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चैत्यभूमि की तर्ज पर नया अकोला में होगी श्रद्धा भूमि

महामानव के अस्थिस्थल को मिलेगी वैश्विक पहचान

* पूर्व मंत्री बालासाहब थोरात की घोषणा
* महापरिनिर्वाण पर नया अकोला में जुटे हजारों भीम अनुयायी
* कांग्रेस ने निकाली पदयात्रा, अभिवादन सभा भी हुई
अमरावती/दि.6 – जिस तरह मुंबई में भारतरत्न डॉ. बाबासाहब आंबेडकर के अंतिम संस्कार वाले स्थान पर चैत्यभूमि साकार की गई है. उसी तरह से अमरावती जिले के नया अकोला परिसर में श्रद्धाभूमि साकार की जाएगी. क्योंकि यहां पर महामानव की अस्थियों का कुछ अंश वर्ष 1956 से लेकर अब तक लगातार बडे जतन के साथ सहेजकर रखा हुआ है. यह बात अब तक किसी को ज्ञात नहीं थी. लेकिन क्षेत्र के सामाजिक कार्यकर्ता प्रवीण मनोहरे के प्रयासों से यह जानकारी सबके सामने उजागर हुई है. ऐसे में अब इस बात को लेकर पूरा प्रयास किया जाएगा कि, नया अकोला परिसर में श्रद्धाभूमि को साकार करते हुए इस परिसर को वैश्विक पहचान दिलाई जाए. इस आशय का प्रतिपादन राज्य के पूर्व मंत्री एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता बालासाहब थोरात ने की.
बता दें कि, डॉ. बाबासाहब आंबेडकर के महापरिनिर्वाण दिवस पर शहर व जिला कांग्रेस कमेटी द्बारा इर्विन चौराहे से नया अकोला गांव तक अभिवादन पदयात्रा का आयोजन किया गया और इस पदयात्रा के नया अकोला परिसर में पहुंचने पर इसे अभिवादन सभा में रुपांतरीत किया गया. इस सभा को संबोधित करते हुए पूर्व मंत्री बालासाहब थोरात ने उपरोक्त घोषणा की.
पूर्व पालकमंत्री एड. यशोमति ठाकुर व डॉ. सुनिल देशमुख तथा कांग्रेस के जिलाध्यक्ष बबलु देशमुख व शहराध्यक्ष बबलू शेखावत सहित कांग्रेस विधायक बलवंत वानखडे व पूर्व महापौर विलास इंगोले की अगुवाई में निकाली गई अभिवादन पदयात्रा का प्रारंभ आज सुबह 8.30 बजे स्थानीय इर्विन चौराहे से हुआ. जिसके तहत सबसे पहले पदयात्रा में शामिल गणमान्यों ने इर्विन चौराहे पर स्थित डॉ. बाबासाहब आंबेडकर के पुतले पर माल्यार्पण करते हुए उनकी स्मृतियों का अभिवादन किया. पश्चात नया अकोला की ओर आगे बढते हुए रास्ते में स्थित सभी महापुरुषों की प्रतिमाओं पर माल्यार्पण किया गया. करीब 19 किमी की पदयात्रा पूर्ण करने के उपरान्त सभी लोग नया अकोला परिसर पहुंचे. जहां पर सर्वप्रथम डॉ. बाबासाहब आंबेडकर के अस्थिस्थल का पूजन किया गया. जिसके उपरान्त यहां पर आयोजित अभिवादन सभा में हजारों लोगों ने एक साथ महामानव को बडे श्रद्धाभाव के साथ आदरांजलि अर्पित की.
इस समय राज्य के पूर्व राजस्व मंत्री बालासाहब थोरात, पूर्व मंत्री व विधायक एड. यशोमति ठाकुर, पूर्व पालकमंत्री डॉ. सुनील देशमुख, विधायक बलवंत वानखडे, कांग्रेस के जिलाध्यक्ष अनिरुद्ध उर्फ बबलू देशमुख, शहराध्यक्ष बबलू शेखावत, पूर्व महापौर विलास इंगोले, मिलिंद चिमोटे, प्रदेश प्रवक्ता एड. दिलीप एडतकर, पूर्व विधायक वीरेंद्र जगताप, प्रदेश उपाध्यक्ष भैया पवार, प्रदेश महासचिव किशोर बोरकर, प्रदेश सचिव हरिभाउ मोहोड, आसिफ तवक्कल, महिला शहराध्यद्बा डॉ. अंजलि ठाकरे, युकां शहराध्यक्ष नीलेश गुहे, अल्पसंख्यक सेल के शहराध्यक्ष अब्दूल रफीक पत्रकार तथा इस आयोजन के मुख्य संयोजक व अनुसूचित जाति सेल के जिलाध्यक्ष प्रवीण मनोहर प्रमुख रुप से उपस्थित थे. इन सभी गणमान्यों ने अपने-अपने समयोचित विचार व्यक्त करते हुए महापरिनिर्वाण दिवस के अवसर पर महामानव डॉ. बाबासाहब आंबेडकर के प्रति अपने श्रद्धाभाव को प्रकट किया. साथ ही यह उम्मीद भी जताई कि, निकट भविष्य में नागपुर की दीक्षाभूमि व मुंबई की चैत्यभूमि की तरह नया अकोला परिसर में साकार होने जा रही श्रद्धाभूमि भी आंबेडकरी विचारधारा व आंबेडकरी आंदोलन का एक सशक्त केंद्र रहेगी.
नया अकोला परिसर में आयोजित अभिवादन सभा में सर्वश्री बालासाहब भुयार, संजय वाघ, अशोक डोंगरे, विनोद मोदी, कोमल बोथरा, वंदना कंगाले, शोभा शिंदे, जयश्री वानखडे, विजय आठवले, पंकज मेश्राम, सुरेश इंगले, विक्की वानखडे, ईश्वरदास थोरात, राजा चौधरी, अभिनय अभ्यंकर, किशोर रायबोले, जनार्दन वानखडे, प्रकाश पहुरकर, देवदत्त गेडाम, नरेंद्र गुलदेवकर, विजय खंडारे, फिरोज खान, ऐजाज पहलवान, नीरज मेश्राम, विठ्ठल वानखडे, वंदना थोरात, सादीक शाह, सलीम मिरावाले, राजीव भेले, दीपक लोखंडे, नसीम खान, योगिता गिरासे, सुचिता वनवे, शरद ठोसरे, प्रशांत महल्ले, गोपाल धर्माले, सुनील जावरे, अशोक रेवकर, धीरज हिवसे, हमीद शद्दा, वसीम करोडपति, मुकेश गिरी, गजानन जाधव, राजा बांगडे, यासिर भारती, गजानन राजगुरे, अभय ढोबले, अनिकेत ढेंगले, वैभव देशमुख, शक्ति राठोड, नितिन काले, संजय बोबडे व सागर कलाने सहित शहर व जिला कांग्रेस के अनेकों पदाधिकारी एवं नया अकोला परिसर सहित आसपास के परिसर में रहने वाले अनेकों लोगबाग उपस्थित थे.

