अमरावती

मनपा चुनाव में साथ आ सकते है शिवसेना व राकांपा

भाजपा व कांग्रेस सहित एमआईएम व बसपा लडेंगे अपने दम पर

* इस बार ‘प्रहार’ भी मनपा चुनाव में आजमा सकता है अपनी ताकत
अमरावती/दि.28– इस समय अमरावती महानगरपालिका के आगामी चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक दलों द्वारा बडी सरगर्मी के साथ अपनी रणनीतियों को तय किया जा रहा है. साथ ही चुनाव की तैयारियों को लेकर सभी दल काम पर जुटे हुए है. जिसके तहत किसी अन्य दल के साथ गठबंधन करने या फिर अपने दम पर अकेले ही चुनाव लडने की संभावनाओं को टटोला जा रहा है. ताकि अधिक से अधिक सीटोें पर जीत हासिल करते हुए मनपा की सत्ता को प्राप्त किया जा सके. उल्लेखनीय है कि, इस समय राज्य में शिवसेना, राकांपा व कांग्रेस का समावेश रहनेवाली महाविकास आघाडी की सरकार है. किंतु राज्य की सत्ता में सहभागी कांग्रेस ने काफी पहले ही यह स्पष्ट कर दिया है कि, वह स्थानीय स्वायत्त निकायों के चुनाव अपने अकेले के दम पर लडने जा रही है. वहीं शिवसेना व राकांपा ने अब तक इसे लेकर साफ तौर पर कुछ नहीं कहा है. वहीं इस समय मिल रहे राजनीतिक संकेतों और शहर में चल रही चर्चाओं के मुताबिक राष्ट्रवादी कांग्रेस तथा शिवसेना द्वारा मनपा का आगामी चुनाव एक साथ मिलकर लडा जा सकता है. उल्लेखनीय है कि, विगत दिनों ही राकांपा के प्रदेश उपाध्यक्ष तथा अमरावती संभाग के समन्वयक संजय खोडके ने एक पत्रवार्ता में कहा था कि, यदि राज्य में महाविकास आघाडी साकार हो सकती है, तो अमरावती महानगरपालिका में क्योें नहीं, जिसका सीधा मतलब है कि, राष्ट्रवादी कांग्रेस आगामी मनपा चुनाव में अपने सहयोगी व समविचारी दलों के साथ गठबंधन करने को लेकर सकारात्मक है. वहीं शिवसेना ने भी राज्य की सत्ता प्राप्त करने में मिली सफलता को देखते हुए घटक दलों के लिए अपने दरवाजे खुले रखे है. जिसके चलते पूरी उम्मीद है कि, आगामी मनपा चुनाव में शिवसेना व राकांपा का गठबंधन होता दिखाई दे.
बता दें कि, अमरावती मनपा के पिछले चुनाव में सभी दलों ने स्वतंत्र तौर पर चुनाव लडा था तथा एक-दूसरे के खिलाफ अपने प्रत्याशी खडे किये थे. चुनाव पश्चात जहां शिवसेना के 7 नगरसेवक चुने गये थे, वहीं राकांपा का अमरावती मनपा में खाता भी नहीं खुला था. जबकि किसी समय राकांपा की अमरावती मनपा में मजबुत पकड रहने के साथ ही सत्ता भी हुआ करती थी. यह राकांपा के लिए अपने आप में बेहद बडा झटका था. हालांंकि उस समय तत्कालीन राजनीतिक हालात की वजह से संजय खोडके भी राकांपा से दूर हो गये थे और वे कांग्रेस में काम कर रहे है. लेकिन अब संजय खोडके एक बार फिर राकांपा में वापिस लौट आये है तथा उनके नेतृत्व में पार्टी द्वारा चुनाव लडने की बडी सरगर्मी के साथ तैयारियां की जा रही है. जिसके तहत राकांपा द्वारा अपने सहयोगी दलों के साथ आघाडी यानी गठबंधन करने को लेकर रास्ते खुले रखे गये है. जिसे लेकर माना जा रहा है कि, चूंकि इस समय कांग्रेस ने पहले ही स्वतंत्र तौर पर यानी अपने अकेले के दम पर चुनाव लडने की तैयारी शुरू कर दी है. ऐसे में महाविकास आघाडी का हिस्सा रहनेवाले राकांपा व शिवसेना द्वारा साथ मिलकर चुनाव लडा जा सकता है.
हालांकि शिवसेना ने इस संदर्भ में अब तक अपनी ओर से मनपा चुनाव में किसी दल के साथ गठबंधन करने को लेकर कोई स्पष्ट संकेत नहीं दिये है और शिवसेना के स्थानीय नेताओं द्वारा बार-बार यहीं कहा जा रहा है कि, इस बारे में पार्टी नेतृत्व द्वारा ही कोई अंतिम निर्णय लिया जायेगा. जिसके आधार पर शिवसेना पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं द्वारा काम की शुरूआत की जायेगी. किंतु अंदरूनी सूत्रों से मिली खबरों पर यदि यकिन किया जाये, तो शिवसेना भी राकांपा के साथ मनपा चुनाव में गठबंधन करने को लेकर इच्छुक है. क्योेंकि राकांपा की तरह ही शिवसेना को भी अमरावती मनपा तथा शहर की राजनीति में अपनी पकड को मजबूत करना है. चूंकि पिछले चुनाव में पार्टी के केवल 7 नगरसेवक ही चुनकर आये थे और भाजपा के साथ चल रहे मनमुटाव की वजह से शिवसेना को पूरे पांच साल तक विपक्ष में बैठना पडा. ऐसे में मनपा की सत्ता प्राप्त करने के लिए शिवसेना को भी किसी मजबूत साथी व सहयोगी की जरूरत है. ऐसे में दोनों ही दलों के बीच पटरी बैठती दिखाई दे रही है.
* भाजपा व स्वाभिमान के बीच आयी दरार
अमरावती मनपा के पिछले चुनाव के बाद जहां भाजपा ने रिकॉर्ड 45 पार्षदोें के साथ अमरावती मनपा की सत्ता हासिल की थी. वहीं तीन पार्षद निर्वाचित रहनेवाली युवा स्वाभिमान पार्टी ने भी भाजपा के साथ हाथ मिलाते हुए मनपा की सत्ता में हिस्सेदारी प्राप्त की थी और पूरे पांच साल तक भाजपा व युवा स्वाभिमान की मनपा में आपसी गलबहियां चलती रही. हालांकि मुंबई व दिल्ली के स्तर पर भाजपा के पक्ष में पूरी मजबुती के साथ खडे रहनेवाले युवा स्वाभिमान पार्टी के नेता व विधायक रवि राणा की स्थानीय स्तर पर भाजपा नेताओं व पदाधिकारियों के साथ पूरा समय आपसी अनबन चलती रही. वहीं विगत दिनों राजापेठ रेलवे ओवर ब्रिज पर छत्रपति शिवाजी महाराज का पुतला स्थापित किये जाने के मसले को लेकर भाजपा और युवा स्वाभिमान के बीच जबर्दस्त दरार भी पैदा हुई. ऐसे में दोनों ही दल ऐन समय पर एक-दूसरे को लेेकर क्या निर्णय लेते है, अब इस ओर सभी का ध्यान लगा हुआ है.
* राज्यमंत्री बच्चु कडू की भी हो सकती है एंट्री
जिले की राजनीति में काफी हद तक अपनी मजबूत पकड बना चुके राज्यमंत्री बच्चु कडू की प्रहार जनशक्ति पार्टी द्वारा भी मनपा के अगले चुनाव में दमदार एंट्री करने के संकेत मिल रहे है. हालांकि अभी यह तय नहीं है कि, प्रहार द्वारा स्वतंत्र तौर पर मनपा का चुनाव लडा जायेगा, या फिर राज्य के समीकरण की तरह प्रहार किसी आघाडी में हिस्सा लेगा. किंतु इतना जरूर तय है कि, प्रहार द्वारा मनपा चुनाव में हिस्सा लिये जाने पर स्थानीय स्तर पर राजनीतिक समीकरण काफी हद तक बदल जायेंगे.
* एमआईएम व बसपा भी लगे चुनावी तैयारी में
वहीं आगामी चुनाव के मद्देनजर अब बसपा व एमआईएम जैसे दल भी अपनी तैयारियों में लग गये है तथा चुनाव जितने योग्य उम्मीदवारों की पडताल करते हुए अपनी पकड मजबूत रहनेवाले प्रभागों पर पूरा ध्यान दिया जा रहा है. जिसके तहत अब सभी नगरसेवकों द्वारा अपने-अपने वॉर्ड व प्रभाग में बडे जोर-शोर के साथ विकास कामों के भुमिपूजन का सिलसिला शुरू किया गया है, ताकि अगले चुनाव में अधिक से अधिक वोटों को कैश किया जा सके.

