पार्टी प्रमुख के आदेशों का पुरी निष्ठा से पालन करे शिवसैनिक
शिवसेना नेता दिवाकर रावते का शिवसैनिकों से आवाहन
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पश्चिम विदर्भ के प्रमुख पदाधिकारियों का हुआ सम्मेलन
अमरावती/दि.21 – शिवसैनिकोें ने अपने आपसी मतभेदों को खत्म करते हुए महानगर पालिका, जिला परिषद व पंचायत समिती के चुनाव जीतने हेतु अभी से काम पर जुट जाना चाहिए और अपनी पार्टी व संगठन को आगे ले जाने हेतु सभी शिवसैनिकों ने आत्मचिंतन भी करना चाहिए. इस आशय का प्रतिपादन करने के साथ ही शिवसेना नेता दिवाकर रावते ने कहा कि, शिवसैनिक की अपनी कोई इच्छा नहीं होती है और वह किसी तरह का कोई सवाल भी नहीं पूछ सकता है, बल्कि उसे केवल लडना होता है तथा पार्टी प्रमुख के आदेश का पूरी निष्ठा के साथ पालन करना होता है. अत: हमें किसी व्यक्ति विशेष के लिए नहीं, बल्कि शिवसेना को आगे ले जाने के लिए काम करना है.
गत रोज पश्चिम विदर्भ क्षेत्र के प्रमुख शिवसेना पदाधिकारियों की बैठक स्थानीय संत ज्ञानेश्वर सांस्कृतिक भवन में आयोजीत की गई थी. इस अवसर पर बतौर प्रमुख अतिथी शिवसेना नेता दिवाकर रावते अपने विचार व्यक्त कर रहे थे. इस सम्मेलन में राज्य के कृषिमंत्री दादाजी भुसे, पश्चिम विदर्भ संपर्क प्रमुख अरविंद नेरकर, सांसद प्रताप जाधव, पूर्व मंत्री व विधायक संजय राठोड, विधायक अमोल किर्तीकर, संजय रायमूलकर, संजय गायकवाड, नितीन देशमुख, पूर्व सांसद अनंत गुढे, पूर्व विधायक श्रीकांत देशपांडे व गोपीकिशन बाजोरिया प्रमुख रूप से मंचासीन थे.
इस समय शिवसेना नेता दिवाकर रावते ने कहा कि, शिवसेना में संपर्क प्रमुख का पद पार्टी में निष्क्रिय रहनेवाले लोगों को खोजकर बाहर निकालने के लिए रहता है. अत: सभी शिवसैनिकों ने अपने शिवसैनिकत्व की ओर ध्यान देना चाहिए. शिवसेना प्रमुख बालासाहब ठाकरे ने लाखों शिवसैनिक खडे किये है और सर्वसामान्य व्यक्ति को न्याय दिलाने हेतु संघर्ष करने के लिए लडनेवाला एकमात्र संगठन शिवसेना है, जो पैसों के दम पर नहीं, बल्कि शिवसैनिकों के परिश्रम के दम पर बडी हुई है. ऐसे में सभी शिवसैनिकों ने आपस में किसी भी तरह की प्रतिस्पर्धा नहीं रखनी चाहिए और पार्टी को आगे बढाने के लिए पार्टी प्रमुख के आदेशों का पूरी निष्ठा के साथ पालन करना चाहिए.
इस सम्मेलन में संभाग के अमरावती, अकोला, वाशिम, बुलडाणा व यवतमाल जिले के सेना पदाधिकारियों ने बडी संख्या में हाजरी लगायी और दो सत्रों में आयोजीत इस सम्मेलन के दौरान शिवसेना के सांसदों व विधायकों ने उपस्थित शिवसैनिकों का यथोचित मार्गदर्शन किया. साथ ही इस समय सभी उपस्थित गणमान्यों का शाल व श्रीफल देकर सत्कार किया गया. कार्यक्रम में संचालन शिप्रा मानकर ने किया. इस अवसर पर शिवसेना के महानगर प्रमुख सुनील खराटे, जिला प्रमुख दिनेश बूब, राजेश वानखडे, श्याम देशमुख, प्रकाश तेटू व डॉ. निर्मल सहित जिले एवं संभाग के अनेकों सेना पदाधिकारी उपस्थित थे.
