अमरावती

1972 में शुरू किया शोरूम आज भी लोगों की पहली पसंद बना

आराधना शोरूम के पूरणलाल हबलानी की मेहनत रंग लायी

* शून्य से शिखर तक का सफर सांझा किया
अमरावती/ दि. 22– शहर ही नहीं बल्कि समूचे विदर्भ में सुप्रसिध्द आराधना शोरूम के मैनेजिंग डायरेक्टर पूरणलाल हबलानी को रविवार को सीए भवन में सुननेवाले सफलता का मंत्र क्या होता है, यह उनकी जुबानी सुनकर हक्के-बक्के रह गए. कैसे उन्होेंने बीच में अपनी शिक्षा छोडकर संघर्ष की एक-एक सीढियां अपनी मेहनत व परिवार की बेमिसाल एकजुटता की बदौलत पर करते हुए आराधना को जिस मुकाम पर पहुंचाया, वह किसी सुनहरे सपने से कम नहीं है. इसके लिए उनकी और उनके भाईयों की कडी मेहनत व लगन रंग लाई.
अमरावती मैनेजमेंट ऐसोसिएशन व सीए शाखा के संयुक्त तत्वावधान मेें रविवार को पायोनियर की अंतदृष्टि सत्र में स्पेशल गेस्ट ेके रूप में आराधना समूह के सर्वेसर्वा पूरणलाल हबलानी ने शून्य से शिखर तक का सफर साझा किया.
उन्होंने बताया कि सबसे पहले 1967 से सरोज चौक की दुकान से कार्य शुरू किया. उस समय ड्राईफूट शॉप से व्यापार जगत में कदम रखा. फिर 1972 में बॉम्बे डाइंग की एजेंसी ली. बडे भाई रोशनलाल हबलानी को बॉम्बे डाइंग का ऑफर आया. जिससे पूरणलाल हबलानी को आर्थिक परिस्थितियों के कारण बी. कॉम की पढाई बीच में छोडनी पडी. जिसके बाद 1972 में सतीधाम मार्केट में 400 फीट की दुकान शुरू की और आगे बढते चले गए. 1994 में जवाहर रोड पर सम्मान भोजनालय की जगह पर 20100 वर्ग फीट का पहला इतना बडा शोरूम अमरावती में शुरू किया. यह अमरावती का पहला सबसे बडा शोरूम था. प्रतिदिन घर पर सुबह 9 बजे सभी भाई मिलकर पहले व्यापार को लेकर चर्चा करते थे. फिर शोरूम के लिए रवाना होते. भाईयों में पूरणलाल चौथे नंबर के है. बडे भाई रोशनलाल, मनोहर, सुरेश , पुरणलाल व लक्ष्मण ऐसे पांच भाईयों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर दिन रात कडी मेहनत व लगन से कारोबार को आगे बढाते चले गए. अपने यहां कार्यरत लोगों को परिवार के सदस्य की तरह व्यवहार आज भी कायम है. अपनी मधुर वाणी व अच्छे व्यवहार की बदौलत प्रगति की एक-एक सीढियां पार की.
दूसरी पीढी के अविनाश हबलानी, योगेश, संदीप, प्रतीक, रोहित, सारांश, अक्षय व यश हबलानी की नई सोच के साथ आराधना का विस्तार बिजीलैंड में किया. प्रतीक ने पहले से ही व्यवस्थित व्यवसाय में प्रबंधन और स्टॉक पर ध्यान देना शुरू किया. आराधना समूह में 500 कर्मचारी कार्यरत है. स्टाफ को स्टाफ नहीं फैमिली मेंबर की तरह ही व्यवहार करते है.
ग्राहक सेवा और ई- कॉम प्रति चर्चा के साथ कारोबार में नई अत्याधुनिक तकनीक को भी नई पीढी के साथ सहर्ष अपनाया. इसी तरह रियल एस्टेट में निवेश की सोच से शुरू किया गया. फिर उसमें बढते चले गए. फिर कठोरा रोड पर एडिफाई स्कूलल शुरू किया.स्कूल खोलने के पीछे इनकम का कोई विचार नहीं रहा. अमरावती शहर में बेहतर शिक्षा देने के उद्देश्य से ही एडिफाई स्कूल शुरू किया, जो आज शिक्षा के क्षेत्र में बुलंदियों पर है. इस अवसर पर सीए साकेत मेहता, सीए विष्णुकांत सोनी, स््ै मुजाहिद हुसैन, अखिल खंडेलवाल, आयुष बजाज, अंशित तरडेजा, तुषार तट्टे, सचिन राउत,अंशुल खंडेलवाल, प्रणय सेठ, रविशंकर साहू, महेश मोटवानी, सुमित खंडेलवाल, सीए पवन जाजू, पवन लढ्ढा, सीए मयूर झंवर, करण वर्मा, परमानंद मोटवानी, राजेश खंडेलवाल, अन्वेषा साहू, जुगल मेहता, सागर वानखडे, अनुराग केला, प्रदीप श्रीवास्तव,सीए राजेश चांडक, मधुर झंवर, जानवी सायवान, दिव्या रघुवंशी, प्रतीक्षा पाल उपस्थित थे.

 

 

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