अमरावती

शहर में कुछ सिनेमाघरों में शो फुल, तो कुछ घाटे में

कोरोना लॉकडाउन के बाद भी सिनेमाघर मालिकों की व्यथाएं बरकरार

अमरावती/दि.11 – राज्य सरकार ने कोरोना की तीव्रता कम होने के बाद नियमों में ढीलाई देते हुए सिनेमाघरों को शुरू करने की अनुमति दी है. हालांकि सिनेमाघार खुलने के बाद भी सिनेमाघर मालिकों की मुसीबतें थमने का नाम नहीं ले रही है. अब भी सिनेमाघर मालिक अनेक दिक्कतों से गुजर रहे है. भले ही शहर के अधिकांश सिनेमाघरों में सूर्यवंशी फिल्म के सभी शो हाउसफुल चल रहे है, लेकिन कुछ सिनेमाघर अब भी घाटे में ही चल रहे है. जीएसटी समेत सभी प्रकार के टैक्स शतप्रतिशत लगाने से यह घाटे का सौदा साबित हो रहा है, इस संदर्भ की जानकारी चित्रा टाकीज के संचालक डॉ.हरिश उदासी साझा की.
चित्रा टाकीज के संचालक डॉ.हरीश उदासी ने बताया कि लगभग दो सालो से टाकीज बंद थी. जिसके कारण लाखों का नुकसान उठाना पडा है. टाकीज बंद रहने के बाद भी बिल की अदायगी पूरी करनी पडी. अब सरकार ने टाकीज शुरु करने की अनुमति दी तो पचास प्रतिशत क्षमता के साथ टाकीज शुरु रखने की शर्त ने संचालकों को घाटे में ला खडा किया है. टाकीज से संबंधित सभी खर्चें लागू हैं, मगर पचास प्रतिशत क्षमता के कारण आय पर बुरी तरह प्रभाव पड रहा है. उदासी के अनुसार चित्रा टाकीज की क्षमता 500 सीट की है, लेकिन सरकारी निर्देश के च लते 250 लोग ही इसमें बैठने की छूट दी गई है. टाकीज का खर्च शतप्रतिशत है, मगर आय 50 प्रतिशत है, इसमें से भी आधा हिस्सा वितरक को देना पडता है, ऐसी स्थिति में व्यवसाय पर मंडराने वाला खतरा कम होने की बजाय और बढने की जानकारी डॉ.हरीश उदासी ने दी.
डॉ.हरीश उदासी ने बताया कि, बीते डेढ-दो वर्षों से टाकीज बंद रहने से प्रोजेक्टर तथा अन्य कई मशीनें जाम हो गई थी. उनकी दुरुस्ती से लेकर कार्यालयीन कर्मचारियों का वेतन और अन्य सभी प्रकार के खर्च लागू है. मगर 50 प्रतिशत क्षमता के साथ टाकीज शुरु रखने की अनुमति देने के कारण और भी दिक्कतें आ रही है. 100 रुपए की टिकट पर 12 प्रतिशत जीएसटी लगाई जाती है. इससे ज्यादा की टिकट पर 18 प्रतिशत तक जीएसटी के कारण आर्थिक संकट की परिस्थिति निर्माण हुई है.
डॉ.उदासी के अनुसार कोरोना के बाद रेलवे, विमान समेत ट्रैवल्स में भी शतप्रतिशत की छूट दी गई है. इसके अलावा मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ, दिल्ली समेत देश के 90 प्रतिशत राज्यों में टाकीज में शतप्रतिशत की छूट दी गई है, मगर महाराष्ट्र में 50 प्रतिशत की अनुमति समझ से पर्रे है. इसी कारण संचालकों को आर्थिक समस्याओं से जुझना पड रहा है.

सरोज टाकीज में लगा हाऊसफुल्ल के बोर्ड

फिल्म क्षेत्र के लिए अच्छी खबर भी है. लंबे समय के बाद शहर के सरोज टाकीज में लगी फिल्म सूर्यवंशी देखने के लिए दर्शकों की भारी भीड उमड रही है. बता दे कि दो वर्ष पश्चात पहली बार टाकीज पर हाऊसफुल्ल का बोर्ड लगा है, इस बात से यह साबित होता है कि समस्याएं है मगर उम्मीदें छोडना नहीं चाहिए. सरोज टाकीज के संचालक अक्षय राठी ने टाकीज पर लगे हाऊसफुल्ल बोर्ड का उल्लेख करते हुए कहा है कि जो लोग सिनेमा हॉल मृतप्राय होने की बातें करते थे, मैं समझता हूं कि उनकी इस बारे में बातचीत झूठी साबित हुई है. 50 प्रतिशत क्षमता पर यह स्थिति है तो सरकार की ओर से शतप्रतिशत छूट देने से निश्चित ही सिंगल स्क्रीन फिर से गति पकडने की संभावना है, ऐसा मत अक्षय राठी ने व्यक्त किया.

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