कुछ लोगोें की आदत है उठते-बैठते आरोप लगाने की
इस सम्मेलन में राज्य के कृषि मंत्री व शिवसेना नेता दादाजी भुसे ने अपने संबोधन में कहा कि, राज्य में इन दिनों कुछ लोगों को उठते-बैठते शिवसेना नेताओं व महाविकास आघाडी सरकार पर आरोप लगाने की आदत हो गई है. एकदम तडके शपथविधि लेने वाला कार्यक्रम विफल रहने के बाद ऐसे लोग बेसिरपैर के आरोप कुछ अधिक लगाने लगे है. जिनकी ओर शिवसैनिकों ने ध्यान नहीं देना चाहिए, बल्कि हमने राज्य सरकार द्वारा किये जा रहे जनहितकारी कामों की जानकारी आम जनता तक पहुंचानी चाहिए.
कृषि मंत्री दादाजी भुसे ने कहा कि, राज्य में महाविकास आघाडी की सरकार गठित होने के कुछ दिनों पश्चात ही कोविड की महामारी का दौर शुरू हो गया. किंतु तमाम तरह के विपरित हालात से जुझते हुए राज्य के मुख्यमंत्री उध्दव ठाकरे ने अपनी सभी जिम्मेदारियों को शानदार ढंग से पूर्ण किया. लेकिन इसके बावजूद विरोधियों द्वारा राज्य सरकार को अस्थिर करने का प्रयास किया जा रहा है. किंतु इसका कोई भी फायदा नहीं होनेवाला है. क्योंकि राज्य सरकार पूरी मजबूती के साथ अपना कार्यकाल पूर्ण करेगी. जिसके लिए शिवसैनिकों को आपस में पूरी मजबुती के साथ एकजूट रहना होगा और सरकार द्वारा किये जा रहे कामों की जानकारी आम जनता तक पहुंचानी होगी.
पद की बजाय पार्टी के लिए काम करे सभी
इस अवसर पर शिवसेना सांसद प्रताप जाधव ने कहा कि, राज्य में हाल-फिलहाल हुए स्थानीय स्वायत्त निकायों के चुनाव में पार्टी को अपेक्षित सफलता नहीं मिली है. ऐसे में हमें आत्मपरिक्षण करना होगा कि, राज्य में कभी पहले व दूसरे स्थान पर रहनेवाले शिवसेना अब चौथे स्थान तक कैसे और क्योें पहुंच गई है, इसके लिए बेहद जरूरी है कि, हम केवल छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमाओं व पुतलों के पूजन तक ही सीमित न रहे, बल्कि महाराज द्वारा बताई गई युध्द जीतने की कला को भी आत्मसात करे. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि, जिन्हें अधिकारों के साथ कर्तव्यों की भी समझ हो, केवल वे लोग ही पद पर रहे, क्योंकि पद काम करने के लिए मिलता है और पद हमेशा कर्तृत्व के दम पर ही मिलना चाहिए.
अपने दम पर आगे बढते समय कई शत्रु निर्माण होते है
राज्य के पूर्व मंत्री व विधायक संजय राठोड ने इस समय कहा कि, शिवसेना में पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं में जाती भेद किये बिना उन्हें पद दिये जाते है. जिसके लिए उनके द्वारा किये जानेवाले कामोें को देखा जाता है. इसी के तहत मैं एक सामान्य शिवसैनिक से विधायक और विधायक से मंत्री कब बन गया, मुझे भी पता नहीं चला. लेकिन जब हम अपने कर्तृत्व से बडे बनते है, तब हमारे कई शत्रु भी पैदा होते है. ऐसे ही कुछ लोगों ने मेरे राजनीतिक जीवन को खत्म करने का प्रयास किया, लेकिन मैं भी शिवसेना प्रमुख बालासाहब ठाकरे का सच्चा शिवसैनिक हूं. साथ ही मुझे पार्टी प्रमुख उध्दव ठाकरे का पूरा समर्थन मिला. जिसके दम पर मैनें विरोधियों की हर एक चाल को विफल किया.