शिंदे सरकार का यूटर्न, एमआईडीसी के 191 भूखंडों की स्थगिती हटाई
12 हजार करोड रुपए के निवेश प्रकल्पों को लगा झटका
मुंबई -दि.20 राज्य की महाविकास आघाडी सरकार सत्ता से घटने के कुछ समय पूर्व औद्योगिक विकास महामंडल द्बारा विविध स्तरों पर वितरित किये गये भूखंड वितरण को राज्य की शिंदे-फडणवीस सरकार द्बारा दी गई स्थगिती हटा दी गई है. महाविकास आघाडी सरकार के हर निर्णय को रोकने के चक्कर में वर्तमान सरकार ने 191 नये भूखंडों का वितरण रद्द किया था. परिणाम स्वरुप इस पर इन भूखंडों पर निर्माण होने वाले 12 हजार करोड रुपए निवेश के प्रकल्प वापस जाने की कगार पर थे. इस कारण शिंदे सरकार को अपना निर्णय एक माह में बदलना पडा है.
राज्य की एकनाथ शिंदे-फडणवीस सरकार ने सत्ता में आते ही महाविकास आघाडी सरकार के कुछ निर्णय को स्थगिती दी. इसी के एक भाग के रुप में सरकार ने 8 अगस्त को औद्योगिक विकास महामंडल के भूखंड वितरण को भी स्थगिती दी थी. इसके मुताबिक महामंडल के विविध 16 विभागीय कार्यालय और इसके तहत आने वाले स्थानीय कार्यालयों की तरफ से 1 जून से किये गये भूखंड वितरण को स्थगिती देते हुए सभी प्रस्ताव दस्तावेजों के साथ उद्योग विभाग के पास भेजने की सूचना महामंडल को दी गई थी. इस सूचना के मुताबिक महामंडल ने 12 हजार करोड रुपए निवेश के 191 भूखंड वितरण का प्रस्ताव उद्योग विभाग को प्रस्तुत किया था.
* मुख्यमंत्री का झूठ उजागर
स्थगिती के निर्णय का भंडाफोड होने पर भूखंड वितरण के निर्णय को स्थगिती नहीं बल्कि समीक्षा लेने के लिए वैसा किये जाने की बात मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने स्पष्ट की थी. लेकिन बुधवार 19 अक्तूबर को उद्योग विभाग द्बारा जारी किये गये शासन निर्णय में 1 जून के भूखंड वितरण में 8 अगस्त को स्थगिती दी गई थी. ऐसा स्पष्ट कहा गया है. इसी का मतलब मुख्यमंत्री शिंदे तब झूठ बोले थे.