अमरावतीमहाराष्ट्र

‘शिव के मन भाय रही रे होरी….’

श्री संक्रेश्वर रात्रि मित्र परिवार की घर और मंदिरों में प्रस्तुति

* फागुन रसिया के आयोजन चढे परवान
* रसिकों ने व्यक्त किया झूम कर आनंद
* फूलों की वर्षा से सभी सराबोर
अमरावती/दि.12– फागुन का रंग चढ गया है. ऐसे में फागुन रसिया गीतों का आयोजन परकोटे के भीतर युवा शिव भक्त कर रहे हैं. बगैर माइक केवल डफ लेकर ताल से ताल मिलाकर होली के गीत और भजनों की प्रस्तुति न केवल सुंदर परंपरा रही है. बल्कि उपस्थितों को थिरकने पर और गुनगुनाने पर विवश कर रही है. यह भी बता दें कि घरों और मंदिरों में हो रहे फागुन रसिया के आयोजन में पारंपरिक गीतों को गाकर और फूलों की होली भक्त खेल रहे हैं. आनंद और उमंग से भरपूर इन आयोजनों ने परकोटे के भीतर अनूठा रस बिखेरा हैं.
श्री संक्रेश्वर रात्रि मित्र परिवार के नकुल डाबी, गोपाल दायमा, पीयूष मोर, सुमित तिवारी, देवेश चावडा, नीलेश शर्मा, नितिन सेवक, कार्तिक बुच्चा, अमन मामनकर, लालू उर्फ विक्रम प्रफुल्ल सोनी, संजय सोनी, गोपी आसोपा, प्रवीण ओझा, विजय चांडक, रितेश पांडे, जगदीश पुरोहित, केशव पुरोहित, अविनाश पोलाद, अमन गुप्ता, सागर शर्मा, तरूण पुरवार, अनमोल ओझा, मयंक सोनी, दर्शन पनिया, रोशन गौड, सचिन शर्मा, अनिल शर्मा, अक्षय दायमा, सागर ठाकुर, एड. शैलेश पुरवार, हरि पुरवार, घनश्याम सोनी, अतुल लड्डू, मयूर रेड्डी, रितेश आसोपा, अशोक पुरोहित, रितेश वर्मा, आनंद सिकची, अनिल पुरवार, घनश्याम भूतडा, सागर चांडक, नीलेश मोहोकार, प्रवीण शर्मा, हर्ष शर्मा, राजू व्यास, श्याम शर्मा, एड. सुमित शर्मा, विक्की पनिया, सुमित शर्मा मामाजी, नीलेश चंदेले, संजय मुथा, मनीष उपाध्याय सहित अनेक का सहभाग आयोजन को सुंदर बना रहा है. सभी के माथे और गाल पर गुलाल लगाया जा रहा हैं.

शिव के मन भाय रही रे होरी…. सहित अनेक भजनों को डफ की थाप पर दर्शन पनिया, गोपी आसोपा, नकुल डाबी, विजय चांडक, विनोद चांडक प्रस्तुत करते है तो उपस्थित प्रत्येक मुग्ध हो जाता है. झूमने, थिरकने लगता है.

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