अमरावती/दि.2– साल के आखिर में वर्ष खत्म होने के साथ ही साफ सफाई के ठेके के काम भी रद्द किए जाते है. जिसमें नाली साफ-सफाई, साफ की गई नाली साफ-सफाई, साफ की गई नाली का कीचड उठाना, कचरा गाडी से घर- घर का कचरा उठाने आदि.
परंतु इस समय रस्ता साफसफाई करने तथा झाडने के लिए जो महिला कर्मचारी लगाई जाती है. उन्हें हटाया गया, ऐसा उल्लेखन नियम व शर्त में नहीं है. ऐसा एक ठेकेदार ने इस महिला कर्मचारी को परिसर में बताया कि अब घर बैठो.
पुरानी ठेका पध्दति में प्रत्येक प्रभाग निहाय 55 कामगार व्यक्ति ठेकेदार के व महापालिका के स्थायी कर्मचारी 12 से 15 ऐसे मिलाकर प्रत्येक प्रभाग की साफ सफाई करने का प्रयोजन व नियमानुसार होता है. परंतु यह सभी दस्तावेज अस्तित्व में केवल 12, 15 ऐसे मिलाकर प्रत्येक प्रभाग की साफ सफाई करने का प्रयोजन व नियमानुसार होता है. परंतु ये सभी दस्तावेज, अस्तित्व में किंतु 12 से 15 इतने ही कामगार किसी भी प्रभाग में कार्यरत दिखाई देते है. महापालिका साफ सफाई के लिए करोडो रूपए खर्च करती है. परंतु ये ठेकेदार मनपा यंत्रणा से मिलकर कम कामगार लगाकर अधिक कामगार के नाम पर झूठे बिल पास करने का आरोप शिवसेना ने किया. जनता को अधिक पैसे के बदले में कम सुविधा देते हैं.
फिलहाल तो भी यह ठेका पध्दति एक माह के लिए बढाई जाए, ऐसी जानकारी मनपा आयुक्त ने दी है. शिवसेना के अचानक हुए इस आंदोलन ने प्रशासन में हडकंप मचा है. रास्ता साफ-सफाई करनेवाले महिलाओं को ठेके में शामिल करने का आश्वासन आयुक्त साहब ने दिया है. नये से होनेवाले वाले ठेके में महिला को निकाला नहीं जायेगा, ऐसा उन्होंने इस समय कहा. शिवसेना महानगरप्रमुख संतोष बद्रे, शिवसेना शहर प्रमुख आशिष ठाकरे, शिवसेना शहर संघटक प्रमुख बडनेरा मुकेश उसरे,शिवसेना उपशहर प्रमुख मनोज पांडे, शिवसेना प्रभाग प्रमुख अमर करोसिया, रुख्मिणी निधाने, गीता सारसकर, किरण ढंढेरे, कविता करोसिया, दीपाली मारवे, संगीता धनंकासार, रजनी बोयत, आरती कामवाल, मंदा सारसर, पूजा गोहर, आरती निधाने, वर्षा चवटे, बरखा बिवाल, यशोदा तुडनायक, पारो घोसरे, रजनी गुजराती ईत्यादी महिला कामगार व शिवसैनिक उपस्थित थे.