अमरावती/दि.26 – विगत तीन माह से रापनि कर्मचारियों की हडताल चल रही है और यह मसला अब तक खत्म नहीं हुआ है. जिसकी वजह से अब भी अधिकांश बसेें सडकों पर नहीं है. इसके तहत जिले में 45 शिवशाही बसें अपनी जगह पर ही खडी है और तीन माह से एक ही जगह पर खडी रहने की वजह से अब इन बसों का मेंटेनन्स खर्च बढ गया है. यह बात राज्य परिवहन निगम के लिए अब सिरदर्द साबित हो रही है.
बता दें कि, राज्य परिवहन निगम का राज्य की सरकारी सेवा में विलीनीकरण किया जाये, इस प्रमुख मांग को लेकर रापनि कर्मचारियों द्वारा विगत तीन माह से लगातार आंदोलन किया जा रहा है. जिसके चलते रापनि की बस सेवा पूरी तरह से बंद है. जिससे आम नागरिकों को एक स्थान से दूसरे स्थान की यात्रा करने में काफी समस्याओं व दिक्कतों का सामना करना पड रहा है. साथ ही राज्य परिवहन निगम को भी आर्थिक नुकसान सहन करना पड रहा है. वहीं दूसरी ओर विगत तीन माह से रापनि की बसें एक ही स्थान पर खडी है और लंबे समय तक एक ही स्थान पर खडे रहने और बंद रहने की वजह से रापनि बसों के मेंटेनन्स का खर्च बढ गया है. ऐसे में रापनि को प्रति माह इन बसों के मेंटेनन्स हेतु डेढ से दो लाख रूपयों का खर्च करना पड रहा है.
सुरक्षा रक्षक तैनात
आगार में खडी बसों के स्पेअर पार्ट चोरी न हो जाये. यहां से कोई साहित्य बाहर न जाये तथा कोई भी अपरिचित व्यक्ति आगार के भीतर न आये. इस बात को ध्यान में रखते हुए सभी आगारों में सुरक्षा रक्षकों की नियुक्ति की गई है. जिससे यद्यपि चोरी जैसे मामले घटित नहीं हो रहे. किंतु मेंटेनन्स का खर्च निश्चित तौर पर बढ गया है.
देखभाल व दुरूस्ती का खर्च बढा
विगत तीन माह से रापनि कर्मियों की हडताल लगातार जारी रहने की वजह से जिले की सभी बसें बंद है और बसोें के एक ही स्थान पर खडे रहने की वजह से उनकी देखभाल व दुरूस्ती पर विशेष ध्यान देना पड रहा है. बसों के इंजिन व गिअर बॉक्स पडे-पडे बंद न हो जाये, इस हेतु इन बसों को रोजाना दिन में कम से कम एक बार शुरू करना पडता है. जिसके लिए कुछ कर्मचारियों की विशेष तौर पर नियुक्ति की गई है और बसों को रोजाना शुरू करते हुए कुछ देर तक शुरू रखने में कुछ हद तक डिजल भी जलता है. यह एक तरह से राज्य परिवहन निगम पर खर्च का अतिरिक्त बोझ है. किंतु बसों को मेंटेन रखने के साथ ही चालु स्थिति में रखने के लिए यह खर्च करना जरूरी है.
- विगत तीन माह से रापनि की बस सेवा पूरी तरह से बंद है. ऐसे में सभी बसें लगातार अपने-अपने स्थान पर खडी है. अत: लगातार बंद रहने की वजह से बसोें के मेंटेनन्स का खर्च न बढे. अत: सभी बसों को रोजाना शुरू किया जाता है. साथ ही बसों के अंदरूनी हिस्से सहित उनकी सीटों को भी साफ किया जाता है, ताकि वहां पर सीलन पैदा न हो. कर्मचारियोें की हडताल की वजह से इस समय रापनि के अमरावती विभाग में करीब 45 शिवशाही बसें बंद है.
– श्रीकांत गभने
विभाग नियंत्रक
आगार निहाय बंद शिवशाही बसों की संख्या
अमरावती – 14
बडनेरा – 16
परतवाडा – 05
दर्यापुर – 03
चांदूर बाजार – 00
वरूड – 00
मोर्शी – 00
चांदूर रेल्वे – 00