अमरावती

बढते बस हादसों के पीछे ‘शॉर्ट सर्किट’ है मुख्य वजह

अमरावती/दि.5 – समृद्धि महामार्ग पर लगातार जारी रहने वाली सडक हादसों की श्रृंखला के चलते इस महामार्ग से गुजरने वाले लोगों को वाहनों की सुरक्षा पर सवालिया निशान लगा हुआ है. साथ ही इन दिनों निजी यात्री बसों में आग लगकर यात्रियों के मारे जाने की घटनाएं भी लगातार बढ रही है. इसके लिए लक्झरी बसों में किए जाने वाले कुछ बदलावों को भी जिम्मेदार माना जा सकता है. इसके साथ ही बस के अगले हिस्से में तय क्षमता से अधिक के हेडलाइट लगाए जाने के चलते बस में शॉर्ट सर्किट होकर आग लगने की घटनाएं घटित हो रही है. ऐसा दावा सडक सुरक्षा विशेषज्ञों द्बारा किया गया है.
उल्लेखनीय है कि, समृद्धि महामार्ग पर लगातार सडक हादसे घटित हो रहे है और आए दिन घटित होने वाले सडक हादसों की वजह से परिवहन विभाग की कार्यपद्धति पर सवालिया निशान लगाए जा रहे है. प्रादेशिक परिवहन विभाग यानि आरटीओ द्बारा वाहनों को योग्यता व फिटनेस प्रमाणपत्र लेते समय कई महत्वपूर्ण बातों की ओर अनदेखी किए जाने की बात सामने आ रही है. कई निजी लक्झरी बसों की लाइटींग व्यवस्था में बडे पैमाने पर बदलाव किए जाते है. जिसकी ओर आरटीओ द्बारा गंभीरतापूर्वक ध्यान नहीं दिया जाता. ऐसे बदलावों की वजह से बस में आग लगने की घटनाएं घटित होती है. परंतु इसके बावजूद परिवहन विभाग इसे लेकर बिल्कूल भी गंभीर नहीं है.
ज्ञात रहे कि, विगत दिनों ही समृद्धि महामार्ग पर घटित लक्झरी बस हादसों में 25 यात्रियों की जिंदा जलकर मौत हो गई. ऐसे में यह मामला इस समय लगातार चर्चा में बना हुआ है. जानकारों के मुताबिक मोटर वाहन कानून के अनुसार किसी भी वाहन में अधिक से अधिक 7 वैट के लाइट लगाए जा सकते है. लेकिन निजी लक्झरी बसों में तय क्षमता से कई अधिक 20 से 25 वैट के हैलोजन लाइट लगाए जाते है और अधिक क्षमता वाले लाइट लगाने हेतु ज्यादा वायरिंग की जाती है. यदि यह वायरिंग निकृष्ट दर्जे की रही, तो इसकी वजह से शॉर्ट सर्किट होकर आग लगने की घटना घटित होती है, ऐसी जानकारी परिवहन विभाग के सूत्रों द्बारा दी गई है. ऐसे में बेहद जरुरी है कि, सडक सुरक्षा से संबंधित यातायात नियमों की ओर ध्यान देने के साथ-साथ आरटीओ द्बारा लक्झरी बसों की अंतर्गत सुरक्षा व्यवस्था की ओर भी ध्यान दिया जाए.

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