अमरावती/दि.06– स्थानीय संत गाडगे बाबा अमरावती विद्यापीठ में 1-2 नहीं बल्कि 10 से 12 अधिकारियों के पद रिक्त पडे है. नियमिक व पूर्णकालीक कुलगुरु सहित कई वरिष्ठ पदों पर स्थायी अधिकारी नहीं रहने के चलते विद्यापीठ का कामकाज पूरी तरह से प्रभावित हो रहा है. ऐसे में उच्च व तंत्रशिक्षा विभाग से इस गंभीर मसले की ओर ध्यान दिए जाने की मांग की जा रही है.
बता दें कि, विगत 9 माह से संगाबा अमरावती विद्यापीठ के कुलगुरु पद पर प्रभारी के रुप में डॉ. प्रमोद येवले द्बारा कामकाज संभाला जा रहा है. इसके साथ ही वित्त व लेखा अधिकारी, परीक्षा नियंत्रक, ज्ञान स्त्रोत केंद्र संचालक, नवसंशोधन व नवोपक्रम साहचार्य संचालक, रासेयो संचालक, मानव्य विद्याशाखा अधिष्ठाता, विज्ञान व तकनीकी विद्या शाखा अधिष्ठाता सहित अन्य कई विभागों में अधिकारियों व कर्मचारियों के पद रिक्त है. मनुष्यबल की कमी रहने के चलते विद्यापीठ और विद्यापीठ से संलग्नित महाविद्यालयों का शैक्षणिक व भैतिक विकास अवरुद्ध हुआ है.
उल्लेखनीय है कि, अभी सितंबर माह के अंत में ही विद्यापीठ के 36 कर्मचारी सेवानिवृत्त हुए और हर महिने सेवानिवृत्तों की संख्या बढती जा रही है. परंतु सरकार के पास रिक्त पदों को लेकर रिपोर्ट देने के बावजूद भी सरकार द्बारा कर्मचारी भर्ती के संदर्भ में कोई निर्णय नहीं लिया गया है. विगत पंचवार्षिक सिनेट सभा में सिनेट सदस्य प्रा. मनीष गवई ने एक प्रस्ताव के जरिए कर्मचारियों के रिक्त पदों की समस्या को देखते हुए उपाय के तौर पर विद्यापीठ में ठेका नियुक्त कर्मचारियों की भर्ती का प्रस्ताव लाया था. जिस पर विस्तुत चर्चा होने के उपरान्त तत्कालीन कुलगुरु डॉ. दिलीप मालखेडे ने समिती गठित करने का निर्णय लिया था. इस बात को 2 वर्ष की कालावधि बीत चुकी है. परंतु इसके बावजूद अब तक समिति की रिपोर्ट तैयार नहीं हो पायी और न ही ठेका कर्मियों की नियुक्ति को लेकर कोई निर्णय ही हो पाया. जिसकी वजह से विद्यापीठ ने कर्मचारियों की कमी को लेकर समस्या दिनोंदिन गंभीर होती जा रही है.