* प्रभाग रचना व आरक्षण की ओर सभी की नजर
बता दें कि, अमरावती मनपा में पिछला चुनाव 87 सीटों के लिए हुआ था और वह चुनाव 4 सदस्यीय प्रभाग पध्दति के जरिये करवाया गया था. वहीं इस बार राज्य सरकार द्वारा लिये गये फैसले के चलते अमरावती मनपा में 11 सीटों का इजाफा हुआ है और इस बार 98 सीटों के लिए तीन सदस्यीय प्रभाग पध्दति के जरिये चुनाव करवाया जायेगा. ऐसे में सभी वॉर्डों का नये सिरे से परिसिमन करने के साथ ही नई प्रभाग रचना तैयार की जानी है. किंतु अब तक राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा अंतिम प्रभाग रचना घोषित नहीं की गई है. जिसकी वजह से आरक्षण का मामला भी अटका हुआ है. यद्यपि इस समय ओबीसी आरक्षण को लेकर काफी हद तक संभ्रम व्याप्त है, किंतु एससी/एसटी संवर्ग सहित महिला आरक्षण का मसला भी लटका हुआ है. ऐसे में चुनाव लडने के इच्छुकोें द्वारा अंतिम प्रभाग रचना के साथ-साथ आरक्षण की घोषणा को लेकर बेसब्री के साथ प्रतीक्षा की जा रही है. बता दें कि, अमरावती मनपा में अब 87 की बजाय 98 सदस्य रहेंगे और प्रभाग संख्या 23 से बढकर 33 हो जायेगी. इन सभी प्रभागों में 50 फीसद आरक्षण महिलाओं का रहेगा. यानी 89 में से 44 सीटें महिलाओं हेतु आरक्षित रहेगी. इसके साथ ही अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीटों की संख्या भी 15 से बढकर अब 17 हो जायेगी. ऐसे में प्रभाग रचना के अंतिम प्रारूप व प्रभागनिहाय आरक्षण की घोषणा होने को लेकर सभी के द्वारा प्रतीक्षा की जा रही है.

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