अमरावती

शिव भोजन केंद्र बंद पडने के मार्ग पर

संचालक फंसे आर्थिक दिक्कतों में, लगातार बढती महंगाई से है त्रस्त

* 2 माह से भोजन केंद्रों को नहीं मिला अनुदान, खर्च चलाना हुआ मुश्किल
* अनाज व किराना के साथ ही सीसीटीवी व कुलर का इलेक्ट्रीक खर्च भी बढा
अमरावती/दि.13 – राज्य में महाविकास आघाडी सरकार के कार्यकाल दौरान शुरु किए गए शिव भोजन केंद्रों की अवस्था काफी विकट हो गई है. चूंकि विगत 1 वर्ष से लगातार बढती महंगाई के चलते शिव भोजन केंद्रों के संचालक पहले ही काफी त्रस्त हो गए है. साथ ही उन्हें विगत 2 माह से सरकारी अनुदान की राशि नहीं मिली है. वहीं अब केंद्र संचालकों को अपने-अपने भोजन केंद्रों में सीसीटीवी कैमरे लगाने का आदेश दिया गया. साथ ही साथ गर्मी का मौसम शुरु हो जाने के चलते सभी केंद्र संचालकों को कुलर व पंखें का भी इंतजार करना पडेगा. जिसके चलते उनके इलेक्ट्रीक बिल का खर्चा बढ जाएगा और यह खर्च शिव भोजन केंद्रों से होने वाली कमाई से निकलना मुश्किल है. ऐसे में शिव भोजन केंद्रों को कैसे चलाया जाए, इस सवाल से कई संचालक जुड रहे है. साथ ही अब कई शिव भोजन केेंद्र बंद होने की कगार पर भी है.
बता दें कि, आधार कार्ड पर पंजीयन के जरिए शिव भोजन केंद्रों का कामकाज शुरु है. परंतु केंद्र संचालकों को सरकार के समय पर अनुदान नहीं मिल पाता. इसके बावजूद रोजाना आने वाले सैकडों लोगों के भोजन की व्यवस्था शिव भोजन केंद्र के संचालकों को करनी पडती है. वहीं अब बिल के साथ सीसीटीवी फूटेज को नहीं जोडने पर बिल ही नहीं निकलता है. जिसके चलते अब सीसीटीवी का खर्च भी बढ गया. इस काम के लिए तकनीकी व्यक्ति के न्यूनतम वेतन के साथ ही सीसीटीवी यंत्रणा स्थापित करने का खर्च और इस हेतु लगने वाली बिल्डींग का खर्च बढ गया है. साथ ही साथ गर्मी का मौसम शुरु हो जाने की वजह से फैन व कुलर की भी जरुरत पडेगी. जिस पर होने वाला इलेक्ट्रीक का खर्च बढ जाएंगा. वहीं दूसरी ओर इन दिनों महंगाई आसमान छू रही है. जिसके तहत व्यावसायिक सिलेंडर के दामों सहित अनाज व किराना के दामों में बेतहाशा वृद्धि हो गई. प्रत्येक शिव भोजन केंद्र में रोजाना कम से कम 100 लोगों को भोजन देना आवश्यक है. इस पर होने वाला खर्च केंद्र संचालकों को पहले अपने जेब से करना पडता है. फिर इसके पश्चात सरकार द्बारा उन्हें अनुदान दिया जाता है. जिसके लिए तमाम तरह की शर्ते व नियम तय किए गए है. ऐसे में सवाल पूछा जा रहा है कि, अगर महंगाई के इस दौर में लाभार्थियों को बेहद अत्यल्प दरों पर भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है, तो इसके लिए इतने कडे नियम व शर्त क्यों लगाए जा रहे है. विशेष उल्लेखनीय है कि, विशेष उल्लेखनीय है कि, जिस समय शिव भोजन केंद्र शुरु किए गए थे. तब ऐसे कोई नियम व शर्त नहीं लगाए गए. लेकिन अब शिव भोजन का लाभ लेने हेतु पहुंचने वाले व्यक्ति का फोटो सीसीटीवी में कैद करना पडता है. यह एक तरह से गरीब व जरुरतमंद लाभार्थी के मन को ठेस पहुंचाने की तरह है. अत: इस व्यवस्था को तुरंत बदल जाने की मांग केंद्र संचालकों के साथ-साथ लाभार्थियों द्बारा भी की जा रही है.

* महंगाई के चलते अनुदान से अधिक खर्च
समय पर अनुदान नहीं मिलने के चलते जिले के 31 में से 9 शिव भोजन केंद्र बंद हो चुके है. वहीं शेष 12 केंद्रों को भी विगत 3 माह से अनुदान नहीं मिला है, ऐसा संबंधित केंद्रों के संचालकों द्बारा बताया गया है. इसके बावजूद आगे चलकर अनुदान मिलेगा. इस उम्मीद पर संचालकों द्बारा शिव भोजन केंद्रों को चलाया जा रहा है. लेकिन अब मिलने वाले अनुदान की तुलना में शिव भोजन केंद्रों को चलाने का खर्च कई गुना अधिक बढ गया है. जिसके चलते केंद्रों को जारी रखना काफी मुश्किल हो गया है. ऐसे में कई केंद्र संचालक अपने शिव भोजन केंद्रों को बंद करने की मानसिकता तक पहुंच गए है.

* जनवरी माह तक सभी बिल अदा
वहीं इस बारे में जानकारी हेतु संपर्क किए जाने पर जिला आपूर्ति अधिकारी बी. के. वानखडे ने बताया कि, यदि शिव भोजन केंद्र के संचालकों द्बारा सीसीटीवी फूटेज सहित बिल पेश किए गए है, तो उनके बिल को रोका नहीं जाता है. बल्कि तत्काल बिल अदा कर दिया जाता है. जनवरी माह तक सभी बिल अदा कर दिए गए है. यद्यपि शिव भोजन केंद्र में कम से कम 100 लोगों को भोजन देने आवश्यक है. परंतु सीसीटीवी फूटेज में लाभार्थियों के चेहरे दिखाई देना चाहिए. तभी संबंधित केंद्र का बिल जारी किया जाता है.

* जिले में तहसील निहाय शिव भोजन केंद्र
अमरावती 10
दर्यापुर 03
नांदगांव खंडे. 03
अचलपुर 02
मोर्शी 02
भातकुली 02
धामणगांव रेल्वे 02
चांदूर रेल्वे 02
चांदूर बाजार 01
तिवसा 01
धारणी 01
चिखलदरा 01
अंजनगांव सुर्जी 01
वरुड 01

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