अमरावती

शिव भोजन केंद्र संचालकों को अनुदान की प्रतिक्षा

3 से 4 माह तक नहीं मिलता अनुदान

भोजन केंद्र चलाने में आ रही दिक्कतें
अमरावती/दि.9 – राज्य मेें महाविकास आघाडी सरकार के कार्यकाल दौरान शिव भोजन थाली केंद्र शुरु किए गए थे. जिसके जरिए गरीब व जरुरतमंद लोगों को अत्यल्प शुल्क में भोजन उपलब्ध कराया जाता है. इस योजना को बेहतरीन प्रतिसाद मिलने के चलते शिव भोजन केंद्र चालकों द्बारा रोजाना तय लक्ष्य के बराबर भोजन वितरीत किया जाता है. आधार कार्ड व एप पर पंजीयन पद्धति के जरिए शिव भोजन केंद्र का कामकाज चल रहा है. परंतु शिवभोजन केंद्र संचालकों को सरकार की ओर से समय पर अनुदान नहीं मिलता. जिसकी वजह से रोजाना सैकडों लोगों की भोजन की व्यवस्था करने वाले शिव भोजन केंद्र संचालकों के भोजन पानी पर सवालिया निशान लग गया है.
उल्लेखनीय है कि, प्रत्येक शिव भोजन केंद्र में रोजाना कम से कम 100 लोगों के लिए भोजन बनाना पडता है. इस पर होने वाला खर्च खुद अपनी जेब से करना होता है. जिसके लिए बाद में सरकार से अनुदान मिलता है. परंतु सरकार की ओर हमेशा ही 3 से 4 माह का अनुदान बकाया रहता है. ऐसे में शिव भोजन केंद्र संचालकों को एक तरह से अपना पूरा काम उधारी में ही चलाना पड रहा है. जिसकी वजह से उनका हाथ हमेशा तंग रहता है. कई शिवभोजन केंद्र संचालकों का मानना है कि, यदि सरकार द्बारा नियमित तौर पर अनुदान दिया जाए, तो शिव भोजन केंद्रों का संचालन काफी आसान हो जाएंगा.
* तहसील निहाय शिव भोजन केंद्र
तहसील केंद्र
अमरावती 10
दर्यापुर 03
अचलपुर 02
नांदगांव 03
तिवसा 01
धारणी 01
चिखलदरा 01
अंजनगांव सुर्जी 01
वरुड 01
मोर्शी 02
भातकुली 02
धामणगांव रेल्वे 02
चांदूर रेल्वे 01
चांदूर बाजार 01
* 2 माह में 8 हजार लोगों का भरा पेट
शिव भोजन केंद्रों से जिले में रोजाना 200 से 400 लोगों को भोजन उपलब्ध कराया जाता है. विगत 2 माह के दौरान करीब 8 से 10 हजार लोगों के भोजन का इंतजाम शिव भोजन केंद्र से किया गया है. इस योजना का गरीब व मेहनत मजदूरी करने वाले लोगों को काफी फायदा होता है.
शिव भोजन केंद्रों के देयक हर महिने जिला आपूर्ति कार्यालय के पास भेजे जाते है और नियमित उपलब्ध अनुदान के अनुसार देयक प्रदान किए जाते है. अब तक के सभी देयकों का भुगतान हो चुका है.
– वैशाख वाहुरवाघ,
सहायक जिला आपूर्ति अधिकारी
* 31 में से 9 केंद्र बंद
जिले में कुल 31 शिव भोजन केंद्र है. जिसमें से 9 केंद्र बंद हो गए है. वहीं शेष 22 केंद्रों को विगत 3 माह से अनुदान नहीं मिला है. लेकिन इसके बावजूद केंद्र संचालक उधारी पर किराणा व सागसब्जी लाकर काम चला रहे है. लेकिन भोजन पकाने हेतु रखे गए लोगों का वेतन अदा करने में उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड रहा है. ऐसा कई केेंंद्र संचालकों का कहना है.

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