शिवाजी साइंस कॉलेज के छात्रों की उद्यमिता की ओर टेक-ऑफ
छात्रों के सपनों को साकार करने वाले स्टार्टअप वर्षभर में होंगे लॉन्च!

* प्रोत्साहन अनुदान के माध्यम से छात्र करेंगे व्यावसायिक प्रगति की वास्तविक शुरुआत
* स्टार्टअप और उद्यमिता को प्रोत्साहन देने हेतु टेक-ट्रोव हैकाथॉन का सफल आयोजन
अमरावती/दि.1– छात्र-केंद्रित अभिनव उपक्रमों के लिए प्रसिद्ध श्री शिवाजी विज्ञान महाविद्यालय, अमरावती ने छात्रों को नौकरी मांगने वाले नहीं, बल्कि नौकरी देने वाले बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है. महाविद्यालय द्वारा संचालित प्रधानमंत्री उच्चतर शिक्षा अभियान (पीएम-उषा) योजना के अंतर्गत स्टार्टअप एवं उद्यमिता विकास प्रकोष्ठ तथा करियर कट्टा के संयुक्त तत्वावधान में ‘टेक-ट्रोव हैकाथॉन’ का आयोजन किया गया. यह प्रतियोगिता स्नातक, स्नातकोत्तर एवं शोधार्थी छात्रों के लिए आयोजित की गई थी, जिससे छात्रों ने भरपूर लाभ उठाया.
छात्रों की नवाचारी संकल्पनाओं को पहचान कर, उन्हें व्यावसायिक दृष्टिकोण से विकसित करना, प्रतिस्पर्धात्मक प्रस्तुति के माध्यम से चयनित विचारों को वित्तीय सहायता प्रदान कर उन्हें क्रियान्वित करना और एक अनुकूल इकोसिस्टम निर्मित करना – इन्हीं उद्देश्यों को लेकर एक दिवसीय हैकाथॉन का आयोजन किया गया था. उद्घाटन महाविद्यालय के सर सी. वी. रमण सभागृह में हुआ. प्रमुख अतिथि के रूप में डॉ. स्वाति शेरेकर, निदेशक, रिसर्च एवं इनक्यूबेशन फाउंडेशन (सेक्शन-8 कंपनी), संत गाडगे बाबा अमरावती विश्वविद्यालय उपस्थित थीं. उन्होंने अपने बीज भाषण में ’स्टार्टअप इंडिया’ पहल पर व्यापक जानकारी देते हुए छात्रों को परियोजना प्रस्तुति की महत्त्वपूर्ण बातों से अवगत कराया.
कार्यक्रम के प्रारंभ में डॉ. दिनेश खेडकर (समन्वयक, स्टार्टअप-उद्योजकता विकास प्रकोष्ठ) ने इस आयोजन की पृष्ठभूमि और उद्देश्य स्पष्ट किए. उन्होंने बताया कि यह पहल छात्रों की रचनात्मकता को उद्योग की दिशा में मार्गदर्शित करने के लिए की गई है. महाविद्यालय लगातार नवाचारपरक गतिविधियों के माध्यम से विद्यार्थियों को प्रेरित कर रहा है, और उनके स्टार्टअप सपनों को साकार करने हेतु प्रतिबद्ध है. पीएम-उषा योजना, स्टार्टअप प्रकोष्ठ एवं करियर कट्टा इन तीनों माध्यमों से छात्रों को प्रत्येक 1 लाख का, कुल 3 लाख तक का अनुदान प्रदान किया गया, जिसकी जानकारी और अपील डॉ. प्रमोद पडोळे (पीएम-उषा समन्वयक) ने दी. प्राचार्य डॉ. जी. वी. कोरपे ने अध्यक्षीय भाषण में मार्गदर्शन करते हुए कहा की, महाविद्यालय केवल शैक्षणिक ज्ञान देने तक सीमित नहीं है, बल्कि छात्रों की स्टार्टअप कल्पनाओं को साकार करने हेतु आवश्यक मार्गदर्शन एवं बीज निधि (डशशव चेपशू) भी उपलब्ध करा रहा है. आप नौकरी मांगने वाले नहीं, बल्कि भविष्य में दूसरों को नौकरियाँ देने वाले उद्यमी बनें.
