शिराळा/दि.3– अमरावती नरखेड रेल्वे मार्ग पर स्थित शिराला स्टेशन पर भुसावल नरखेड पैसेंजर को स्टापेज देने की मांग दिनों दिन यात्रियों के बीच बढती जा रही है. यात्रियों व्दारा अनेक समय से शिकायत की जा रही है कि शिराला स्टेशन पर गाडियों का रुकना विगत दो वर्ष से बंद है. अगर शिराला स्टेशन पर गाडी रोकना ही नहीं था तो फिर स्टेशन बनाया क्यों..? ऐसा प्रश्न भी यात्रियों के बीच उठ रहा है.
शिराला क्षेत्र में बीस छोटे बडे गांव आते है. इन क्षेत्रों से नागरिकों को शेगांव, अकोला व मोर्शी की ओर जाने के लिए यात्रा की करना पडता है. लॉकडाऊन काल में सभी रेल्वे बंद थी. मगर लॉकडाऊन खत्म होते ही सभी गाडियां शुरू हो गई. इस मार्ग पर सभी रेल्वे स्टेशन पर गाडियों का रुकना शुरू है. सिर्फ शिराला में ही गाडियों का स्टापेज बंद है.
अमरावती-नरखेड रेल्वे मार्ग के सभी सर्वे अंग्रेज काल में हुआ था. जिसके बाद प्रधानमंत्री नरसिंहराव के काल में रेल्वे मार्ग का काम शुरू किया गया. इस मार्ग पर वलगांव, शिराला, चांदुरबाजार, मोर्शी, वरुड ऐसे स्टेशन दिए गए है. शिराला में पैसेंजर गाडी रुकती थी. मगर दो वषोर्ज्ञ से यह भी रुकना बंद कर दिया गया. शिराला में रेल्वे स्टेशन बनाया ही गया क्यों है. ऐसा सवाल भी यहां से जाने वाले यात्रियों व्दारा उठाया जा रहा है. अंग्रेज काल में किए गए सर्वे में जब शिराला स्टेशन दिया गया था तो रेल्वे प्रशासन ने बंद क्यों किया है. जबकि रिध्दपूर में नया स्टेशन बनाया गया. रेल्वे प्रशासन व्दारा इस ओर ध्यान देकर शिराला रेल्वे स्टेशन पर पैसेंंजर गाडी को रोकने की मांग रेल्वे यात्रियों व्दारा की जा रही है.