अमरावती/दि.3 – पहले की अपेक्षा अब ब्लैक फंगस के मरीज बढने लगे है. पहले साल में दो या तीन मरीज पाए जाते थे किंतु अब कोरोना के बाद हर माह सौ से अधिक मरीज पाए जा रहे है. उनके उपचार में लगने वाली दवाएं व इंजेक्शन का मांग की तुलना में उत्पादन कम होने की वजह से दवाओं की किल्लत से जूझना पड रहा है. ब्लैक फंगस के मामले अचानक से बढे है. इसे देखते हुए स्थानीय औषधी विक्रेता उपचार में लगने वाले एम्फोटेरेसिन इंजेक्शन उपलब्ध करवाए जाने की मांग केंद्र व राज्य सरकार से कर रहे है.
वर्धा में इस इंजेक्शन का उत्पादन शुरु होने से अमरावती जिले में होने वाली कमी को कुछ हद तक दूर किए जाने की संभावनाएं अमरावती जिले में अब तक नागपुर, वर्धा व राज्य सरकार के माध्यम से इंजेक्शन की आपूर्ति की जा रही है. किंतु इन इंजेक्शनों की कालाबाजारी भी की जा रही है. जबकि प्रशासन द्बारा अधिकारियो की निगरानी में ही इसका उपयोग किया जा रहा है. मांग की तुलना में उत्पादन कम होने की वजह से इंजेक्शन की कमी महसूस की जा रही है.
नियंत्रण समिति कर रही इंजेक्शन का वितरण
एम्फोटेरेसिन इंजेक्शन की कालाबाजारी को रोकने के लिए जिलाधिकारी की देखरेख में नियंत्रण समिति का गठन किया गया है. इस समिति द्बारा ही इंजेक्शन का वितरण किया जा रहा है.
– प्रमोद भारतीय, मुख्य औषधी विक्रेता
जिले भर में 300 से अधिक मरीज
जिलेभर में ब्लैक फंगस के 300 से अधिक मरीजों पर उपचार चल रहा है. मरीजों को बडी संख्या में एम्फोटेरेसिन की आवश्कता है. सुपरस्पेशालिटी अस्पताल में ब्लैक फंगस के मरीजों के उपचार के लिए 20 बेड की व्यवस्था की गई है.
– श्रीकांत फुटाणे, व्यवस्थापक जिला कोविड अस्पताल