विशेष मार्गदर्शन सत्र में उभरते हुए युवा उद्यमी श्री आर्यन खेडकर (संस्थापक, कँडेला पावर णघ; डीप लर्निंग एवं बिज़नेस ऑपरेशन्स लीड, लॉवलू, लंदन) ने वर्चुअल माध्यम से छात्रों को स्टार्टअप निर्माण के आरंभिक चरणों पर गहन मार्गदर्शन दिया. उन्होंने संकल्पना साकार करने हेतु आवश्यक अनुसंधान, प्रोजेक्ट निर्माण, पिचिंग की तैयारी एवं वित्तीय सहायता प्राप्त करने की विधियाँ स्पष्ट की. इस तकनीकी सत्र के उपरांत छात्रों को 2 घंटे के भीतर अपनी व्यावसायिक संकल्पना का सशक्त प्रस्तुतीकरण करने को कहा गया. डॉ. रुपाली इंगोले एवं डॉ. कविता वाटाणे ने इस प्रक्रिया में छात्रों को मार्गदर्शन प्रदान किया. कुल 18 छात्र समूहों ने प्रतिस्पर्धा में भाग लिया. विशेषज्ञों की टीम, जिनमें डॉ. गिरीश हतनापुरे (निदेशक – अनुसंधान एवं विकास, ऑलम्पस लैब्स), तथा श्री अश्विन भोसले (संस्थापक, विन्सपेज एन्वॉय) शामिल थे, ने उत्कृष्ट छह विजेताओं का चयन किया. परीक्षकों का आमंत्रण डॉ. उज्ज्वला जुंघरे और डॉ. श्रुति इंगोले के माध्यम से हुआ था. आयोजन की संकल्पना एवं समन्वयन डॉ. वैशाली देशमुख और डॉ. अर्चना बोडडे ने किया.
समापन सत्र में डॉ. अजय लाड (निदेशक, नवाचार, इनक्यूबेशन व लिंकिजेस, एसजीबी अमरावती विश्वविद्यालय) और श्रीमती प्रांजली बारस्कर (सहायक आयुक्त, जिला कौशल विकास एवं रोजगार उद्यमिता मार्गदर्शन केंद्र, अमरावती) ने छात्रों को भविष्य की संभावनाओं के लिए प्रेरित किया. उन्होंने प्रत्येक विजेता समूह को 50,000 का प्रोत्साहन अनुदान प्रदान किया. कार्यक्रम का संचालन डॉ. स्वप्नील अरसड एवं डॉ. मयूरा देशमुख ने किया. पंजीकरण से लेकर अभिप्राय संकलन तक का कार्य डॉ. श्रद्धा बुट्टे और डॉ. अनुजा मोपारी ने, रिपोर्ट संकलन डॉ. रेखा मग्गीरवार ने, और प्रमाणपत्र वितरण डॉ. विक्रांत द्वारा संपन्न हुआ. छह विजेता समूहों की संकल्पनाएं अत्यंत अभिनव रहीं और सभी का ध्यान आकर्षित करने में सफल रहीं. यह आयोजन छात्रों को उद्यमिता के मार्ग पर अग्रसर करने का एक अभिनव प्रयास है, और विश्वास है कि आने वाले समय में कई छात्र अपने स्वयं के व्यवसाय स्थापित कर रोजगार सृजन में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे.
* विजेता नवउद्यम और छात्र उद्यमी
– प्राकृतिक सौंदर्य प्रसाधन – समृद्धि प्रविण सोनवणे, तनया गजानन ठाकरे, अभय मनोज भाले
– मशरूम उत्पाद – खुशी राजेंद्र गुप्ता
– आयना (स्वचालित -ख प्रणाली) – नचिकेत शशिकांत यावले, पार्थ तिवारी
– जीआईएस मैपिंग सेवा – नंदिनी राजेश दुर्गे, रुचिता अरुण पांडे, यशवंत तावरे, विनय तायडे, आयुष पाटील
– तकनीक-संचालित देसी पोल्ट्री फार्मिंग – कपिल कंठेश्वर दैवत
* प्रत्येक उपक्रम के पीछे दृढता
श्री शिवाजी शिक्षा संस्था के माननीय अध्यक्ष मा. श्री हर्षवर्धनजी देशमुख एवं समस्त कार्यकारी परिषद महाविद्यालय के प्रत्येक उपक्रम के पीछे दृढ़ता से खड़ी है. इसी समर्थन के कारण महाविद्यालय शैक्षणिक, अनुसंधान, विस्तार सेवा और नवउद्यम जैसे विविध क्षेत्रों में छात्रों को विशेष सहायता एवं अवसर प्रदान कर रहा है. विद्यार्थियों का उज्ज्वल भविष्य गढ़ना हमारा सर्वोच्च ध्येय है, और इस दिशा में महाविद्यालय ने सदैव नवाचार की परंपरा बनाए रखी है. इन प्रयासों से विद्यार्थियों को प्रतिस्पर्धात्मक युग में आत्मनिर्भर और सक्षम बनने का सुनहरा अवसर प्राप्त हो रहा है. समाज, अभिभावक एवं छात्रगण से अपेक्षा है कि वे इन प्रयासों को गंभीरता से स्वीकारें और अधिकाधिक छात्रों को इन सुवर्ण अवसरों का लाभ उठाने हेतु प्रेरित करें.
– प्राचार्य डॉ. जी. वी. कोरपे.