अमरावती/दि. 13- गाडगे नगर शिवसेना शाखा की स्थापना में अग्रणी रहे संजय श्रीराम जी उमेकर (57) का बीमारी पश्चात गत रात निजी अस्पताल में निधन हो गया. वे अपने पीछे बडे भाई मधुकर उमेकर, पत्नी संचिता, पुत्री शिवानी, पुत्र दुर्वेश सहित भरापूरा परिवार छोड गए हैं. राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा से सप्ताहभर पहले उमेकर के निधन से राम भक्तों में शोक की लहर देखी गई. क्योंकि उमेकर 1990 और 1992 दोनों समय की कारसेवा में न केवल सहभागी हुए, बल्कि 1992 में विवादित ढांचा धराशाही करने में वे आगे रहे थे. दो रोज पहले ही अमरावती मंडल ने संजय उमेकर के कारसेवा के अनुभव को प्रमुखता से प्रकाशित किया था. यह भी उल्लेखनीय है कि 6 दिसंबर उनका जन्मदिन रहा. वे 1967 में इसी दिन जन्मे थे. मूल रुप से सुकली बनारसी निवासी उमेकर खेती किसानी करते थे. उनके पिता श्रीराम जी उमेकर संघ के जिला कार्यवाह रहे हैं. इसलिए लडकपन से ही उन पर संघ के राष्ट्रवादी विचारों का बडा प्रभाव रहा.
* अंत्येष्टि में उमडे लोग
उमेकर की अंतिम यात्रा आज दोपहर 3 बजे राधा नगर स्थित निवास से निकाली गई. हिंदू मोक्षधाम पर उनका अंतिम संस्कार किया गया. अंतिम यात्रा में हजारों शिवसैनिक, स्वयंसेवक, कार्यकर्ता, पदाधिकारी, नेतागण सहभागी हुए. अनेक साथियों के नेत्र बहादुर, जोशीले संजय उमेकर के निधन से सजल हो गए थे. अमरावती मंडल से बातचीत में इन लोगों ने शोकोदगार व्यक्त करने के साथ संजय की जांबाजी के किस्से भी बयां किए. स्मशानघाट पर शोकसभा आयोजित कर बेखौफ कारसेवक संजय उमेकर को भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की गई.
संघ के विभाग संघ चालक चंद्रशेखर भोंदू, शैलेश पोतदार, शिवा पिंपलकर, दिलीप भुजाडे, सुरेंद्र बुरंगे, उमेश महल्ले, चंदू बोमरे, सुहास गोंगे, पूर्व विधायक जगदीश गुप्ता, बालासाहब भुयार, विहिंप के बंटी पारवानी, विलास हलवे, विजय मारुडकर, गजानन मारुडकर, प्रशांत महाजन , विजय उर्फ गुल्लू गुप्ता आदि ने उमेकर परिजनों से मिलकर संवेदना व्यक्त की.