* ऐसे सामने आया नया अकोला का महत्व
– प्रवीण मनोहरे की संकल्पना रही शानदार
बता दें कि, जब 6 दिसंबर 1956 को डॉ. बाबासाहब आंबेडकर का महापरिनिर्वाण हुआ था, तब नया अकोला परिसर में रहने वाले राम छापानी व पिरकाजी खोब्रागडे कक्षा 10 वीं में पढा करते थे और उन्हें जैसे ही अपने बाबासाहब के महापरिनिर्वाण की खबर मिली, तो वे उनके अंतिम संस्कार में शामिल होेने हेतु मुंबई के दादर स्थित चैत्यभूमि पहुंचे थे और वहां से वापिस लौटते समय अपने साथ बाबासाहब की कुछ अस्थियां व चिता की राख लेकर आए थे. ताकि वे अपने पास महामानव की यादों को सहेजकर रख सके. कालांतर में इन दोनों भीम अनुयायियों ने देश के अर्धसैनिक बलों में सेवाएं भी दी और वे कुछ वर्ष पूर्व सेवा निवृत्त भी हो गये. लेकिन इतने वर्षों के दौरान नया अकोला परिसर में महामानव की अस्थियों के अंश सुरक्षित रखे है. यह बात बहुत कम लोगों को पता चल पाई. वहीं इस बात की जानकारी मिलते ही आंबेडकरी विचारधारा से जुडे समर्पित कार्यकर्ता प्रवीण मनोहरे ने इस जानकारी से सभी को अवगत कराने का फैसला किया. जिसके तहत इस वर्ष इर्विन चौराहे पर स्थित डॉ. बाबासाहब आंबेडकर के स्मारक स्थल से नया अकोला स्थित अस्थिस्थल तक अभिवादन पदयात्रा निकालने का निर्णय लिया गया. जिसे भीम अनुयायियों सहित समाज के विभिन्न तबको की ओर से भरपूर प्रतिसाद मिला.

