अमरावती

बेहद अलौकिक रहा शिव-पार्वती विवाह समारोह

महाशिवरात्रि पर्व पर श्री रामदेव बाबा महिला मंडल का उपक्रम

  • धार्मिक आयोजन में सैंकडों श्रध्दालुओं ने लिया प्रसाद का लाभ

अमरावती/दि.2 – स्थानीय श्री रामदेव बाबा महिला मंडल ने शिव-पार्वती के विवाह की रात्रि अर्थात महाशिवरात्रि के इस पावन पर्व यादगार बनाते हुए सजीव झाकियों के साथ भोलेबाबा के विवाह प्रसंग का शिवभक्तों को अलौकिक दर्शन करवाया. जिन्हें देखकर भक्तों की आत्मा तृप्त हुई. इस आयोजन में उपस्थित सभी भाविक श्रध्दालुओं ने भगवान भोलेनाथ के बाराती बनकर इस विवाह समारोह में हाजरी लगायी. साथ ही भगवान शिव व माता पार्वती को विवाह की बधाईयां दी. इसके अलावा इस आयोजन में सभी भाविक श्रध्दालुओं ने भगवान कृष्ण व राधा रानी के साथ फाल्गुन का आनंद भी लिया.
स्थानीय राजापेठ स्थित रामदेव बाबा मंदिर के प्रांगण मेें श्री रामदेव जी महाराज संस्थान अंतर्गत श्री रामदेव बाबा महिला मंडल द्बारा मंगलवार को महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर शाम 5.30 बजे से शिव पार्वती विवाह की संगीतमय प्रस्तुति एवं विवाह प्रसंगों की सजीव झांकियों के साथ विदर्भ की सुविख्यात जम्मा गायिका संगीता खंडेलवाल ने अपनी सुमधुर आवाज से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया था. कार्यक्रम की शुरुआत विवाह समारोह में पधारे बारातियों को कुमकुम तिलक लगाकर, राखी बांधते हुए तथा मेहंदी कोन देकर की गई. शिव एवं पार्वती के विवाह समारोह में उपस्थित सभी बारातियों ने पारंपारिक वेशभूषा परिधान की थी. महिलाएं घाघरा-ओढनी तथा पुरुष बंगाली कुर्ता पहनकर पधारे थे. मेघा चांडक ने जम्मा गायिका संगीता खंडेलवाल के साथ उपस्थित अतिथियों का शब्दसुमनों से स्वागत किया. सर्वप्रथम प्रथमेश श्रीगणेश का आवाहन करते हुए सभी देवताओं का आवाहन किया गया. जम्मा गायिका संगीता खंडेलवाल का स्वागत मंडल की अध्यक्षा सावित्री लढ्ढा व सचिव कंचन चांडक ने किया.
शिव-पार्वती विवाह में सर्वप्रथम पार्वती के जन्म की झाकियों में 5 बरस की पार्वती, 10 बरस की पार्वती ने भोलेबाबा को वर के रुप में मिलने के लिए तपस्या करके भोलेबाबा को पाया. इसके अलावा हल्दी, मेहंदी, झाला वरना, बारात, फेरे सभी रस्मों के साथ सजीव झांकियों के जरिए विवाह प्रसंगों का वर्णन किया गया. मंदिर प्रांगण मेें भगवान शिव शंकर अपने भूतों की टोली, ब्रम्हा, विष्णु, नारद जी के साथ बारात लेकर बैंड बाजे के साथ शामिल हुए. माता पार्वती की ओर से मामा की भूमिका रामाधनिया परिवार ने निभायी.
उल्लेखनीय है कि, महाशिवरात्रि का पर्व फाल्गुन माह में आता है. इस माह में भगवान कृष्ण तथा राधा रासलीला का आनंद लेते हैं. मथुरा नगरी उनकी रासलीला में मंत्रमुग्ध हो जाती है. इस पर्व को भी शिव-पार्वती विवाह समारोह के दौरान प्रस्तुत किया गया. अर्धनारेश्वर स्वरुप महादेव और माता पार्वती, राधाकृष्ण के संग सखियों के साथ फूलों की होली खेली. जिसके सभी भक्तगण साक्षी बने. कार्यक्रम में शीतल बूब, उमा बंग, कोमल सोनी, संगीता टवाणी, किरण मंत्री, गीता लढ्ढा, वीणा चांडक, सुनीता सोनी, सरिता सोनी, सोनल मोदाणी, संगीता राठी, रजनी राठी, मीना नावंदर, हेमा गट्टाणी, अरुणा राठी, कविता मोहता, अयोध्या हेडा, चंदा मालाणी, माधुरी छावछरिया, भारती आसोपा, सीमा जाजू, प्रीति डागा, बसती सोनी, मंगला सोनी, शांतादेवी मंत्री, सीमा जाजू, विमल जाजू, लता मुंधडा, अर्चना लाहोटी, हेमलता नरेडी, मयूरी वर्मा, उज्ज्वला मालाणी, कल्पना टावरी, विजय लढ्ढा, गिरीराज कोठारी, सुरेंद्र करवा, नंदलाल सारडा, स्नेहा मालाणी, प्रदीप मुंधडा, मदन भुतडा, मनोज हेडा, संजय भुतडा, घनश्याम लढ्ढा, विजय अग्रवाल, प्रकाश करवा, डॉ. गोकुल सारडा, गोपाल डागा, दीपक गाढवे, समेत मंदिर के पदाधिकारी व शिवभक्त बडी संख्या में उपस्थित थे.
श्री रामदेव बाबा महिला मंडल द्बारा महाशिवरात्रि पर्व निमित्त आयोजित शिव-पार्वती विवाह में महादेव की भूमिका अर्चना कोठारी, पार्वती की भूमिका कविता खंडेलवाल, ब्रम्हाजी की भूमिका सुनीता वर्मा, विष्णुजी की भूमिका ज्योति जाजू, माता पार्वती की माता की भूमिका दुर्गा हेडा, पिता की भूमिका ज्योति जाजू, पंडित की भूमिका उर्मिला कलंत्री, नारद की भूमिका रत्ना बंग, पार्वती के बाल्यावस्था की भूमिका वेदिका वर्मा, चारुश्री वर्मा, भाग्यश्री बंग ने प्रस्तुत की. भूतों की टोली में दर्श जाखोटिया, रिवांश अग्रवाल, सर्वश मालाणी, यश मालाणी का समावेश रहा. कृष्ण की भूमिका कृष्णा सारडा, राधा की भूमिका ईशा मालाणी, सखियों की भूमिका चंदा भुतडा, सुषमा भुतडा व पूजा मालाणी, नदी की भूमिका रुद्राक्ष ने निभाई. वहीं परदे के पीछे रहकर नेपथ्य को मेघा चांडक, वैशाली चांडक, गट्टाणी, भारती आसोपा, मंजू हेडा ने बखूबी संभाला.

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