अमरावती/दि.26 – शिंदे सरकार के रोगायो और फलोत्पादन मंत्री संदीपान भुमरे ने उद्धव ठाकरे की कार्यशैली पर प्रश्न उपस्थित किये. उन्होंने मातोश्री को शिवसैनिकों का तीर्थ निरुपित किया. मगर यह भी कहा कि, 9 गोचीड (जोंक) के कारण शिवसेना बर्बादी की राह पर है. भुमरे 2 दिन अमरावती जिले के प्रवास पर थे. रविवार को नागपुर रवाना होने से पूर्व उन्होंने स्थानीय मीडिया से बातचीत की.
* मातोश्री नहीं पहुंचने दिया
भुमरे ने कहा कि, बालासाहब ठाकरे ने हिंदूत्व का विचार कर साधारण कार्यकर्ता को एकत्र किया. शिवसेना की स्थापना की. 80 प्रतिशत समाज सेवा और 20 प्रतिशत राजनीति का बालासाहब का फार्मूला था. इसके कारण 2 बार शिवसेना सत्तासीन हुई. बालासाहब का फार्मूला इन 9 गोचीड-जोंक ने दरकिनार कर दिया और सर्वसामान्य कार्यकर्ता को मातोश्री से दूर कर दिया. जिसके कारण शिंदे गट ने विद्रोह किया. बार-बार पूछने पर भी भुमरे ने 9 गोचीड के नाम नहीं बताये. समय आने पर नाम उजागर करने की बात उन्होंने कहीं.
* सत्ता पर कांग्रेस राकांपा हावी
भुमरे ने कहा कि, भाजपा और शिवसेना युति के रुप में चुनाव लडे. किंतु सत्ता स्थापना के समय कुछ लोगों ने विचारधारा से नाता तोडकर कांग्रेस और राष्ट्रवादी से समझौता किया. फिर भी हम शांत रहे. आम आदमी के प्रश्न रखने का अनेक बार प्रयत्न किया. अजित पवार के पास जाते, तो हमारे लिये फंड की कमी रहती. हमें सिर्फ मुख्यमंत्री पद दिया गया था. बाकी सत्ता कांग्रेस और राष्ट्रवादी की थी. सत्ता पर वह दोनों हावी थे.