों को सहारा व आधार देने का काम ज्योति राठोड द्वारा विगत 15 वर्षों से बडनेरा स्थित रात्रि निवारा केंद्र के जरिए किया जा रहा है. ज्योति राठोड व उनकी टीम द्वारा ऐसे लोगों की खोज करते हुए उनका संगोपन करने का काम किया जाता है. इस केंद्र में अब तक 62 निराधार व बेघर लोगोें की मौत भी हुई है. जिनके पार्थिवों पर अंतिम संस्कार हेतु किसी अन्य को सौंपने की बजाय ज्योति राठोड ने खुद पहल करते हुए ऐसे लोगों के पार्थिवों का अंतिम संस्कार किया. साथ ही उनकी चिता को मुखाग्नी देने की जिम्मेदारी भी खुद ही उठाई.
* कोविड काल में भी तत्पर सेवा
जब कोविड काल के दौरान लगे लॉकडाउन की वजह से लोगबाग अपने-अपने घरों से दूर अलग-अलग स्थानों पर फंस गये थे और उनके खाने-पीने को लेकर भी समस्या पैदा हो रही है. ऐसे समय पर भी ज्योति राठोड ने रात्रि निवारा केंद्र के जरिए 375 लोगों को आधार देने का काम किया. उसी दौरान जब कोरोना की भय की वजह से लोगबाग मुर्दे तो दूर जिंदा लोगों को भी स्पर्श करने से डर रहे थे. उसी कालावधि के दौरान ज्योति राठोड ने 11 शवों का खुद अपने हाथों अंतिम संस्कार किया. यह अपने आप में बहुत बडी बात थी.
* राष्ट्रपति मुर्मू ने की प्रशंसा
ज्योति राठोड द्वारा बेघरोें व निराधारों हेतु किय जाने वाले संवेदनशील कामों की जानकारी मिलने पर देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने हाल ही में ज्योति राठोड को खुद से मिलने हेतु मुंबई स्थित राजभवन में आमंत्रित किया. जहां पर हुई मुलाकात के दौरान राष्ट्रपति मुर्मू ने ज्योति राठोड के कामों की मुक्त कंठ से प्रशंसा भी की.