संसर्ग का धोखा नहीं रे बाबा; रोज 125 लोगों के दरवाजे पर नई गाड़ी!
ट्रांसपोर्ट वाहनों की संख्या घटी, ऑटो रिक्शा बिक्री हुई कम
अमरावती/दि.29– कोरोना काल में लॉटरी लगे व्यवसाय के रुप में चार पहिया व दुपहिया व्यवसाय की ओर देखा जा रहा है. सर्वाधिक गाड़ियां वर्षभर में नागरिकों ने खरीदी है. इतनी बड़े पैमाने पर हुई उहापोह को देख स्वयं व्यवसायी भी अचंभित हो गए हैं. स्वयं की सुरक्षा के लिए नागरिकों ने ये गाड़ियां खरीदी है.
कोरोना के कारण प्रत्येक ने अपने परिवार की जिम्मेदारी स्वीकारी है. इसके साथ ही परिवार की सुरक्षा के लिए वाहन खरीदे. जान से अधिक दूसरा कुछ नहीं, इसलिए वाहनों की सर्वाधिक मांग रही. वे सिर्फ वाहनों की मदद से ही. मात्र इस समय ऑटो व मालवाहू गड़ियों की खरीदी रुक गई थी. आगामी समय में भी गाड़ियों की बड़े पैमाने पर वेटिंग है. इससे संख्या बढ़ेगी.
* वर्षभर में बढ़े वाहन ः 39120
* जिले के कुल वाहन ः 6,60,455
* महंगी गाड़ियों की क्रेझ
1.चारपहिया वाहनों के लिए सहज ही लोन उपलब्ध हो रहा है. पांच से 15 लाख तक के वाहन खरीदे जा रहे हैं.
2. प्रत्येक में आधुनिक वाहनों की क्रेझ देखने मिल रही है. 50 हजार से 1 लाख रुपए जमा कर सात से आठ लाख रुपए के वाहन खरीदना संभव है.
कौन से महीने में कितने वाहन
जनवरी 4418
फरवरी 3899
मार्च 2776
अप्रैल 2104
मई 950
जून 2665
जुलाई 4577
अगस्त 3529
सितंबर 2771
अक्तूबर 4048
नवंबर 4033
दिसंबर 3044
* नवंबर माह में खरीदी का रिकॉर्ड
– दिवाली के शुभ मुहूर्त पर गाड़ी खरीदने के लिए अनेक लोग वेटिंग पर थे.
– इस महीने में तीन हजार वाहनों की बिक्री विक्रेताओं ने दर्ज की है.
* ऑटो की बिक्री हुई कम
– लॉकडाऊन में ऑटो चालकों को ग्राहक ही नहीं मिले. ऑटो चालक घर पर ही बैठे रहने से रोज मजदूरी भी नहीं मिली.
– इसी प्रमुख कारण से ऑटो चालक अपने व्यवसाय से दूर गये. परिणामस्वरुप नये से ऑटो खरीदने का प्रमाण घटा है.