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शिंदे-फडणवीस सरकार हर मोर्चे पर विफल

19 को राकांपा निकालेगी आक्रोश मोर्चा

* राकांपा नेता व पूर्व स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे का कथन
* राज्यव्यापी मोर्चे के जिला प्रभारी बनाए गए टोपे
* पत्रवार्ता के साथ ही पार्टी पदाधिकारियों को किया संबोधित
अमरावती/दि.5 – विगत जून माह के दौरान राजनीतिक षडयंत्र करते हुए अस्तित्व में आई राज्य की शिंदे-फडणवीस सरकार हर मोर्चे पर विफल साबित हुई है. जिसके चलते इस सरकार के खिलाफ राज्य के सभी तबको में आक्रोश व्याप्त है. अत: इस आक्रोश को व्यक्त करने हेतु राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी द्बारा आगामी 19 दिसंबर को राज्यस्तर पर आक्रोश मोर्चे का आयोजन किया जा रहा है. जिसके तहत सभी जिला व तहसील मुख्यालयों में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं द्बारा व्यापक स्तर पर आक्रोश मोर्चा निकालते हुए राज्य सरकार के नीतियो का निषेध किया जाएगा. इस आशय का प्रतिपादन राकांपा के वरिष्ठ नेता व राज्य के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने किया.
आगामी 19 दिसंबर को पार्टी सुप्रीमो शरद पवार की अगुवाई में निकाले जाने वाले राज्यव्यापी निषेध मोर्चा के लिए पार्टी द्बारा पूर्व स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे को अमरावती जिले का प्रभारी बनाया गया. जिसके चलते आज इस मोर्चा की पूर्व तैयारियों का नियोजन करने हेतु पूर्व स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे अमरावती पहुंचे. जहां पर उन्होंने सबसे पहले वर्‍हाडे मंगल कार्यालय में पार्टी के शहर व जिला पदाधिकारियों की बैठक को संबोधित किया. जिसके उपरान्त स्थानीय सरकारी विश्रामगृह में एक पत्रवार्ता को संबोधित करते हुए उपरोक्त प्रतिपादन किया.
इस पत्रवार्ता में पूर्व स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कहा कि, विगत विधानसभा चुनाव के बाद अस्तित्व में आई महाविकास आघाडी सरकार ने अपने ढाई वर्ष के कार्यकाल दौरान समाज के सभी तबको को समान न्याय देने का काम किया. साथ ही महाविकास आघाडी सरकार का अधिकांश कार्यकाल कोविड की संक्रामक महामारी से निपटने में बिता और सरकार ने इस महामारी से निपटने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोडी. इसके बाद जैसी ही कुछ नया करने के लिए थोडा समय बिता, तो राज्य सरकार एक राजनीतिक षडयंत्र का शिकार होकर गिर गई. इसके बाद केंद्र के इशारे पर राज्य में गठित हुई शिंदे-फडणवीस सरकार ने हर मोर्चे पर असफलता की कहानी लिखनी शुरु कर दी. नई सरकार के अस्तित्व में आते ही राज्य से कई बडे उद्योगों का पलायन होना शुरु हो गया. जिसकी वजह से राज्य में रोजगार के अवसर समाप्त हो गए. इसके साथ ही नई सरकार के अदुरदर्शी फैसलों की वजह से किसानों और आम नागरिकों को काफी समस्या व दिक्कतों का सामना करना पड रहा है. वहीं नई सरकार ने अस्तित्व में आते ही पिछली सरकार द्बारा मान्यता दिए गए विकास कामों को भी स्थगित करते हुए यह स्पष्ट कर दिया कि, यह सरकार दुषित मानसिकता से ग्रस्त होकर काम कर रही है. ऐसे में पूरे राज्य में विकास कार्य ठप हो गए है. जिसे लेकर समूचे राज्य में अच्छा खासा आक्रोश है.
पूर्व मंत्री टोपे के मुताबिक नई सरकार के राज में प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित किसानों को कोई खास राहत व सहायता प्राप्त नहीं हो रही है और आपदा प्रभावित किसान आर्थिक दुष्चक्र में फंसे हुए है. जिनकी ओर सरकार का कोई ध्यान नहीं है.
इस समय पूछे गये सवालों का जवाब देते हुए पूर्व मंत्री टोपे ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी को विदर्भ क्षेत्र का बैकलॉग, विशेषकर सिंचाई अनुशेष को दूर करने हेतु पूरी तरह से गंभीर बताया और कहा कि, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने हमेशा ही राज्य के संतुलित विकास को प्राथमिकता दी है. हमारा स्पष्ट मानना है कि, अगर राज्य का कोई भी एक हिस्सा विकास की दौड में पिछडा रहता है, तो इसका सीधा असर राज्य के औसत विकास पर पडता है. अत: राकांपा ने राज्य के सभी क्षेत्रों का समग्र विकास करने को हमेशा प्राथमिकता दी है.
इस समय एक अन्य सवाल के जवाब में पूर्व मंत्री टोपे ने कहा कि, विगत कुछ दिनों से भाजपा व उससे जुडे संगठन के लोगों में महाराष्ट्र के आराध्य दैवत छत्रपति शिवाजी महाराज का अवमान करने की मानों प्रतिस्पर्धा लगी हुई है और राज्य सरकार सहित केंद्र सरकार द्बारा इस मामले को लेकर आमजनमानस की भावनाओं को अनदेखा किया जा रहा है. जिसके आगे चलकर गंभीर परिणाम भी हो सकते है और इस विषय को लेकर भी समूचे राज्य में अच्छा खासा असंतोष व्याप्त है.
इस पत्रवार्ता में अमरावती के प्रस्तावित मेडिकल कॉलेज को लेकर पूछे गए सवाल पर पूर्व स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कहा कि, राज्य में महाविकास आघाडी की सरकार रहते समय अमरावती में सरकारी मेडिकल कॉलेज शुरु करने का निर्णय लिया गया था और इसके लिए राज्य सरकार के बजट में आवश्यक निधि का प्रावधान भी किया गया था. साथ ही सरकारी मेडिकल कॉलेज शुरु करने हेतु जगह का सर्वेक्षण भी शुरु किया गया था. लेकिन नई सरकार के अस्तित्व में आते ही इस मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया. इस पत्रवार्ता में राज्य के पूर्व मंत्री व श्री शिवाजी शिक्षा संस्था के अध्यक्ष हर्षवर्धन देशमुख, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के महासचिव वसंत घुईखेडकर, प्रदेश पदाधिकारी डॉ. गणेश खारकर जिलाध्यक्ष सुनील वर्‍हाडे, शहराध्यक्ष सुनील वर्‍हाडे, शहराध्यक्ष प्रशांत डवरे व महिला जिलाध्यक्ष संगीता ठाकरे, चांदूर रेल्वे के पूर्व नगराध्यक्ष गणेश रॉय, रायुकां के प्रदेश कार्याध्यक्ष निखिल ठाकरे, जिलाध्यक्ष प्रा. डॉ. सुशिल गावंडे व शहराध्यक्ष ऋतुराज राउत आदि उपस्थित थे.

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