अमरावती प्रतिनिधि/दि.4 – समूचे महाराष्ट्र में कोरोना से जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है. इसी क्रम में श्री ऋणमोचन यात्रा इस बार रद्द की गई है. 1905 में संत गाडगे महाराज व्दारा शुरु की गई श्रीक्षेत्र ऋणमोचन में दीन व दिव्यांगों को अन्नदान व वस्त्रदान की परंपरा रहती है, जो आज भी कायम है. यह यात्रा महोत्सव पहली बार रद्द किया जा रहा है. संत गाडगे महाराज व्दारा शुरु की गई यह परंपरा उनके शिष्य अच्युतराव उर्फ दादासाहब देशमुख ने जारी रखी. उनके बाद उनके पुत्र उत्तमराव उर्फ बापूसाहब देशमुख ने 2020 तक इस परंपरा का जतन किया. श्रीक्षेत्र ऋणमोचन के सर्वांगिन विकास का सपना बापुसाहब देशमुख की पहल से साकार हो रहा है. विधाय बलवंत वानखडे के मार्गदर्शन में युध्दस्तर पर विकास कार्य चल रहे है. इस बार कोरोना के चलते 115 वर्ष पुरानी परंपरा खंडीत हो रही है. 7 फरवरी 2021 से शुरु होने वाला यह महोत्सव शासन के आदेश पर रद्द किया जा रहा है.
-
दर्शनार्थियों से आह्वान
7 फरवरी को पनपालिया के हाथों सुबह पुर्णा नदी का पूजन कर मुद्गलेश्वर पूजन, लक्ष्मीनारायण पूजन होगा. प्रति वर्ष हलवे का प्रसाद बांटा जाता है, लेकिन इस बार प्रसाद वितरण भी नहीं होगा. दर्यापुर व मुर्तिजापुर तहसील व्दारा होने वाला अन्नदान-मिष्ठान्न भी नहीं होगा. दर्शनार्थियों से सरकार के त्रीसूत्री गाईडलाइन का कडाई से पालन करने का आह्वान संस्थाध्यक्ष बापुसाहब देशमुख, जी.एच.हिरपुरकर, दिनेश पाटिल वानखडे, वसंतराव देशमुख, प्रकाश महात्मे, गजानन देशमुख, सागर देशमुख व संस्था के पदाधिकारियों ने किया है.