* बच्चू कडू और महादेव जानकर के नेतृत्व में होगा आंदोलन
अमरावती /दि. 6- राज्य शासन की तरफ से भेडपालों की हो रही अनदेखी और उनके बाबत अन्यायकारक नीति जारी रहने से बच्चू कडू ने शासन को लिखित ज्ञापन देकर भेडपालों की मांगो को पूरा करने की मांग की थी. एक पखवाडे के बाद पुलिस प्रशासन द्वारा दिखाई गई सक्रियता के कारण अब सभी विभागों ने आंदोलन को गंभीरता से लेना शुरु किया है. इस बाबत जिला प्रशासन की बैठक भी हुई रहने की जानकारी है. प्रहार जनशक्ति पार्टी के संस्थापक बच्चू कडू व किसान नेता महादेव जानकर आगामी 7 जनवरी को वाडा आंदोलन करनेवाले है. भेडपाल सहित किसानों के विविध प्रश्न पर सरकार को घेरनेवाले है.
विधानसभा चुनाव के बाद देश की वित्तिय व्यवस्था व ग्रामीण क्षेत्र का आधार रहे किसानों के लिए राज्य सरकार की दोगली भूमिका दिखाई देती है. एकतरफ नए साल में रासायनिक खाद में बढोतरी करने की भूमिका सरकार ले रही है. वहीं दूसरी तरफ कृषि माल को 50 प्रतिशत कम भाव मिल रहे है. राज्य के भेडपाल अपनी न्यायोचित मांग के लिए सरकार के दरवाजे के चक्कर काटते रहे. उनकी मांगो के संदर्भ में मुख्यमंत्री कोई भी उचित कदम नहीं उठा रहे है. किसान और भेडपाल को बचाने के लिए फिर से एक बार बच्चू कडू हुंकार भरते हुए राज्य सरकार के खिलाफ जनआंदोलन छेडने की तैयारी में है. सोयाबीन, तुअर, कपास को दिनोंदिन बढतरी मिलनी चाहिए. लेकिन इसके विपरित फसलों के भाव कम होते देखने मिल रहे है. सोयाबीन 7 हजार से 3500 रुपए पर पहुंच गया है. तुअर 13 हजार रुपए क्विंटल से 7 हजार रुपए क्विंटल हो गया है. कपास को कुछ दिन पूर्व 10 हजार रुपए प्रति क्विंटल भाव मिलते थे. आज कपास को 7 हजार रुपए प्रति क्विंटल भाव मिल रहे है. दूसरी तरफ बीज, रासायनिक खाद, गोबर खाद के भाव बढते जा रहे है. ऐसी परिस्थिति रहते किसानों ने 12 माह अपने परिवार का पालनपोषण कैसे करना? ऐसा सवाल कडू ने इस अवसर पर सरकार से पूछा है. ऐसी परिस्थिति के कारण किसानों का जगना कठिन हो गया है और इसी कारण किसान आत्महत्या जैसे निर्णय लेने लगे है. किसानों को बचाना हो तो उनका संरक्षण होना महत्व का है. उनके कृषि माल को उचित भाव मिलने चाहिए, वन्य प्राणियों से उनकी फसल सुरक्षित होनी चाहिए, उन्हें फसल नुकसान की फसल बीमा के जरिए भरपाई मिलना आवश्यक है. राज्य सरकार ने विधानसभा चुनाव के समय घोषित की कर्जमाफी किसानों को तत्काल मिले, चराई के लिए परप्रांत से आनेवाले भेडपालों पर पाबंदी लगाने की मांग ज्ञापन में बच्चू कडू ने प्रशासन से की थी. इस ज्ञापन को गंभीरता से लेते हुए पुलिस प्रशासन ने सक्रियता दिखाई और तत्काल सभी विभागों की बैठकों का दौर शुरु हुआ. बैठक में भेडपाल और किसानों के मुद्दो पर विचारमंथन हो रहा है. लेकिन भेडपाल और किसान अभी भी शासन के झूठे आश्वासनों का शिकार हो रहे है. शासन ने किसानों को कर्जमुक्ती का भी आश्वासन दिया. इस किसान की ओर किस माणक पर कर्जमाफी देनेवाले है, यह अभी तक सरकारने स्पष्ट नहीं किया, ऐसा आरोप बच्चू कडू ने किया है. इस कारण भेडपाल और किसानों की मुख्य समस्या शासन तक पहुंचाने के लिए बच्चू कडू और महादेव जानकर के नेतृत्व में मंगलवार 7 जनवरी को वाडा आंदोलन किए जाने की जानकारी है.