शुरवीर सैनिकों के नाम से जाना जाता है ‘शेंदुरजना खुर्द ’
3 उच्चधिकारी, 25 पूर्व सैनिक, 25 युवक सैन्य दल में कार्यरत
धामणगांव रेलवे/दि.4– तहसील अंतर्गत आनेवाला शेंदुरजना खुर्द गांव को सैनिकों के गांव के नाम से जाना जा रहा है. इस गांव के सेना में 3 उच्चधिकारी रह चुके है और 25 पूर्व सैनिक और 25 के लगभग युवा भारतीय सेना में कार्यरत है. शालेय शिक्षा के दौरान स्वतंत्रता की लडाई की जानकारी व क्रांतिकारियों द्बारा देशभक्ति के कार्यो से प्रेरित होकर यहां के युवक भारतीय सेना में अपनी सेवाएं दे रहे है और गांव में 25 पूर्व सैनिक मौजूद है.
जिले में जब-जब भी सैनिकों का विषय निकाला जाता है. तब- तब तहसील अंतर्गत आनेवाले शेंदुरजना खुर्द का उल्लेख अवश्य होता है. ‘जय जवान जय किसान ’ के नारे को गांव के किसानों के बेटों ने आत्मसात कर देशसेवा के लिए सेना में जाने का व्रत लिया है. शेंदुरजना खुर्द गांव में सार्वधिक 25 पूर्व सैनिकों की संख्या है. सेवानिवृत्त होने के पश्चात अनेक पूर्व सैनिक पुलिस प्रशासन, निजी कंपनी, बैंक व विविध क्षेत्रों में कार्यरत है.
* गांव के 25 युवक दे रहे भारतीय सेना में सेवा
शेंदुरजना खुर्द गांव को सैनिकों का गांव कहा जाता है. आज भी इस गांव के 25 युवक भारतीय सेना में कार्यरत है और वे अपनी सेवा दे रहे है.
* वसंतराव शिवणकर गांव के पहले सैनिक
वसंतराव शिवणकर गांव के पहले सैनिक थे. उन्हाेंंने 1962 में हुए चीन के साथ युध्द में सहभाग लिया था. उनके पश्चात रूपराव कुकडे, ज्ञानेश्वर कुकडे सेना में कैप्टन बने.