* बाबासाहब के दिखाए रास्तें पर हम सभी को चलना है
अभिवादन सभा की प्रस्तावना रखते हुए क्षेत्र की विधायक एवं पूर्व पालकमंत्री एड. यशोमति ठाकुर ने कहा कि, डॉ. बाबासाहब आंबेडकर ने हम सभी को जो रास्ता दिखाया है, हमें उसी रास्तें पर चलना है. ताकि देश में संविधान सुरक्षित रह सके. आज के आयोजन को राजनीति से बेहद परे बताते हुए पूर्व मंत्री यशोमति ठाकुर ने कहा कि, जिस तरह उन्होंने अपने निर्वाचन क्षेत्र में शामिल वलगांव एवं मोझरी के विकास का प्रारुप तैयार किया था. ताकि संत गाडगे बाबा व राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज की स्मृतियों का जतन किया जा सके. उसी तरह अब नया अकोला का विकास प्रारुप तैयार किया जाएगा. ताकि यहां पर संविधान निर्माता डॉ. बाबासाहब आंबेडकर का भव्य-दिव्य स्मारक साकार हो सके. पूर्व पालकमंत्री यशोमति ठाकुर ने यह भी कहा कि, हकीकत में वे यह काम महाविकास आघाडी सरकार में मंत्री बनने के तुरंत बाद करना चाहती थी. परंतु उस समय सभी विकास कामों का पैसा कोविड की बीमारी के चलते स्वास्थ्य सुविधाओं में लगा दिया गया. अत: यह काम कुछ टल गया. परंतु अब जल्द ही इस दिशा में बेहद महत्वपूर्ण कदम उठाए जाएंगे.

* भव्य-दिव्य स्मारक होगा साकार
इस आयोजन के दौरान अपने विचार व्यक्त करते हुए कांग्रेस के ग्रामीण जिलाध्यक्ष बबलू देशमुख ने कहा कि, उन्होंने जिला परिषद अध्यक्ष रहते समय नया अकोला स्थित अस्थिस्थल के विकास हेतु 50-60 लाख रुपए की निधि प्रस्तावित की थी. साथ ही इस परिसर में डॉ. आंबेडकर स्मारक का निर्माण करने हेतु आवश्यक नियोजन भी तैयार किया गया था. जिसके तहत यह भी तय किया गया कि, अस्थिस्थल के आसपास जिन लोगों के घर अथवा जमीन स्थित है. उन्हें बाजार मूल्य से चार गुना अधिक मुआवजा देकर जगह का अधिग्रहण किया गया. ताकि यहां पर सर्वसुविधायुक्त भव्य-दिव्य स्मारक साकार हो सके. साथ ही अपने संबोधन में कांग्रेस के जिलाध्यक्ष बबलू देशमुख ने दर्यापुर के विधायक बलवंत वानखडे को अमरावती जिले का अगला सांसद निरुपित करते हुए कहा कि, हमने पिछली बार जिन पर भरोसा जताया था, वे तो चुनकर आने के बाद हमारे साथ 2 महीने भी नहीं रहे. ऐसे में अगली बार हमें बलवंत वानखडे जैसे अपने व्यक्ति को सांसद बनाना है, ताकि वे हमेशा हमारे साथ रहे.
Sunil-Deshmukh-Amravati-Mandal
* अपने संवैधानिक अधिकारों के प्रति सतर्कता जरुरी
अभिवादन सभा में अपने संबोधन के दौरान पूर्व पालकमंंत्री डॉ. सुनील देशमुख ने इन दिनों राजनेताओं की भाषा के गिरते स्तर को लेकर अपनी चिंता जताते हुए कहा कि, कुछ विशिष्ट विचारधारा पर चलने वाले लोग चोरी-छीपे तरीके से डॉ. बाबासाहब आंबेडकर द्बारा हमें दिए गए संविधान को बदलने का प्रयास कर रहे है. ऐसे में हमें अपने संविधान और संवैधानिक अधिकारों को लेकर पूरी तरह से सतर्क व सचेत रहना होगा. आज कम पटसंख्या के नाम पर जिला परिषद की सरकारी शालाओं को बंद करते हुए हमारे बच्चों को शिक्षा के अधिकार से वंचित करने का प्रयास किया जा रहा है. यदि ऐसे ही चलता रहा, तो एक दिन इस देश के आम नागरिकों से मतदान करने का अधिकार भी छीन लिया जाएगा. अत: हम सभी ने अपने मताधिकार का सही तरीके से प्रयोग करते हुए बाबासाहब द्बारा दिए गए संविधान के प्रति आस्था रखने वाले दलों और प्रत्याशियों को चुनना चाहिए.

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