‘शिवाजी’ में ‘प्रगति’ के ‘हर्ष’ का ‘वर्धन’
संस्था अध्यक्ष पद का जिम्मा फिर हर्षवर्धन देशमुख के पास
* प्रगति पैनल के आठ प्रत्याशी जीते
* एक सीट पर विकास पैनल को मिली सफलता
* नरेशचंद्र ठाकरे, शरद तसरे व विठ्ठल वाघ जैसे दिग्गजों को करना पडा हार का सामना
अमरावती-दि.12 – विदर्भ क्षेत्र की सबसे बडी एवं राज्य में दूसरे स्थान पर रहनेवाली श्री शिवाजी शिक्षा संस्था की 9 सदस्यीय कार्यकारिणी का चयन करने हेतु गत रोज कराये गये चुनाव में संस्था के निवर्तमान अध्यक्ष हर्षवर्धन देशमुख के नेतृत्ववाले प्रगति पैनल ने पूर्व विधायक एवं अध्यक्ष पद के दावेदार नरेशचंद्र ठाकरे के नेतृत्ववाले विकास पैनल को क्लीन स्वीप करते हुए एकतरफा जीत हासिल की. प्रगति पैनल ने 9 सीटों में से अध्यक्ष पद सहित कुल 8 सीटों पर अच्छी-खासे वोटों से जीत दर्ज की है. वही तीन में से एक उपाध्यक्ष पद पर विकास पैनल के केशवराव मेटकर जैसे-तैसे 6 वोटों के फर्क से जीत हासिल करने में सफल रहे. इस चुनाव में अध्यक्ष पद के दावेदार व पूर्व विधायक नरेशचंद्र ठाकरे तथा उपाध्यक्ष पद के दावेदार व विधान परिषद के पूर्व उपासभापति शरद तसरे एवं वरिष्ठ वर्हाडी कवि विठ्ठल वाघ जैसे दिग्गजोें को पराजय का मुंह देखना पडा.
बता दें कि, श्री शिवाजी शिक्षा संस्था के अध्यक्ष व कोषाध्यक्ष सहित 3 उपाध्यक्ष व 4 सदस्य पदों के चुनाव हेतु गत रोज 11 सितंबर को श्री शिवाजी शारीरिक शिक्षा महाविद्यालय में सुबह 8 से शाम 5 बजे तक मतदान की प्रक्रिया चली. इस दौरान संस्था के 774 में से 672 आजीवन सदस्यों व प्रतिनिधि सदस्यों में से कुल 672 यानी 86.82 फीसद मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया. पश्चात शाम 7 बजे सबसे पहले 4 सदस्य पदों, पश्चात 3 उपाध्यक्ष पदों, पश्चात 1 कोषाध्यक्ष पद एवं सबसे अंत में अध्यक्ष पद हेतु हुए मतदान की मतगणना की गई. 4 सदस्य पदों के लिए मैदान में कुल 10 उम्मीदवार थे. जिसमें प्रगति व विकास पैनल के 4-4 उम्मीदवारों के साथ ही 2 निर्दलीय उम्मीदवारों का समावेश था. जिनमें से प्रगति पैनल के हेमंत वासुदेव कालमेघ, केशवराव रामकृष्ण गावंडे, सुरेश जनार्दनराव खोटरे तथा सुभाष श्रीधरपंत बनसोड विजयी हुए.
इसके उपरांत 3 उपाध्यक्ष पदों हेतु हुए मतदान की गणना की गई. जिसमें प्रगति पैनल के गजानन केशवराव फुंडकर व एड. जयवंत उर्फ भैय्यासाहब पाटील पुसदेकर तथा विकास पैनल के केशवराव जगन्नाथ मेटकर विजयी रहे. वहीं विकास पैनल की ओर से उपाध्यक्ष पद के दावेदार रहनेवाले विधान परिषद के पूर्व उपसभापति शरद तसरे, डॉ. अशोक पांडुरंग अरबट, डॉ. रामचंद्र नारायणराव शेलके एवं निर्दलीय प्रत्याशी डॉ. विठ्ठल वाघ को हार का सामना करना पडा.
कोषाध्यक्ष पद के लिए प्रगति पैनल की ओर से दावेदार रहनेवाले निवर्तमान कोषाध्यक्ष दिलीपबाबू इंगोले और विकास पैनल के प्रत्याशी बालासाहब वैद्य के बीच सीधी भिडंत हुई. जिसमें दिलीपबाबू इंगोले ने 424 वोट लेकर जीत हासिल की. वही बालासाहब वैद्य को 242 वोटों पर ही संतोष करना पडा.
इसके उपरांत सबसे अंत में अध्यक्ष पद के चुनाव हेतु पडे वोटों की गिनती की गई. जिसमें प्रगति पैनल की ओर से हर्षवर्धन देशमुख ने 389 वोट हासिल करते हुए 117 वोटों की लीड के साथ जीत हासिल की. वही उनके प्रतिस्पर्धि तथा विकास पैनल के संयोजक नरेशचंद्र ठाकरे को 272 वोट मिले. मतगणना शुरू होते ही जैसे-जैसे प्रगति पैनल के खाते में विजयी सीटों का इजाफा हो रहा था, वैसे-वैसे प्रगति पैनल के प्रत्याशियों व समर्थकों में खुशी बढती जा रही थी तथा सभी का ध्यान अध्यक्ष पद हेतु हुए मतदान की मतगणना की ओर लगा हुआ था. जैसे ही अध्यक्ष पद के चुनाव में प्रगति पैनल की ओर से हर्षवर्धन देशमुख के विजयी रहने की घोषणा हुई, वैसे ही प्रगति पैनल के सभी विजेता प्रत्याशियों और समर्थकों ने शिवाजी बीपीएड कॉलेज के प्रांगण में एक-दूसरे को बधाईयां देते हुए जीत का जश्न मनाया. इस समय अबीर-गुलाल उडाने के साथ ही जमकर आतिशबाजी भी की गई.
