अमरावती

लक्ष्मीनारायण मंदिर में शिवपंचायत मूर्ति की होगी प्राणप्रतिष्ठा

कल से चार दिवसीय समारोह का आयोजन

* वास्तुशांति पूजन सहित धार्मिक अनुष्ठान संपन्न होंगे
धामणगांव रेलवे / दि. 24-शहर के मेन रोड स्थित प्राचीन श्री लक्ष्मीनारायण मंदिर में स्थापित शिव पंचायत की पुन: प्राणप्रतिष्ठा तथा मंदिर के नवीनीकरण का वास्तुशांति पूजन चार दिवसीय समारोह का आयोजन रविवार, 25 जून से बुधवार, 28 जून तक किया गया है. साल 1902 को निर्मित इस मंदिर में लक्ष्मीजी-विष्णुजी की विलोभनीय मूर्तियों को गर्भगृह में स्थापित किया गया. 102 वर्ष पूर्ण होने पर भी लक्ष्मीनारायण मूर्ति आज भी आंखों को देखते बनती है. गर्भगृह के समक्ष ही विशाल सभा मंडप में शंकर- पार्वती-गणेश, हनुमानजी तथा नंदी की मूर्तियां विराजित हैं, जिनकी जीर्णावस्था होने से पुन: प्राणप्रतिष्ठा की जा रही है. साथ ही इस मंदिर का सुंदर कारागिरी द्वारा नवीनीकरण किया गया, जिसका वास्तुशांति पूजन भी इस अवसर पर होगा.

कल से दो दिवसीय धार्मिक अनुष्ठान
25 एवं 26 जून को धार्मिक अनुष्ठान संपन्न होंगे. इस अनुष्ठान में मूर्तियों का नगर भ्रमण मंगलवार, 27 जून को सुबह 10 बजे, प्राणप्रतिष्ठा बुधवार, 28 जून को दोपहर 12 बजे तथा महाआरती दोपहर 1 बजे रखी गयी है. इस धार्मिक अनुष्ठान में सम्मिलित होने की अपील जयरामदास भागचंद परिवार एवं रामचंद भागचंद ट्रस्ट द्वारा की गयी है.

धार्मिक भावना से प्रेरित होकर मंदिर का किया निर्माण
मंदिर निर्माण का उद्देश्य अकाल में रोजगार उपलब्ध करवाना सन् 1900 में बावनया अकाल पड़ा था. उस वक्त आमजनों को जीवन यापन दौरान खाने के लाले पड़ गये थे. ऐसे में रामचंद भागचंद इन चाचा-भतीजों ने धार्मिक भावना के साथ ही समाजसेवा से प्रेरित होकर शहर के बीचोंबीच इस विशाल मंदिर का निर्माण कार्य प्रारंभ किया. जहां सैकड़ों मजदूरों के हाथों को काम मिला. 2 वर्ष तक चले कार्य के उपरांत सन् 1902 में मंदिर पूर्ण होकर वाराणसी के प्रकांड पंडितों द्वारा स्व. भागचंदजी अग्रवाल के करकमलों द्वारा मूर्तियों की प्राणप्रतिष्ठा की गई.
रामचंद भागचंद ट्रस्ट के समूचे देश में उपक्रम रामचंद भागचंद ट्रस्ट द्वारा उस जमाने में आयुर्वेदिक दवाखाना चलाया जाता था तथा हरिद्वार,
ऋषिकेश, नाशिक में धर्मशालाओं की निर्मिती कर अब तक सफलतापूर्वक संचालन किया जा रहा है.
* धामणगांव में अनेक मंदिरों की निर्मिती
श्री लक्ष्मीनारायण मंदिर के साथ ही कुलदेवी मन्सामाता मंदिर, दो गणेश मंदिर, जे.बी. बगीचे में पुरातन हनुमान मंदिर, हाल ही में 7 वर्ष पूर्व ही जे.बी. पार्क में श्री बालाजी खाटूश्याम मंदिर का निर्माण भी इसी परिवार द्वारा किया गया है. श्रावण माह में झूला उत्सव, जन्माष्टमी, कोजागरी,
दीपावली अन्नकूट, रामनवमी उत्सव, शिवरात्रि उत्सव आदि उत्सव 12 महीनों में मनाये जाते हैं.

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