* विद्याभारती कनिष्ठ महाविद्यालय में मेधावी छात्रों का सम्मान
अमरावती/दि.23 – करियर की दृष्टि से क्षेत्र का चयन करते समय अनुभवी व्यक्तियों के विचार और क्षेत्र की आवश्यक जानकारी संकलित करना जरुरी है. आज के दौर मेें इंटरनेट व अन्य माध्यमों से किसी भी क्षेत्र की जानकारी एक क्लिक पर उपलब्ध होती है. जिसका अध्ययन कर करियर के लिए अपने मन पसंद क्षेत्र का चयन करना चाहिए. ध्येय निश्चिती पश्चात कडी मेहनत ही सफलता की कुंजी बनत है. जो लोग शॉटकट का इस्तेमाल करने की मन्शा रखते है, वे कभी भी सफल नहीं हो पाते, ऐसा प्रतिपादन निवासी उपजिलाधीश आशिष बिजवल ने किया. स्थानीय विद्याभारती महाविद्यालय में कनिष्ठ महाविद्यालय के मेधावी छात्रों का सम्मान किया गया. इस अवसर पर वे बतौर विशेष अतिथि उपस्थित थे.
मेधावी छात्रों के सम्मान समारोह में विद्याभारती महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. प्रज्ञा येनकर, अमरावती शिक्षा बोर्ड के सहायक सचिव तेजराव काले, कनिष्ठ महाविद्यालय के प्राचार्य एच.के. सिसोदिया, उपप्राचार्य तातेराव वासनिक, विद्याभारती शिक्षा संस्था के सचिव अशोक चव्हाण आदि प्रमुख रुप से उपस्थित थे. कार्यक्रम में आशिष बिजवल ने कहा कि, उन्होंने डेअरी फिल्ड को छोडकर एमपीएससी में किस्मत आजमाने का निर्णय लिया. पहली परीक्षा, पहला अटेम्ट उर्त्तीर्ण कर 3 लाख छात्रों में से 3 हजार छात्रों का मुख्य परीक्षा के लिए चयन हुआ. उसमें उनका नंबर लगा. 300 सिटों के लिए 1 हजार उम्मेदवारों को आमंत्रित किया गया था. उस प्रकार 3 लाख छात्रों में से वे एमपीएससी परीक्षा उत्तीर्ण कर प्रशासकीय सेवा में दाखिल हुए. उस समय कुछ लोग कहते थे कि, एमपीएससी में पैसों का लेन-देन होता है, जिसके लिए उनके पिता जमीन तक बेचने को तैयार थे. लेकिन उन्होंने पिता को जमीन बेचने से रोका और स्पर्धा परीक्षा की तैयारी की. आज उनकी जमीन कायम है और नौकरी भी है. यदि आप सकारात्मक सोच के साथ ध्येयपूर्ति के लिए कार्य करते है, तो आप को लक्ष्य की प्राप्ति होती है. कोरोना काल में हमसे कई लोगों को छिन लिया. इसलिए एक बात हमेशा याद रखे कि, जीवन का कोई भरोसा नहीं है. जितना हो सके इसका सदुपयोग करें.
बोर्ड के सहायक सचिव तेजराव काले ने कहा कि, हम सुनते जरुर है, लेकिन सुनते नहीं है. समाज सेवा के लिए कोर्स करने की आवश्यकता नहीं होती, जिस मिट्टी ने हमें जन्म दिया है, उसके प्रति कृतज्ञता व्यक्त करना एक तरह से समाजसेवा होती है. इस वक्त उन्होंने पालकों से बच्चों पर अपनी अपेक्षाएं नहीं थोपने और उन्हें जो करना है, करने देने तभी वें उडान भरेंगे, ऐसी अपील की. स्पर्धा परीक्षा की तैयारी करते वक्त पेशंस जरुरी है. असफलता मिलने पर निराश नहीं होना है. एक दरवाजा बंद होता है, तो दूसरा दरवाजा अपने आप खुलता है. सभी के साथ अच्छा बर्ताव करने, खुद पर विश्वास रखने व अपने मन पसंद करियर क्षेत्र में कडी मेहनत करने की सिख भी उन्होंने छात्रों को दी. डॉ. प्रज्ञा येनकर ने भी छात्रों को मार्गदर्शन कर चुनौति पूर्ण कोरोना काल में भी छात्रों ने जो बेहतर सफलता हासिल की है, उसकी सराहना की. कार्यक्रम में कक्षा 12वीं में महाविद्यालय से प्रथम प्रणव येवतीकर, विज्ञान शाखा से प्रथम मानवी गुप्ता, वाणिज्य शाखा से प्रथम प्रांजली यादव, कला शाखा से प्रथम पल्लवी बुटले, एमसीवीसी शाखा से प्रथम अमन गहुकार, गणित विषय में सर्वाधिक अंक प्राप्त करने वाले शंतनु शेलके, मराठी विषय में प्रथम प्रशिक वानखडे, हर्षिता शेवतकर को सम्मानित कर पुरस्कारों का वितरण किया गया. इसके अलावा 80 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त करने वाले विज्ञान शाखा के जान्हवी भोंबे, रिया धानोरकर, आर्ची शिरभाते, साक्षी धुरंदर, प्रथमेश जावलेकर, मृणाली यावले, खुशबु गोलाईत, राशि लाडवीकर, मनीषा पिंजवानी, नेहर मगरकर, तेजस निकोसे, अंजन जैन, विनित जाधव, ऋषिकेश चौधरी, यथार्थ गोवर्धन, वाणिज्य शाखा के प्रांजली यादव, मेघराज बजाज, मंथन बांबल, मोहित केवलरामानी, मयंक पनोरे, साक्षी जवंजाल, ऋषि प्रेमलवार, रितीका गंगवानी, कला शाखा के पल्लवी बुटले, निकीता अंबोरे, दिक्षा डोंगरे, यशस्वी भोजे, वैष्णवी असवारे, एमसीवीसी के शंतनु गुप्ता, आदिबा शेख, तनय रोटे आदि छात्रों को सहपरिवार सम्मानित किया गया. कार्यक्र में महाविद्यालय का नाम चमकाने वाले अमन गहुकार का विशेष रुप से सम्मान किया गया. उसे आईआईटी गुवाहाटी में प्रवेश मिला है. प्रवेश पूर्व परीक्षा में उसने बेहतरीन रैक हासिल किया था. उसके अलावा उसने मुंबई में आयोजित राज्यस्तरीय रायफल शुटींग में जीत हासिल की. इस उपलब्धि पर उसका सहपरिवार सम्मान किया गया.