* ऐन मतदान के बीच हुआ राडा
– हर्षवर्धन देशमुख व विधायक भुयार से हुई धक्का-मुक्की
– पुलिस ने हलका बल प्रयोग भी किया, ठाकरे गुट के दो-तीन समर्थक धरे गये
रविवार की सुबह 8 बजे से श्री शिवाजी शिक्षा संस्था का चुनाव बडे ही शांतिपूर्वक ढंग से चल रहा था, लेकिन दोपहर 12 बजे के आसपास स्थिति उस समय तनावपूर्ण हो गई, जब अध्यक्ष पद के उम्मीदवार हर्षवर्धन देशमुख के साथ विकास पैनल के समर्थक राजेंद्र गायगोले ने धक्का-मुक्की की. वही मोर्शी-वरूड निर्वाचन क्षेत्र के विधायक देवेंद्र भुयार के साथ नरेशचंद्र ठाकरे के पुत्र व कांग्रेस पदाधिकारी विक्रम ठाकरे का विवाद हुआ. जिसके चलते दोनों गुट के समर्थक आमने-सामने आ गये. ऐसे में स्थिति को नियंत्रण में रखने हेतु पुलिस ने दोनों गुट के समर्थकों पर हलका लाठीचार्ज किया और हंगामा मचा रहे ठाकरे गुट के दो-तीन समर्थकों को हिरासत में लिया.
पता चला है कि, जिस समय शिवाजी शिक्षा संस्था की कार्यकारिणी हेतु मतदान चल रहा था, तब ठाकरे गुट के एक समर्थक ने खुद को एक आजीवन सदस्य का रक्तसंबंधी बताते हुए मतदान करने का प्रयास किया. जिसे मतदान अधिकारियों द्वारा रोके जाने पर ठाकरे समर्थक व्यक्ति ने मतदान केंद्र के बाहर हंगामा मचाना शुरू कर दिया. इस बात को लेकर देखते ही देखते दोनों गुट के समर्थक व प्रत्याशी आमने-सामने हो गये और ठाकरे समर्थक राजेंद्र गायगोले द्वारा हर्षवर्धन देशमुख के साथ धक्का-मुक्की का प्रयास किये जाते ही स्थिति काफी हद तक बिगडनी शुरू हो गई, क्योेंकि तब तक देशमुख समर्थक भी मैदान में उतर गये थे, लेकिन पुलिस द्वारा समय रहते हालात को संभाल लिया गया. जिसके लिए पुलिस को हलका बल प्रयोग भी करना पडा.
* मतदान निपटते ही देशमुख व ठाकरे दिखे साथ-साथ
– चुनावी अदावत भूलकर दोस्ताना माहौल में की बातचीत
उल्लेखनीय है कि, श्री शिवाजी शिक्षा संस्था का पिछला चुनाव हर्षवर्धन देशमुख व नरेशचंद्र ठाकरे ने परिवर्तन पैनल के बैनरतले एकसाथ मिलकर लडा था. जिसमें परिवर्तन पैनल को जीत मिली थी तथा हर्षवर्धन देशमुख अध्यक्ष एवं नरेशचंद्र ठाकरे उपाध्यक्ष निर्वाचित हुए थे. दोनों ने पांच वर्ष तक एकसाथ मिलकर संस्था का जिम्मा संभाला. परंतू इस बार चुनाव से ऐन पहले नरेशचंद्र ठाकरे ने अध्यक्ष पद पर अपना दावा ठोंकते हुए शिवाजी संस्था के चुनाव में हर्षवर्धन देशमुख के खिलाफ अपना पैनल उतारा. जिसके बाद पिछली बार संगी-साथी रहे इन दोनोें नेताओं के बीच जमकर आरोप-प्रत्यारोप का दौर चला. जिसके चलते दोनों गुटों के बीच काफी हद तक कटूता भी आयी. किंतु गत रोज जब मतदान के समय दोनों गुटों के समर्थक आपस में भिडने को तैयार थे, तब अध्यक्ष पद के दावेदार रहनेवाले हर्षवर्धन देशमुख एवं नरेशचंद्र ठाकरे ने बेहद सामंजस्यवाली भूमिका अपनाते हुए एकसाथ आकर अपने-अपने समर्थकों को समझाया-बुझाया और एक-दूसरे के साथ भी पहले की तरह मित्रवत व्यवहार किया. जिसके चलते यह स्पष्ट संकेत मिला कि, चुनाव को लेकर चाहे जो अदावते पैदा हुई हो, लेकिन उसका देशमुख व ठाकरे के व्यक्तिगत संबंधों पर कोई असर नहीं पडा है.
* ऐसा रहा चुनावी नतीजा
अध्यक्ष पद
हर्षवर्धन देशमुख (प्रगति पैनल) – 389 (विजयी)
नरेशचंद्र ठाकरे (विकास पैनल) – 272
– उपाध्यक्ष पद
एड. गजानन पुंडकर (प्रगति पैनल) – 392 (विजयी)
एड. जयवंत पाटील (प्रगति पैनल) – 318 (विजयी)
केशव मेटकर (विकास पैनल) – 295 (विजयी)
डॉ. अशोक अरबट (विकास पैनल) – 389
डॉ. रामचंद्र शेलके (विकास पैनल) – 287
शरद तसरे (विकास पैनल) – 183