चिरोडी जंगल में अवैध चराई से रोकने पर भेडपाल और वन कर्मी आमने-सामने
पोहरा/दि.7- जंगल में अवैध चराई के कारण पर से भेडपाल और वन कर्मचारियों में संघर्ष बढने लगा है. चांदुर रेलवे वन विभाग द्वारा शुक्रवार को चिरोडी के जंगल में अवैध चराई अभियान चलाते हुए भेडो को कब्जे में लेते ही भेडपाल ने विरोध किया. इस समय भेडपाल और वन कर्मचारियों में तू-तू, मै-मै भी हुई. लेकिन आरक्षित जंगल में भेडो की चराई नहीं और प्रवेश पर पाबंदी रहने का फरमान आरएफओ भानुदास पवार ने जारी किया. पश्चात भेडो को पानी पिलाने के लिए राहुटी से बाहर निकालने की अनुमति दिए जाने के बाद यह संघर्ष समाप्त हुआ.
आरक्षित जंगल में अवैध चराई का प्रश्न, समस्या यह बात वन विभाग के लिए काफी सिरदर्द साबित हो रही है. लेकिन वन विभाग के जंगल से सटकर निजी जगह पर भेडपाल राहुटी कर रहते है. यह भेड आरक्षित वनक्षेत्र में घूसकर चराई के जरिए जंगल का काफी नुकसान करते है. भेडो की चराई के लिए जंगल का कुछ क्षेत्र आरक्षित रखने के शासन के निर्देश है. अध्यादेश भी जारी किया गया है. इसके बावजूद वन अधिकारी इस आदेश को न मानते रहने का आरोप भेडपालो का है. जंगल क्षेत्र में भेडो की चराई होती होगी तो निश्चित कार्रवाई करें, लेकिन निजी क्षेत्र में राहुटी के भेडो पर कार्रवाई करना उचित नहीं, ऐसी मांग भेडपालों ने की. चांदुर रेलवे वन विभाग का दल चिरोडी सर्कल के सावगा, हातला वन बीट से सटकर भेडो को कब्जे में लेने के लिए गया तब 60 से 70 लोगों वन कर्मचारियों के साथ विवाद किया. आरएफओ पवार ने भेडपाल को समझाया. पश्चात यह विवाद समाप्त हुआ. इस अवसर पर आरएफओ भानुदास पवार, वनपाल नंदकिशोर ठाकरे, अतूल धसकट, सीमा गुजर, रेश्मा लसनकर, विशाल सानप, दीपा बेलाह, विनोद गिरुलकर, दर्शना हेरोडे, अनिल डोंगरे, सुमीत भुयार, अंकुश खेकाडे आदि ने अवैध चराई रोकने के लिए अंकुश लगाया.